NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    ऑपरेशन सिंदूर
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / टेक्नोलॉजी की खबरें / 59 साल बाद पृथ्वी के सबसे करीब आएगा बृहस्पति ग्रह, देखना होगा आसान
    अगली खबर
    59 साल बाद पृथ्वी के सबसे करीब आएगा बृहस्पति ग्रह, देखना होगा आसान
    बृहस्पति के करीब 53 चंद्रमा हैं। (तस्वीरः नासा)

    59 साल बाद पृथ्वी के सबसे करीब आएगा बृहस्पति ग्रह, देखना होगा आसान

    लेखन रोहित राजपूत
    Sep 23, 2022
    11:37 am

    क्या है खबर?

    26 सितंबर को लोग बृहस्पति ग्रह का अद्भुत नजारा देख सकते हैं, क्योंकि 59 सालों बाद यह ग्रह पृथ्वी के सबसे नजदीक आएगा।

    इस दिन पृथ्वी से देखने पर बृहस्पति ग्रह सूर्य के बिलकुल विपरीत देखने को मिलेगा और इस दौरान बृहस्पति ग्रह असामान्य रूप से चमकीला और बड़ा दिखेगा।

    इस घटना को वैज्ञानिक भाषा में 'अपोजिशन' कहा जाता है।

    59 साल में यह पहली घटना होगी जब बृहस्पति ग्रह पृथ्वी के इतना करीब पहुंचेगा।

    अपोजिशन

    हर 13 महीनों में एक बार होता है बृहस्पति का 'अपोजिशन'

    पृथ्वी से देखने पर जब कोई ग्रह पूर्व से उगे और सूर्य पश्चिम में अस्त हो तो पृथ्वी इन दोनों के बीच में आ जाती है, इस स्थिति को 'अपोजिशन' कहते हैं।

    बृहस्पति ग्रह के लिए 'अपोजिशन' आम बात है और यह हर 13 महीने में सूरज के विपरीत दिशा में आता है। ऐसे में हर साल पृथ्वी और बृहस्पति काफी नजदीक आते हैं, लेकिन इस बार इन दोनों ग्रहों के बीच में दूरी काफी कम होगी।

    दुर्लभ

    इस बार 'अपोजिशन' में क्या खास है?

    बृहस्पति का सूर्य की विपरीत दिशा में होना और धरती के सबसे करीब होना, ये दोनों घटनाएं एक साथ होना दुर्लभ है।

    आगामी 26 सितंबर को बृहस्पति और हमारे ग्रह के बीच की दूरी लगभग 36.7 करोड़ किलोमीटर होगी।

    यह दूरी भले ही आपको ज्यादा लगे, लेकिन बृहस्पति और पृथ्वी के बीच की दूरी को देखा जाए तो यह कम है।

    दोनों ग्रहों के बीच की सबसे अधिक दूरी लगभग 60 करोड़ किलोमीटर की होती है।

    कैसे देखें?

    काफी चमकीला और बड़ा दिखाई देगा बृहस्पति

    पृथ्वी के करीब पहुंचना और एक ही दिन 'अपोजिशन' होने से इस दिन बृहस्पति असामान्य रूप से काफी चमकीला और बड़ा दिखाई देगा।

    इसे देखने के लिए आप अच्छे दूरबीन या टेलीस्कोप की मदद लें सकते हैं और इसके गैलीलियन उपग्रहों को भी देख सकते हैं।

    इसके अलावा अधिक ऊंचाई वही जगह, जहां मौसम साफ हो और आसमान में अंधेरा हो, ऐसी जगह से आप इस दृश्य को अच्छे से देख पाएंगे।

    आप कई दिनों तक इसे देख सकते हैं।

    व्यू

    क्या-क्या देखने को मिलेगा?

