मेड इन इंडिया वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म बनाने के लिए सरकार ने चुनी ये 10 कंपनियां
भारत सरकार ने देश में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप बनाने के लिए जोहो, पीपललिंक और HCL टेक्नोलॉजी आदि कंपनियों को चुना है। दरअसल, पिछले महीने केंद्र सरकार ने जूम ऐप को असुरक्षित बताते हुए इसके इस्तेमाल पर रोक लगाई थी। इसके बाद सरकार ने एक चैलेंज शुरू किया था, जिसके तहत कंपनियों को मेड-इन-इंडिया वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप बनानी थी। इस चैलेंज को जीतने वाली टीम को एक करोड़ रुपये का ईनाम दिया जाएगा।
दूसरे चरण में किया जाएगा तीन टीमों का ऐलान
चैलेंज के पहले चरण में 10 टीमों का चयन किया जाना था। सरकार ने इन टीमों का चयन कर लिया है। अब इनमें से हर टीम को 5 लाख रुपये दिए जाएंगे ताकि ये जूम, गूगल हैंगआउट और माइक्रोसॉफ्ट आदि जैसे प्लेटफॉर्म का प्रोटोटाइप तैयार कर सकें। अगले चरण के लिए अब इनमें से तीन टीमें चुनी जाएंगी, जो अपने प्रोटोटाइप पर आगे काम कर सकेंगी। इसके लिए उन्हें 20-20 लाख रुपये दिए जाएंगे।
इन कंपनियों का किया गया चयन
जोहो, HCL टेक्नोलॉजी, पीपललिंक के अलावा सरकार ने पहले चरण के लिए एरिया टेलीकॉम, साइबर हॉरिजन कॉर्प, इंस्ट्रिव सॉफ्टलैब, पीपललिंक यूनिफाईड कम्यूनिकेशन सार्व वेब्स, सोलपेज IT सोल्यूशंस, टेकजेंटसिया सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी और दता इंजीनियस का चयन किया है।
29 मई को किया जाएगा विजेताओं का ऐलान
इस चैलेंज में भाग लेने के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 13 अप्रैल से शुरू होकर 30 अप्रैल तक चली थी। इसमें भाग लेने वाली टीमों को ऐसी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप बनानी होगी जो हर प्रकार के डिवाइस पर चले, जिसमें पूरा कम्युनिकेशन इन्क्रिप्टेड हो, जो कमजोर नेटवर्क वाले इलाकों में भी काम कर सके और पॉवर की खपत कम करें। चैलेंज के विजेता का ऐलान 29 जुलाई को किया जाएगा और विजेता टीम को एक करोड़ रुपये का ईनाम दिया जाएगा।
एक साल तक केंद्र और राज्य सरकारें इस्तेमाल करेंगी प्लेटफॉर्म
जिस टीम का प्लेटफॉर्म इस चैलेंज में विजेता बनेगा, उसे केंद्र और राज्य सरकारें पहले एक साल के लिए इस्तेमाल करेंगी। विजेता टीम को एक साल तक ऐप के मेंटेनेंस और ऑपरेशनल कॉस्ट के लिए भी 10 लाख रुपये मिलेंगे। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के इस प्रोजेक्ट के साथ सरकार भारतीय सॉफ्टवेयर को आगे बढ़ाने की योजना बना रही है। इसके साथ ही सरकार भी अलग से अपना वीडियो कॉन्फ्रेसिंग प्लेटफॉर्म बना रही है।
कोरोना वायरस संकट के कारण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म की मांग
कोरोना वायरस संकट के कारण लागू लॉकडाउन के चलते अधिकतर ऑफिस बंद हैं और कर्मचारी घर पर बैठे काम करने को मजबूर हैं। इस वजह से मीटिंग और दूसरे कामों आदि के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म की मांग बढ़ी है। लॉकडाउन के दौरान ही जूम ऐप की मांग में इजाफा हुआ था और यह जल्द ही सबसे ज्यादा डाउनलोड होने वाली ऐप्स में शामिल हो गई थी, जिसे केंद्र सरकार ने असुरक्षित बता दिया था।