नासा इस महीने लॉन्च करेगी स्फीयरएक्स टेलिस्कोप, जानिए क्या है इसकी खासियत
क्या है खबर?
अंतरिक्ष एजेंसी नासा इस महीने अपने एक और शक्तिशाली स्पेस टेलिस्कोप को लॉन्च करने वाली है।
इस टेलिस्कोप का नाम स्फीयरएक्स है, जो पूरे आकाश को इन्फ्रारेड लाइट में स्कैन करेगा। इसका मुख्य उद्देश्य ब्रह्मांड के जन्म और उसमें मौजूद आकाशगंगाओं को बेहतर ढंग से समझना है।
यह मिशन वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड की उत्पत्ति, सितारों की संरचना और जीवन के लिए जरूरी तत्वों की खोज में मदद करेगा। इस मिशन से हमें आकाशगंगा के रहस्यों के बारे में जानकारी मिलेगी।
लॉन्च
कब और कहां से होगा लॉन्च?
स्फीयरएक्स अंतरिक्ष वेधशाला को 27 फरवरी को लॉन्च किया जाएगा।
इसे कैलिफोर्निया के वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से भेजा जाएगा और यह टेलीस्कोप स्पेस-X के फाल्कन 9 रॉकेट की मदद से अंतरिक्ष में पहुंचेगा।
लॉन्च के बाद, यह पृथ्वी की कक्षा में रहकर पूरे आकाश का नक्शा तैयार करेगा। इस टेलीस्कोप को विशेष रूप से इन्फ्रारेड प्रकाश पर काम करने के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे वैज्ञानिक ब्रह्मांड के छिपे हुए रहस्यों को खोज सकेंगे।
खासियत
टेलीस्कोप की खासियतें
स्फीयरएक्स टेलीस्कोप पूरे आकाश को 102 अलग-अलग इन्फ्रारेड रंगों में मैप करके 45 करोड़ से अधिक आकाशगंगाओं के वितरण का अध्ययन करेगा।
वैज्ञानिक इस डाटा का उपयोग कर ब्रह्मांड में प्रकाश के सभी स्रोतों का बेहतर विश्लेषण कर सकेंगे।
इसके अलावा, यह वेधशाला गैस और धूल के बादलों में मौजूद पानी और कार्बन डाइऑक्साइड जैसे जीवन के लिए जरूरी तत्वों की भी जांच करेगी। यह जानकारी हमारे सौरमंडल के बाहर जीवन की संभावना को समझने में मदद कर सकती है।
तरीका
स्फीयरएक्स का अनोखा तरीका
अन्य स्पेस टेलीस्कोप की तुलना में, स्फीयरएक्स पूरे आकाश को स्कैन करने में सक्षम है।
हबल और जेम्स वेब टेलीस्कोप विशेष लक्ष्यों पर फोकस करते हैं, लेकिन स्फीयरएक्स पूरे ब्रह्मांड का विस्तृत चित्र तैयार करेगा।
यह 3D मैपिंग तकनीक का उपयोग करेगा, जिससे वैज्ञानिक समझ पाएंगे कि ब्रह्मांड में आकाशगंगाएं कैसे फैली हुई हैं और वे समय के साथ कैसे विकसित हुईं।
यह मिशन ब्रह्मांड में मौजूद रहस्यमयी डार्क मैटर और डार्क एनर्जी की जांच करने में भी मदद करेगा।
क्षमता
बहुत धुंधली रोशनी देख सकता है टेलीस्कोप
इस टेलीस्कोप का डिजाइन खास तौर पर इसे ठंडा रखने के लिए बनाया गया है, जिससे यह बहुत धुंधली रोशनी को भी देख सकेगा।
मिशन के डाटा का विश्लेषण अमेरिका, दक्षिण कोरिया और ताइवान के वैज्ञानिक करेंगे। स्फीयरएक्स का पूरा डाटा सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होगा, ताकि दुनियाभर के वैज्ञानिक इसका अध्ययन कर सकें।
यह मिशन ब्रह्मांड की उत्पत्ति से लेकर, उसमें मौजूद सितारों, आकाशगंगाओं और संभावित जीवन तक कई बड़े सवालों के जवाब खोजने में मदद करेगा।