
गूगल लाई आर्काइव्ड ऐप्स फंक्शन, एंड्रॉयड यूजर्स को कम स्टोरेज से मिलेगा छुटकारा
क्या है खबर?
स्मार्टफोन्स के बढ़ते इस्तेमाल और जरूरत के चलते उनमें स्टोरेज स्पेस कम होने की दिक्कत अक्सर आती है।
लंबा वक्त बीतने के साथ फोन का स्टोरेज खत्म होता जाता है और मीडिया फाइल्स से लेकर हैवी ग्राफिक्स वाले गेम्स तक इसके लिए जिम्मेदार होते हैं।
आखिर में यूजर्स के पास कम इस्तेमाल होने वाली ऐप्स डिलीट करने का विकल्प बचता है।
गूगल अब एक आर्काइव ऐप्स फीचर लाई है, जिसके साथ बिना ऐप्स अनइंस्टॉल किए स्टोरेज खाली किया जा सकेगा।
ब्लॉग
गूगल ने ब्लॉग में दी फीचर की जानकारी
सर्च इंजन कंपनी ने एक ब्लॉग पोस्ट में एंड्रॉयड फोन्स से जुड़े नए फंक्शन के बारे में बताया है, जिसे 'आर्काइविंग' नाम दिया गया है।
गूगल ने बताया कि नए फंक्शन के साथ 'यूजर्स को ऐप स्टोरेज का करीब 60 प्रतिशत हिस्सा दोबारा मिल जाएगा' और इसके लिए ऐप डिलीट नहीं करनी पड़ेगी।
ऐसा करने के लिए ऐप के 'कुछ हिस्सों को हटा दिया जाएगा' और उसे पूरी तरह अनइंस्टॉल नहीं करना होगा।
तरीका
रीस्टोर की जा सकेगी आर्काइव्ड ऐप
गूगल ने कहा है कि आर्काइव्ड ऐप डिवाइस पर मौजूद रहेगी, लेकिन यूजर का डाटा इस्तेमाल नहीं करेगी।
इस तरह यूजर्स के लिए किसी ऐप को 'लेटेस्ट कंपैटिबल वर्जन' पर रीस्टोर करना आसान होगा और लंबे वक्त बार इस्तेमाल करने पर ऐप रीस्टोर हो जाएगी।
यह फंक्शन ऐप के उन हिस्सों को हटा देगा, जिनका यूजर्स कम इस्तेमाल करते हैं।
डिवेलपर्स को इसकी मदद से अपनी ऐप समझने और कम स्टोरेज स्पेस लेने में मदद मिलेगी।
इंतजार
पब्लिक रोलआउट में अभी लगेगा वक्त
आर्काइव ऐप फंक्शन के पब्लिक रोलआउट में अभी वक्त लगेगा।
गूगल ने एक नया बंडलटूल 1.10 वर्जन रिलीज किया है, जिसके साथ सभी ऐप डिवेलपर्स ऐप बंडल्स की आर्काइविंग सपोर्ट करेंगे।
जो ऐप्स एंड्रॉयड ग्रेडल प्लगइन 7.3 की मदद से तैयार की गई हैं, उन्हें आर्काइव फंक्शन का फायदा 'नई तरह के APK' की मदद से मिलेगा, जिन्हें आर्काइव्ड APKs कहा जाएगा।
ये APKs साइज में बेहद छोटे होंगे, जो ऐप रीस्टोर होने तक यूजर्स डाटा सुरक्षित रख सकेंगे।
फायदा
डिवेलपर्स को भी मिलेगा फंक्शन का फायदा
एक बार आर्काइव्ड APK तैयार होने के बाद वह डिवेलपर्स के लिए भी जेनरेटेड APKs API या फिर ऐप बंडल एक्सप्लोरर के प्ले कंसोल में देखने के लिए उपलब्ध होगा।
गूगल ने आर्काइव्ड ऐप्स फंक्शनैलिटी को ओपेन-सोर्स रखा है, जिससे दूसरे डिवेलपर्स इसके कोड को देख सकेंगे और अपनी ऐप्स को नए फंक्शन के लिए तैयार कर पाएंगे।
ऐप्स को हिस्सों में इंस्टॉल या डिलीट करने से उनके काम करने का तरीका भी बेहतर हो सकता है।
ऐपल
आईफोन यूजर्स को भी मिलता है ऐसा फीचर
ऐपल अपने यूजर्स को वे ऐप्स 'ऑफलोड' करने का विकल्प देती है, जिन्हें वे ज्यादा इस्तेमाल नहीं करते।
हालांकि, इस फंक्शन में ऐप को रीस्टोर करने के लिए इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत होती है। यूजर्स छोटे से डाउनलोड के बाद ऐप दोबारा इस्तेमाल कर पाते हैं।
गूगल की आर्काइव्ड ऐप्स ऐसे ही काम करेंगी और इंटरनेट डाउनलोड की जरूरत होगी या नहीं, इस बारे में ज्यादा जानकारी अगले कुछ सप्ताह में सामने आएगी।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
गूगल ऐप डाउनलोड्स के लिए भी ऐसे फंक्शन पर काम कर रही है, जिसके साथ यूजर्स पूरी ऐप इंस्टॉल करने के बजाय उसका केवल एक हिस्सा डाउनलोड कर पाएंगे और बाकी फंक्शंस जरूरत के हिसाब से बाद में डाउनलोड किए जाएंगे।