
किन ग्रहों पर पृथ्वी के समान भूकंप अब तक किए गए हैं दर्ज?
क्या है खबर?
नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियां यह पता लगाने में लगी हैं कि क्या पृथ्वी के अलावा भी किसी ग्रह या चंद्रमा पर भूकंप जैसी गतिविधियां होती हैं।
इसके लिए अंतरिक्ष मिशनों के जरिए अलग-अलग पिंडों की सतह और आंतरिक हलचलों का अध्ययन किया जा रहा है। इन अध्ययनों से यह समझने में मदद मिल रही है कि हमारे सौरमंडल के ग्रहों में कितनी समानता या अंतर है।
आइए जानते हैं अब तक कहां-कहां भूकंप जैसे कंपन दर्ज किए गए हैं।
चंद्रमा
चंद्रमा पर कंपन
1969 से 1972 तक चले नासा के अपोलो मिशनों के दौरान चंद्रमा की सतह पर सिस्मोमीटर लगाए गए थे।
इन्हीं यंत्रों ने चंद्रमा के अंदर कंपन दर्ज किए, जिन्हें मूनक्वेक कहा जाता है। ये हल्के लेकिन लंबे समय तक चलने वाले कंपन थे।
इससे वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद मिली कि चंद्रमा का अंदरूनी ढांचा ठोस नहीं, बल्कि उसमें भी परतें हैं। यह खोज चंद्रमा की आंतरिक रचना समझने में एक बड़ा कदम थी।
मंगल
इनसाइट मिशन से मंगल ग्रह पर कंपन की खोज
नासा ने 2018 में इनसाइट मिशन मंगल ग्रह पर भेजा, जिसने वहां पहली बार भूकंप जैसे कंपन दर्ज किए।
2019 में पहली बार इन कंपनों की पुष्टि हुई, जिन्हें मार्सक्वेक कहा गया। इनसाइट लैंडर ने SEIS नामक यंत्र से ये मापा था। इससे वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद मिली कि मंगल के नीचे भी हलचल है और वह पूरी तरह निष्क्रिय ग्रह नहीं है।
यह अध्ययन भविष्य के मंगल अभियानों के लिए भी उपयोगी साबित हुआ।
अन्य
अन्य ग्रहों और चंद्रमाओं से संकेत
बुध ग्रह, यूरोपा (बृहस्पति का चंद्रमा) और एन्सेलेडस (शनि का चंद्रमा) जैसे पिंडों पर भी सतह की दरारों और बर्फीली परतों के खिसकने जैसे संकेत मिले हैं, जो वहां अंदरूनी हलचल का सबूत हो सकते हैं।
इन पर अब तक कोई कंपन मापने वाला यंत्र नहीं भेजा गया, लेकिन 2030 के बाद आने वाले मिशनों में यूरोपा और एन्सेलेडस पर भी कंपन रिकॉर्ड करने की योजना है।
इससे इनकी की संरचना और संभावित जीवन की स्थिति को समझा जा सकेगा।