
ISRO की अंतरिक्ष में एक और सफलता, उपग्रहों की दूसरी डॉकिंग भी हुई कामयाब
क्या है खबर?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (स्पेडेक्स) मिशन के तहत उपग्रहों की दूसरी डॉकिंग सफलतापूर्वक कर ली है।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार (21 अप्रैल) को इस उपलब्धि की जानकारी देते हुए कहा कि आने वाले सप्ताहों में और भी प्रयोग किए जाएंगे।
भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला रूस, अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का चौथा देश बन गया है।
बता दें, PSLV-C60/स्पेडेक्स मिशन 30 दिसंबर, 2024 को लॉन्च किया गया था।
2 चरण
कब-कब पूरे हुए डॉकिंग के 2 चरण?
स्पेस डॉकिंग मिशन का पहला डॉकिंग चरण 16 जनवरी को सुबह 6:20 बजे सफलतापूर्वक पूरा हुआ। इसके बाद 13 मार्च को सुबह 9:20 बजे अनडॉकिंग चरण पूरा हुआ।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "यह बताते हुए खुशी हो रही है कि उपग्रहों की दूसरी डॉकिंग सफलतापूर्वक पूरी हो गई है।"
यह उपलब्धि 12 जनवरी को किए गए एक पूर्व परीक्षण के बाद प्राप्त हुई है, जिसमें ISRO ने दोनों अंतरिक्ष यान को 3 मीटर करीब लाकर सुरक्षित दूरी पर वापस पहुंचाया।
परियोजना
क्या है स्पेडेक्स परियोजना?
ISRO के अनुसार, स्पेडेक्स परियोजना छोटे अंतरिक्ष यान का उपयोग करके अंतरिक्ष में डॉकिंग को प्रदर्शित करने के लिए एक लागत प्रभावी प्रौद्योगिकी प्रदर्शनकारी है।
PSLV-C60 रॉकेट ने 2 छोटे उपग्रहों- SDX01 (चेजर) और SDX02 (टारगेट) को 24 अन्य पेलोड के साथ लॉन्च किया।
श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरने के लगभग 15 मिनट बाद अंतरिक्ष यान को 475 किलोमीटर की ऊंचाई पर एक गोलाकार कक्षा में प्रक्षेपित किया गया।