नासा का यूरोपा क्लिपर यान रफ्तार कम करने के लिए करेगा मंगल ग्रह का उपयोग
क्या है खबर?
नासा का यूरोपा क्लिपर अंतरिक्ष यान लगभग 88,000 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज गति से यात्रा कर रहा है।
इस रफ्तार पर अचानक ब्रेक लगाना असंभव है, इसलिए यह मंगल ग्रह के गुरुत्वाकर्षण का उपयोग करेगा। जब यह मंगल के पास से 884 किलोमीटर की ऊंचाई से गुजरेगा, तो ग्रह की गुरुत्वाकर्षण शक्ति इसे धीमा करेगी और इसकी दिशा को सही करेगी।
इस तरह यान बिना अतिरिक्त ईंधन जलाए बृहस्पति के लिए सही मार्ग पर आ जाएगा।
ऊर्जा
मंगल के गुरुत्वाकर्षण से ऊर्जा में बदलाव
जब यूरोपा क्लिपर मंगल ग्रह के पास पहुंचेगा, तो यह लगभग 24 घंटे तक ग्रह के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में रहेगा।
इस दौरान, मंगल की ताकत इसे धीमा करने के साथ-साथ इसकी दिशा को भी नियंत्रित करेगी। जैसे कोई गाड़ी मोड़ पर धीमी होती है और सही दिशा में बढ़ती है, वैसे ही यह अंतरिक्ष यान भी अपनी कक्षा को दोबारा संतुलित करेगा।
मंगल से निकलने के बाद इसकी गति घटकर 81,000 किलोमीटर प्रति घंटे रह जाएगी।
तकनीक
बृहस्पति के सफर के लिए महत्वपूर्ण ब्रेकिंग तकनीक
यह ब्रेकिंग प्रक्रिया यूरोपा क्लिपर के बृहस्पति तक पहुंचने के मिशन का अहम हिस्सा है। इसके बाद, अंतरिक्ष यान को दिसंबर, 2026 में पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण की मदद से एक और ब्रेक मिलेगा।
इन दोनों फ्लाईबाई की मदद से यह ऊर्जा संतुलित करेगा और अप्रैल, 2030 तक बृहस्पति के चंद्रमा तक पहुंच जाएगा।
वहां यह बर्फीले चंद्रमा यूरोपा की सतह और उसके नीचे मौजूद महासागर की खोज करेगा। मंगल के पास से गुजरते हुए इसके उपकरणों की जांच की जाएगी।