आर माधवन की फिल्म 'रॉकेट्री' की रिलीज डेट जारी, दिखेगा नांबी नारायणन की जिंदगी का सच
अभिनेता आर माधवन की फिल्म 'रॉकेट्री: द नांबी इफेक्ट' लंबे समय से सुर्खियों में है। दर्शकों को इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार है और हो भी क्यों ना, इसके जरिए मशहूर साइंटिस्ट नांबी नारायणन के जीवन की सच्चाई जो दर्शकों के बीच आने वाली है। अब फिल्म की रिलीज डेट भी सामने आ गई है। खुद माधवन ने अपनी इस फिल्म की रिलीज का ऐलान किया है। आइए जानते हैं पर्दे पर कब दस्तक देगी 'रॉकेट्री: द नांबी इफेक्ट'।
माधवन ने फिल्म का पोस्टर शेयर कर जताई खुशी
माधवन ने इंस्टाग्राम पर इस फिल्म का एक पोस्टर साझा किया है। इसे लेकर अपनी खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने लिखा, 'हमें यह जानकारी देते हुए बहुत खुशी हो रही है कि फिल्म 'रॉकेट्री: द नांबी इफेक्ट' को अगले साल 1 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज किया जाएगा।' उन्होंने आगे लिखा, 'हमने इस फिल्म को बहुत प्यार और समर्पण के साथ बनाया है और आपने जो अब तक हमें प्यार दिया है, उसके लिए मैं आप सभी का आभारी हूं।'
आर माधवन का पोस्ट
माधवन ही हैं फिल्म के निर्देशक, निर्माता और लेखक
माधवन ना सिर्फ इस फिल्म में एक्टिंग कर रहे हैं, बल्कि उन्होंने इस फिल्म की कहानी भी लिखी है और इसके निर्माता-निर्देशक भी माधवन ही हैं। 1 अप्रैल, 2021 को फिल्म का ट्रेलर रिलीज किया गया था, जो दर्शकों को बेहद पसंद आया था। एक्शन से भरपूर इस ट्रेलर में आर माधवन का एक अलग अंदाज दिखा था। ट्रेलर में उनके डायलॉग भी शानदार थे। इस फिल्म की शूटिंग भारत, जॉर्जिया, रूस और फ्रांस जैसे देशों में की गई है।
फिल्म में काम कर रहे ये कलाकार
फिल्म 'रॉकेट्री: द नांबी इफेक्ट' छह भाषाओं हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ में एकसाथ रिलीज की जाएगी। फिल्म में माधवन ने नांबी नारायणन की भूमिका निभाई है। उनके अलावा सिमरन बग्गा, रजित कपूर, रवि राघवेंद्र, मिशा घोषाल, गुलशन ग्रोवर, कार्तिक कुमार और दिनेश प्रभाकर जैसे कलाकार भी इसमें अहम भूमिका निभा रहे हैं। फिल्म में शाहरुख खान भी मेहमान भूमिका में दिखने वाले हैं।
जानिए कौन हैं नांबी नारायणन
नांबी नारायणन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिक थे, जिन्हें देश से गद्दारी करने के झूठे आरोपों में फंसाया गया था। लंबी लड़ाई और पुलिस प्रशासन से लोहा लेने के बाद साल 1996 में सुप्रीम कोर्ट ने उनको बेगुनाह बताया था। यदि रॉकेट साइंटिस्ट नांबी नारायणन को झूठे केस में फंसाकर जेल नहीं भेजा गया होता, तो आज भारतीय अंतरिक्ष अभियान की कहानी कुछ और होती। कोर्ट में उनका यह मामला 2018 तक चला था।