ISRO ने 36 सैटेलाइटों को किया लॉन्च, जानिए क्यों खास है यह मिशन
क्या है खबर?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के साथ मिलकर ब्रिटेन की लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) सैटेलाइट संचार कंपनी वनवेब ने 36 सैटेलाइटों को लॉन्च कर दिया है।
इन सैटेलाइटों को आज सुबह 9 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया।
इस लॉन्च को ISRO की वाणिज्यिक शाखा न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस मिशन को LVM3-M3/वनवेब इंडिया-2 नाम दिया गया है।
रॉकेट
लॉन्च के लिए किस रॉकेट का किया गया इस्तेमाल?
वनवेब के 36 सैटेलाइटों को लॉन्च करने के लिए ISRO अपने सबसे ताकतवर रॉकेट LVM3 (GSLV-MK III) का इस्तेमाल किया है।
LVM3 की यह छठी उड़ान है, इससे पहले इस रॉकेट की मदद से चंद्रयान-2 मिशन सहित लगातार 5 सफल मिशन लॉन्च किए जा चुके हैं।
LVM3 की लंबाई 43.5 मीटर है और इसके जरिये 8,000 किलो वजनी सैटेलाइट को लॉन्च किया जा सकता है। यह 5,796 किलो के पेलोड को ले जाने वाला पहला भारतीय रॉकेट भी है।
जगह
कहां स्थापित किए जाएंगे ये सैटेलाइट?
इसरो द्वारा लॉन्च किए गए वनवेब के इन 36 सैटेलाइटों को पृथ्वी की सबसे निचली कक्षा (लो-अर्थ ऑर्बिट) में स्थापित किया जाएगा।
लो-अर्थ ऑर्बिट में कोई भी ऑब्जेक्ट लगभग 27,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भ्रमण करता है और इसकी ऊंचाई पृथ्वी के चारों ओर 1,600 से 2,000 किलोमीटर के बीच होती है।
ISRO के अनुसार, इन सैटेलाइटों का कुल वजन 5,805 किलोग्राम है। यह लॉन्च वनवेब का अब तक का 18वां लॉन्च है और इस साल का तीसरा।
खासियत
क्यों खास है यह मिशन?
वनवेब लो-अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइटों के माध्यम से दुनिया के कोने-कोने में स्पेस आधारित ब्रॉडबैंड इंटरनेट सर्विस मुहैया कराना चाह रही है।
यह लॉन्चिंग कामयाब होने पर वनवेब 600 से अधिक लो-अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइटों को लॉन्च करने के अपने कांस्टलेशन को पूरा कर लेगी।
यह सैटेलाइट अपने स्पेस आधारित ब्रॉडबैंड इंटरनेट सर्विस के माध्यम से दुनियाभर के समुदायों, उद्यमों और सरकारों को जोड़ने में मदद करेंगे।
इससे कस्बों, गांवों, स्कूलों और देश के सबसे दूर-दराज वाले क्षेत्रों को जोड़ा जा सकेगा।