
मंगल ग्रह की यात्रा अंतरिक्ष यात्रियों की किडनी बुरी तरह कर सकती है प्रभावित- अध्ययन
क्या है खबर?
नासा और स्पेस-X जैसी अंतरिक्ष कंपनियां इंसानों को मंगल ग्रह पर भेजने की योजना पर तेजी से काम कर रही हैं।
इस बीच एक नए अध्ययन में खुलासा हुआ है कि मंगल की लंबी यात्रा इंसानों की किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है।
नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित इस अध्ययन के मुताबिक, गहरे अंतरिक्ष में यात्रा करने से शरीर की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है और ये असर मिशन खत्म होने के बाद भी बने रह सकते हैं।
अध्ययन
इस अध्ययन का नेतृत्व किसने किया
इस अध्ययन का नेतृत्व यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL) के डॉ. कीथ सियू ने किया। उन्होंने 40 से अधिक पुराने अंतरिक्ष मिशनों का विश्लेषण किया, जिनमें अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) से मिले डाटा भी शामिल हैं।
इसके अलावा, उन्होंने उन शोधों को भी जोड़ा जो विकिरण के संपर्क में आए चूहों पर किए गए थे। डॉ. सियू की टीम ने पाया कि सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण और अंतरिक्ष विकिरण मिलकर किडनी की संरचना और कामकाज को बदल सकते हैं।
खतरा
गंभीर हो सकते हैं किडनी से जुड़े खतरे
अध्ययन में पाया गया कि लंबे अंतरिक्ष मिशनों के दौरान गुर्दे की नलिकाएं सिकुड़ सकती हैं।
ये नलिकाएं शरीर में खनिजों का संतुलन बनाए रखने में मदद करती हैं। अगर इनमें स्थायी बदलाव होते हैं तो डायलिसिस जैसी स्थितियां बन सकती हैं।
इसके अलावा, अंतरिक्ष यात्रियों में किडनी स्टोन बनने का खतरा भी ज्यादा पाया गया है, खासकर मंगल ग्रह जैसे लंबे मिशनों में यह खतरा और बढ़ सकता है।
चुनौती
भविष्य के मिशनों के लिए नई चुनौती
मंगल तक की यात्रा में 2 साल से ज्यादा समय लग सकता है, इसलिए वैज्ञानिकों ने कहा है कि इन स्वास्थ्य खतरों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
शोधकर्ताओं का मानना है कि अगर इन प्रभावों को समय रहते नहीं समझा गया, तो भविष्य की अंतरिक्ष यात्राएं मुश्किल हो सकती हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अब मेडिकल प्लानिंग को मिशन के बराबर प्राथमिकता देना जरूरी हो गया है।