    नासा के मार्शल स्पेसफ्लाइट सेंटर के एक रिसर्चर एडम कोबेल्स्की के अनुसार, अच्छी दूरबीन से बृहस्पति की बैंडिंग (कम से कम बीच वाला बैंड) और कुछ गैलीलियन उपग्रहों को देख सकते हैं।

    किसी बड़े टेलीस्कोप से देखते हैं तो आपको ग्रह का ग्रेट रेड स्पॉट और बैंड दिखाई देना चाहिए। जैसे 4 इंच या इससे बड़ा टेलीस्कोप हो, जिसमें हरे से नीले रंग की रेंज में कुछ फिल्टर होने चाहिए, इससे आप ग्रह को आसानी से देख पाएंगे।

    राय

    न्यूजबाइट्स प्लस

    बृहस्पति ग्रह ने लंबे समय से खगोलविदों और वैज्ञानिकों, दोनों को अपनी ओर आकर्षित किया है। वैज्ञानिक मानते हैं कि बृहस्पति के बारे में स्टडी करने से सौर मंडल के बारे में और भी खोजें की जा सकती हैं।

    जब यह ग्रह 26 सितंबर को पृथ्वी के सबसे करीब पहुंचेगा, तो यह हम सभी के लिए इसे विस्तार से देखने का एक अच्छा मौका होगा। इसके बाद यह मौका कब आएगा, यह कोई नहीं जानता।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    नासा
    अंतरिक्ष
    अंतरिक्ष कंपनी
    सौरमंडल

    ताज़ा खबरें

    इंटर मिलान को हराकर पहली बार चैंपियन्स लीग विजेता बनी पेरिस सेंट-जर्मेन, बनाए ये रिकॉर्ड्स  चैंपियन्स लीग
    इजरायल के साथ युद्धविराम पर सहमत हुआ हमास, बंधकों की रिहाई के बदले रखीं ये शर्तें इजरायल
    मिस वर्ल्ड 2025: टूट गया भारत की जीत का सपना, थाईलैंड की सुचाता चुआंग्सरी बनीं विजेता मिस वर्ल्ड
    राजपाल यादव बाेले- बॉलीवुड में अगर नपोटिज्म होता तो मेरे 200 रिश्तेदार यहीं होते राजपाल यादव

    नासा

    वर्जिन ऑर्बिट हवाई जहाज ने उड़ते वक्त लॉन्च किया रॉकेट, अंतरिक्ष में भेजे 10 सैटेलाइट टेक्नोलॉजी
    इसलिए मंगल ग्रह की मिट्टी खोद रहा है NASA का इनसाइट रोवर, सामने आई चुनौती मंगल ग्रह
    अंतरिक्ष का चक्कर लगाकर लौटे पूर्व अमेजन CEO जेफ बेजोस अंतरिक्ष यात्री
    रूस की गलती से 'आउट ऑफ कंट्रोल' हुआ इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन, NASA ने दी जानकारी स्पेस-X

    अंतरिक्ष

    2021 में ISRO का पहला मिशन 28 फरवरी को, भेजेगा कई सैटेलाइट्स ISRO
    बिरयानी से लेकर सूजी के हलवे तक, गगनयान मिशन पर एस्ट्रोनॉट्स को मिलेंगे ये व्यंजन ISRO
    क्या होते हैं UFOs और क्या एलियंस से है इनका कनेक्शन? नासा
    अंतरिक्ष यात्रियों पर पड़ता है सफर का बुरा असर, कमजोर हो जाती हैं हड्डियां- स्टडी अंतरिक्ष यात्री

    अंतरिक्ष कंपनी

    एलियंस की खोज के लिए तैरने वाले रोबोट्स बना रही है NASA, स्मार्टफोन जितना होगा आकार नासा
    इंसानों तक पहुंचने के लिए क्वॉन्टम मेसेजेस की मदद ले सकते हैं एलियंस- रिपोर्ट एलियंस
    कितना ठंडा है अंतरिक्ष; साइंस-फिक्शन फिल्मों में है कितनी सच्चाई? अंतरिक्ष यात्री
    दुनिया का सबसे बड़ा टेलीस्कोप जेम्स वेब, जानें इससे जुड़ी खास बातें नासा

    सौरमंडल

    इस गांव में नहीं पहुंचती थी रोशनी, तो गांव वाले ने बना लिया अपना नया सूरज इटली
    जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप के जरिए सामने आई बृहस्पति ग्रह की फोटो, उपग्रह यूरोपा भी दिखा नासा
    मंगल और यूरेनस एकसाथ नजर आएंगे, आप भी देख सकते हैं दुर्लभ खगोलीय नजारा नासा
    अंतरिक्ष में मिली एक सुपर अर्थ, जहां हैं जीवन की संभावनाएं- रिसर्च अंतरिक्ष
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025