Newsbytes
  • देश
  • राजनीति
  • दुनिया
  • बिज़नेस
  • खेलकूद
  • मनोरंजन
  • टेक्नोलॉजी
  • करियर
  • अजब-गजब
  • लाइफस्टाइल
  • ऑटो
  • एक्सक्लूसिव
  • वीडियो
  • खबरें
English
अन्य
चर्चित विषय
आईफोन
लेटेस्ट स्मार्टफोन्स
ऐपल
वीवो मोबाइल
मोटोरोला मोबाइल
स्मार्टफोन लीक
बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया
Newsbytes
English
Newsbytes
User Placeholder

Hi,

Logout


देश
राजनीति
दुनिया
बिज़नेस
खेलकूद
मनोरंजन
टेक्नोलॉजी
करियर
अजब-गजब
लाइफस्टाइल
ऑटो
एक्सक्लूसिव
वीडियो
खबरें

अन्य लिंक
  • वीडियो

हमें फॉलो करें
  • Facebook
  • Twitter
  • Linkedin
  • Youtube
 
होम / खबरें / टेक्नोलॉजी की खबरें / इंटरनेट चलाने के साथ-साथ बम और हथियारों का पता लगाने में भी काम आएगा Wi-Fi
टेक्नोलॉजी

इंटरनेट चलाने के साथ-साथ बम और हथियारों का पता लगाने में भी काम आएगा Wi-Fi

इंटरनेट चलाने के साथ-साथ बम और हथियारों का पता लगाने में भी काम आएगा Wi-Fi
लेखन प्रमोद कुमार
Nov 29, 2018, 10:47 am 3 मिनट में पढ़ें
इंटरनेट चलाने के साथ-साथ बम और हथियारों का पता लगाने में भी काम आएगा Wi-Fi

हमारे जीवन में Wi-Fi एक जरूरी हिस्सा बन गया है। घर से लेकर ऑफिस तक Wi-Fi के बिना कई काम रूक सकते हैं। रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और दूसरे सार्वजनिक स्थानों पर Wi-Fi की सुविधा दी जाने लगी है। इसकी मदद से न सिर्फ इंटरनेज तेज स्पीड से चलता है बल्कि डाटा ट्रांसफर की स्पीड भी तेज होती है। लेकिन अब Wi-Fi का इस्तेमाल सार्वजनिक स्थानों पर बम और हथियारों की पहचान करने के लिए भी किया जाएगा। आइये जानें कैसे।

अध्ययन
कनाडा की एक यूनिवर्सिटी में किया गया अध्ययन

कनाडा के न्यू ब्रंसविक की रटगर्स यूनिवर्सिटी ने कुछ महीनों पहले एक अध्ययन किया था। इसमें पता चला कि दैनिक जीवन में इस्तेमाल की जाने वाले Wi-Fi का इस्तेमाल बैग में छिपे बम, हथियारों और दूसरे रासायनिक पदार्थों का पता लगाने के लिए किया जा सकता है। इस अध्ययन में सामने आए परिणाम काफी मजूबत थे। इसके लिए इस अध्ययन को 2018 की 'कॉन्फ्रेंस ऑन कम्यूनिकेशन एंड नेटवर्क सिक्योरिटी' में सर्वश्रेष्ठ शोधपत्र घोषित किया गया था।

जानकारी
किसी भी बैग से आसानी से गुजरते हैं Wi-Fi सिग्नल

अध्ययनकर्ताओं ने दिखाया कि Wi-Fi सिग्नल धातु या तरल पदार्थ में से जिस हिसाब से गुजरते हैं उसका पता लगाया जा सकता है। अधिकतर हथियार और बम इन्हीं पदार्थों से बनते हैं। इसके अलावा Wi-Fi सिग्नल आसानी से किसी भी बैग से गुजर सकते हैं।

तरीका
ऐसे काम करता है यह सिस्टम

इस मॉडल को दिखाने के लिए अध्ययनकर्ताओं ने एक मजबूत सिग्नल वाला हथियार पकड़ने वाला Wi-Fi सिस्टम बनाया। इसके बाद इसे सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक 15 चीजों और 6 तरह के बैग पर जांचा गया। इसमें पता चला कि सिस्टम ने लगभग पूरी सटीकता (99 प्रतिशत) से खतरनाक चीजों को पहचान लिया। यह सिस्टम धातु को 98 प्रतिशत सटीकता, तरल पदार्थों को 95 प्रतिशत और दूसरी खतरनाक चीजों को 90 प्रतिशत सटीकता से पहचान लेता है।

प्रगति
सिस्टम को बेहतर बनाने के प्रयास जारी

अपने अध्ययन की सफलता से उत्साहित टीम इस सिस्टम की सटीकता को बेहतर बनाने के लिए काम कर रही है। फिलहाल अध्ययनकर्ता चीजों की आकृति और बैग में ले जाए जा रहे तरल पदार्थों की मात्रा पता लगाने पर काम कर रही है। ऐसा होने के बाद चीजों की वास्तविक पहचान आसान हो सकेगी। एक बार सिस्टम के काम में आने के बाद इससे आसानी से बम और हथियारों का पता लगाया जा सकेगा।

