आज रात लॉन्च होगा ISRO का चंद्रयान-2, जानिये कब और कहां देखें लॉन्चिंग
रविवार की रात 12 बजे के बाद यानी सोमवार, 15 जुलाई को भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक और इतिहास रचने जा रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से चंद्रयान-2 लॉन्च करेगा। इस मिशन के तहत चांद की सतह पर एक रोवर उतारा जाएगा। चंद्रमा की जानकारी जुटाने की कोशिश में भारत का यह दूसरा प्रयास होगा। इससे पहले भारत ने चंद्रयान-1 भेजा था। इसमें चंद्रयान-2 की तरह रोवर नहीं था।
कब होगा चंद्रयान-2 लॉन्च?
चंद्रयान-2 को GSLV-III रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। लॉन्चिंग के बाद यह छह सितंबर के आसपास चांद की सतह पर पहुंचेगा। चंद्रयान-2 को 15 जुलाई रात 02:15 बजे यानी रविवार और सोमवार के बीच की रात को लॉन्च किया जाएगा। सोमवार सुबह जब देश की जनता आंख खोलेगी, उससे पहले ISRO इतिहास रच चुका होगा। अगर आप ISRO को यह इतिहास रचते देखना चाहते हैं तो आपके पास कई ऑप्शन हैं, जहां आप चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग लाइव देख सकते हैं।
यहां देख सकते हैं लॉन्चिंग की लाइव कवरेज
अगर आप टीवी के सामने बैठकर चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग देखना चाहते हैं तो दूरदर्शन पर इसकी लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी। वहीं अगर आपके पास टीवी नहीं है तो आप यूट्यूब पर दूरदर्शन के आधिकारिक हैंडल पर जाकर इसकी लाइव स्ट्रीमिंग देख सकते हैं। दूरदर्शन आमतौर पर ISRO की लॉन्चिंग को अपनी कमेंट्री और लॉन्च पैड और ISRO कंट्रोल रूम के विजुअल के साथ कवर करता है। इसके अलावा ISRO अपने सोशल मीडिया हैंडल पर भी इसकी लाइव स्ट्रीमिंग करेगा।
लाइव देखने के लिए ISRO ने मांगे थे रजिस्ट्रेशन
ISRO ने चंद्रयान-2 की लाइव लॉन्चिंग देखने के इच्छुक लोगों से रजिस्ट्रेशन मांगे थे। रजिस्टर करने वाले लोगों को श्रीहरिकोटा में बनी ISRO की लॉन्च व्यूईंग गैलरी से इस ऐतिहासिक लॉन्चिंग को देखने का मौका मिलेगा। स्पेस टेक्नोलॉजी को लेकर लोगों को जागरुक करने के लिए स्टेडियम की तरह बनाई गई इस गैलरी में एक साथ 5,000 लोग बैठ सकते हैं। PSLV-C45 की लॉन्चिंग को लगभग 1,200 लोगों ने गैलरी में बैठकर देखा था।
ऐसा होगा चंद्रयान-2 का पूरा सफर
पूरी तरह भारत में तैयार हुआ है मॉड्यूल
हाल ही में ISRO ने इस मिशन पर भेजेे जाने वाले मॉड्यूल की तस्वीरें जारी की थी। मिशन पर तीन मॉड्यूल भेजे जाएंगे। इनमें एक ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर होगा। कुल 3.8 टन होगा वाले इस यान को पूरी तरह भारत में तैयार किया गया है। ISRO ने बताया कि इसमें 13 पेलोड्स (ऑर्बिटर में आठ, लैंडर में तीन और रोवर में दो) होंगे और एक NASA का प्रयोग होगा।
ये होंगे ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर के काम
ऑर्बिटर चांद की सतह से 100 किलोमीटर की दूरी पर चक्कर लगाएगा, जबकि लैंडर चांद के दक्षिण ध्रुव के पास सतह पर उतरेगा और रोवर चांद की सतर पर प्रयोग करेगा। लॉन्चिंग के वक्त रोवर लैंडर के अंदर रहेगा और ऑर्बिटर और लैंडर को साथ रखा जाएगा। इस मॉड्यूल को ISRO के GSLV MK-III लॉन्च व्हीकल से लॉन्च किया जाएगा। धरती की कक्षा में पहुंचने के बाद ऑर्बिटर प्रोपल्शन मॉड्यूल की मदद से यह चांद की कक्षा में पहुंचेगा।
हर 15 मिनट पर डाटा भेजेगा रोवर
रोवर चंद्रमा पर 14 दिन रहेगा। 6 पहिये वाले रोवर का वजन 20 किलो है। यह अत्याधुनिक उपकरणों से लैस होगा। वह इस दौरान चंद्रमा की सतह का विश्लेषण करेगा और ऑर्बिटर के जरिए हर 15 मिनट में खनिज एवं अन्य पदार्थों के बारे में डाटा और तस्वीरें भेजेगा। अगर यह मिशन सफल रहा तो भारत चंद्रमा की सतह पर पहुंचने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। अब तक रूस, अमेरिका और चीन ही ये कारनामा कर पाये हैं।
मिशन पर टिकी हैं दुनियाभर की नजरें
चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने के बाद लैंडर ऑर्बिटर से अलग होकर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहले से निर्धारित स्थान पर लैंड करेगा। इसके बाद लैंडर से बाहर निकल रोवर सतर पर वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देगा। ISRO ने बताया कि रोवर के अलावा ऑर्बिटर और लैंडर पर भी उपकरण लगाए गए हैं ताकि जरूरी प्रयोग किए जा सकें। भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया की नजरें इस मिशन पर टिकी हैं।