ISRO के नए अध्यक्ष के रूप में वी नारायणन ने संभाला कार्यभार
क्या है खबर?
वी नारायणन ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के नए अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाल लिया है। ISRO प्रमुख के तौर पर उनका कार्यकाल 2 वर्षों का होगा।
वह पहले लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (LPSC) के निदेशक थे, जहां उन्होंने ISRO के लॉन्च व्हीकल और सैटेलाइट्स के लिए प्रोपल्शन सिस्टम को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने क्रायोजेनिक और सेमी-क्रायोजेनिक चरणों के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण मिशनों के प्रोपल्शन सिस्टम विकसित करने वाली टीमों का नेतृत्व किया है।
योगदान
चंद्रयान और आदित्य-L1 मिशनों में योगदान
नारायणन ने चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 के लिए प्रोपल्शन तकनीक विकसित की, जो चंद्रमा तक मिशन ले जाने और सॉफ्ट लैंडिंग में उपयोग हुई। चंद्रयान-2 की विफलता के बावजूद चंद्रयान-3 ने एक बड़ी सफलता हासिल की।
उन्होंने आदित्य-L1 मिशन के प्रोपल्शन सिस्टम विकसित करने वाली टीम का भी नेतृत्व किया, जो सूर्य के पहले लैग्रेंज बिंदु तक पहुंचने के लिए डिजाइन किया गया है। इन प्रयासों ने ISRO की तकनीकी क्षमताओं को नया आयाम दिया।
मिशन
इन मिशनों की कमान संभालेंगे नारायणन
ISRO के नए प्रमुख के तौर पर नारायणन भारत के प्रमुख अंतरिक्ष मिशनों की कमान संभालेंगे। गगनयान मानव अंतरिक्ष मिशन, वीनस ऑर्बिटर और चंद्रयान-4 जैसे प्रोजेक्ट उनके नेतृत्व में पूरे होंगे।
वे पर्यावरण के अनुकूल ईंधन और निजी कंपनियों के साथ रॉकेट निर्माण पर ध्यान देंगे। भारत के पहले अंतरिक्ष स्टेशन की योजना भी उनकी देखरेख में आगे बढ़ेगी।
उनके अनुभव और विशेषज्ञता से इन मिशनों में सफलता की उम्मीद है, जिससे भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम मजबूत होगा।