इंसानों को अंतरिक्ष में भेजने की क्षमता तैयार कर रहा इसरो, स्पेस टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) अंतरिक्ष पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नए विकल्पों और क्षमताओं पर काम कर रहा है। आने वाले कुछ साल में इसके अरबों डॉलर का मार्केट बनने की उम्मीद की जा रही है, जिसके चलते इसरो भी पीछे नहीं रहना चाहता। संस्थान नई तकनीक के साथ आम नागरिकों को अंतरिक्ष की सैर पर भेज पाएगा और इंसानों को अंतरिक्ष में भेजने के खर्च में भी कटौती की जा सकेगी।
लो-अर्थ ऑर्बिट में भेजे जाएंगे इंसान
विज्ञान और तकनीक मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्पेस एजेंसी भारत में ही ऐसी क्षमता तैयार करने पर काम कर रही है, जिससे स्पेस टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। इनके साथ लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) में इंसानी स्पेस फ्लाइट संभव हो सकेगी। केंद्रीय मंत्री ने बताया है कि इसरो वर्तमान में दुनिया के 61 देशों के साथ मिलकर अंतरिक्ष के अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े शोध पर काम कर रहा है।
न्यूजबाइट्स प्लस
लो-अर्थ ऑर्बिट पृथ्वी की सतह से सबसे करीब मौजूद अंतरिक्ष का हिस्सा है, जो समुद्र तल से करीब 160 किलोमीटर की ऊंचाई पर मौजूद है। इसके बाद क्रम से मीडियन अर्थ ऑर्बिट, जियोसिंक्रोनस ऑर्बिट और हाई-अर्थ ऑर्बिट्स आते हैं।
तेजी से बढ़ने वाला है स्पेस टूरिज्म का मार्केट
स्पेस टूरिज्म का मार्केट पिछले कुछ साल में तेजी से बढ़ा है और इसमें ढेरों संभावनाएं हैं। खासकर बीते दिनों प्राइवेट ऐरोस्पेस कंपनियों ने सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर ऐसी फ्लाइट्स की हैं, जिनमें आम नागरिकों को अंतरिक्ष में भेजा गया है। मौजूदा स्थिति की बात करें तो एलन मस्क की कंपनी स्पेस-X का इस मार्केट में सबसे ज्यादा शेयर है और इसका ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट आम लोगों को शून्य गुरुत्वाकर्षण में ले जाने में सक्षम है।
जेफ बेजोस की कंपनी ब्लू ऑरिजन भी कर रही है काम
पिछले साल अमेजन फाउंडर जेफ बेजोस को उनकी कंपनी ब्लू ऑरिजन का न्यू शेफर्ड एयरक्राफ्ट अंतरिक्षी कै सैर पर ले गया था। बता दें, न्यू शेफर्ड एयरक्राफ्ट पूरी तरह ऑटोनॉमस है, यानी कि इसे उड़ाने या कंट्रोल करने के लिए किसी पायलट की जरूरत नहीं पड़ती। क्राफ्ट पहले से तय किए गए रास्ते पर तय वक्त में सफर कर सकता है और कंप्यूटर सिस्टम की मदद से किए गए सिम्युलेशन जैसा अनुभव यात्रियों को मिलता है।
आसान हो जाएगा अंतरिक्ष की सैर करना
इसरो के अलावा ब्लू ऑरिजन, स्पेस-X और वर्जिन जैसी प्राइवेट कंपनियां अंतरिक्ष को सामान्य दुनिया से जोड़ने की कोशिश में लगी हैं। जल्द सामान्य नागरिक भी ऐसे क्राफ्ट्स का टिकट लेकर अंतरिक्ष में घूमने जा सकेंगे। ब्लू ऑरिजन ने अपनी टिकट विंडो भी ओपेन कर दी है और कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर लोग भविष्य में होने वाली इसकी टूरिस्ट फ्लाइट्स के लिए टिकट बुक कर सकते हैं। हालांकि, यात्रियों को कुछ वक्त के लिए ट्रेनिंग दी जाती है।
पहले के मुकाबले सस्ता हुआ अंतरिक्ष में जाना
अंतरिक्ष के सफर पर जाना पहले के मुकाबले आसान और कम खर्चीला हो गया है। दरअसल, अंतरिक्ष में क्राफ्ट्स भेजने वाले रॉकेट्स को पहले नष्ट करना पड़ता था, जिनपर सबसे ज्यादा खर्च आता था। एलन मस्क की स्पेस-X और दूसरी कंपनियां अब मिशन में इस्तेमाल रॉकेट्स और एयरक्राफ्ट कैप्सूल्स सफलतापूर्वक वापस ला सकती हैं। इसरो सैटेलाइट लॉन्च में कई देशों की मदद कर रहा है, जिसकी तर्ज पर कम खर्च में स्पेस टूरिज्म की शुरुआत हो सकती है।