इस्तेमाल
जल्द ले सकता है एक्सरे मशीन की जगह

अभी तक सामान और बैग चेकिंग के लिए एक्सरे और कंप्यूटेड टेमोग्राफी जैसी महंगी और स्पेशल मशीनें इस्तेमाल की जा रही है। इन मशीनों के साथ-साथ इन्हें चलाने के लिए कई लोगों की भी जरूरत होती है। साथ ही हर सार्वजनिक स्थानों पर ऐसी मशीनें लगाना व्यवहारिक नहीं है। इसलिए नया Wi-Fi सिस्टम जल्द ही इन मशीनों की जगह ले सकता है। यह न सिर्फ सस्ता है बल्कि इसे कहीं भी लगाया जा सकता है।

इस खबर को शेयर करें
Facebook
Whatsapp
Twitter
Linkedin
प्रमोद कुमार
प्रमोद कुमार
Twitter
IIMC से पढ़ा। सच्ची, जरूरी और काम की हर बात आप तक पहुंचाने की कोशिश। राजनीतिक पार्टियों में हलचल से लेकर देश-दुनिया की बड़ी और अहम घटनाओं पर नजर रखता हूं। खबर को खबर की तरह आपके सामने पेश करने का प्रयास रहता है।
ताज़ा खबरें
सुरक्षा
ताज़ा खबरें
विमेंस टी-20 चैलेंज: ट्रेलब्लेजर्स ने वेलोसिटी को हराया, फाइनल में नहीं बना सकी जगह
विमेंस टी-20 चैलेंज: ट्रेलब्लेजर्स ने वेलोसिटी को हराया, फाइनल में नहीं बना सकी जगह खेलकूद
घर पर बनाकर खाएं ये थाई व्यंजन, आसान हैं रेसिपी
घर पर बनाकर खाएं ये थाई व्यंजन, आसान हैं रेसिपी लाइफस्टाइल
आयुष के बाद अब शहनाज गिल भी छोड़ने वाली हैं सलमान की 'कभी ईद कभी दीवाली'?
आयुष के बाद अब शहनाज गिल भी छोड़ने वाली हैं सलमान की 'कभी ईद कभी दीवाली'? मनोरंजन
गर्मियों में बड़े काम आ सकता है योगर्ट, जानिए इससे जुड़े शानदार हैक्स
गर्मियों में बड़े काम आ सकता है योगर्ट, जानिए इससे जुड़े शानदार हैक्स लाइफस्टाइल
व्हाट्सऐप पर मिलने वाला है नया फीचर, सेव कर पाएंगे डिसअपियरिंग मेसेज
व्हाट्सऐप पर मिलने वाला है नया फीचर, सेव कर पाएंगे डिसअपियरिंग मेसेज टेक्नोलॉजी
सुरक्षा
अमेजन अलेक्सा पर सुरक्षा का जिम्मा, सिक्योरिटी कैमरे में कोई दिखा तो मिलेगा नोटिफिकेशन
अमेजन अलेक्सा पर सुरक्षा का जिम्मा, सिक्योरिटी कैमरे में कोई दिखा तो मिलेगा नोटिफिकेशन टेक्नोलॉजी
लेटेस्ट एंड्रॉयड डिवाइसेस पर है डर्टी पाइप बग का खतरा, रहें सावधान
लेटेस्ट एंड्रॉयड डिवाइसेस पर है डर्टी पाइप बग का खतरा, रहें सावधान टेक्नोलॉजी
उत्तर प्रदेश में फायरिंग के बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को मिली Z श्रेणी की सुरक्षा
उत्तर प्रदेश में फायरिंग के बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को मिली Z श्रेणी की सुरक्षा देश
कारों में मिलने वाले ये फीचर्स बना सकते हैं सर्दियों में ड्राइविंग को आसान
कारों में मिलने वाले ये फीचर्स बना सकते हैं सर्दियों में ड्राइविंग को आसान ऑटो
अब दुर्घटना वाली जगहों की पहले से होगी जानकारी, लॉन्च हुई नई नेविगेशन ऐप
अब दुर्घटना वाली जगहों की पहले से होगी जानकारी, लॉन्च हुई नई नेविगेशन ऐप ऑटो
और खबरें
अगली खबर
अगली खबर

टेक्नोलॉजी की खबरें पसंद हैं?

नवीनतम खबरों से अपडेटेड रहें।

Science Thumbnail

Live

देश की खबरें राजनीति की खबरें दुनिया की खबरें बिज़नेस की खबरें खेलकूद की खबरें मनोरंजन की खबरें टेक्नोलॉजी की खबरें करियर की खबरें अजब-गजब की खबरें लाइफस्टाइल की खबरें
ऑटो की खबरें एक्सक्लूसिव की खबरें नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल कांग्रेस समाचार भाजपा समाचार कोरोना वायरस कोरोना वायरस वैक्सीन उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव
पंजाब विधानसभा चुनाव उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 विधानसभा चुनाव हिजाब विवाद यूक्रेन युद्ध
हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
हमें फॉलो करें
Facebook Twitter Linkedin Youtube
All rights reserved © NewsBytes 2022