प्रोडक्ट पर डिस्काउंट आया तो गूगल क्रोम देगा जानकारी, एंड्रॉयड यूजर्स से हुई शुरुआत
क्या है खबर?
मोबाइल प्लेटफॉर्म्स और PC दोनों पर गूगल क्रोम सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले इंटरनेट ब्राउजर्स में शामिल है।
इस ब्राउजर में सर्च इंजन कंपनी की ओर से नया फीचर शामिल किया गया है, जिसका फायदा ऑनलाइन शॉपिंग के शौकीन यूजर्स को मिलेगा।
नए फीचर के साथ किसी प्रोडक्ट की कीमत में होने वाले बदलाव को ट्रैक किया जा सकेगा।
यानी कि डिस्काउंटेड प्राइस पर कीमत कम होने के बाद खरीददारी आसान हो जाएगी।
फीचर
'ट्रैक प्राइसेज' नाम से आया नया क्रोम फीचर
गूगल क्रोम यूजर्स को नया फीचर 'ट्रैक प्राइसेज' नाम से दिया गया है, जिसके साथ उन्हें उनकी पसंद के प्रोडक्ट की कीमत कम होने की जानकारी दी जाएगी।
इस तरह यूजर्स को बार-बार शॉपिंग वेबसाइट्स पर जाकर पेज रीफ्रेश करने और कीमत ट्रैक करने की लंबी प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा।
यूजर्स वह प्रोडक्ट चुन सकेंगे, जिसकी कीमत में होने वाला बदलाव ट्रैक करना चाहते हैं और क्रोम ब्राउजर की ओर से उन्हें अपडेट्स दिए जाएंगे।
बदलाव
टैब ग्रिड पर दिखाया जाएगा ओवरले
क्रोम प्रोडक्ट्स की कीमत में होने वाले बदलाव टैब ग्रिड पर नए ओवरले के साथ दिखाए जाएंगे।
अलग-अलग टैब्स में दिखने वाले कई प्रोडक्ट्स के लिए यूजर्स को हर टैब और प्रोडक्ट के ऊपर ओवरले दिखाया जाएगा।
इस तरह एकसाथ कई प्रोडक्ट्स की कीमतें ट्रैक करना आसान होगा और सभी के लिए अलग-अलग URL पर जाने की जरूरत नहीं होगी।
हालांकि, इस फीचर को इस्तेमाल करने से पहले अनलॉक करना होगा।
तरीका
ऐसे अनलॉक कर सकेंगे नया क्रोम फीचर
ट्रैक प्राइसेज फीचर अभी एंड्रॉयड यूजर्स को मिल रहा है और इसका इस्तेमाल शुरू करने के लिए क्रोम ऐप ओपेन कर तीन-डॉट्स वाले मेन्यू पर टैप करना होगा।
यहां दिखने वाले विकल्पों में 'ट्रैक प्राइसेज' को चुनना होगा और यह विकल्प गूगल क्रोम ऐप लेटेस्ट वर्जन पर अपडेट होने की स्थिति में ही दिखेगा।
अभी एंड्रॉयड यूजर्स के लिए केवल अमेरिका में रोलआउट हो रहा यह फीचर बाद में दूसरे डिवाइसेज का हिस्सा बनाया जा सकता है।
चेतावनी
फौरन अपडेट करें गूगल क्रोम ब्राउजर
गूगल ने सभी क्रोम यूजर्स से फौरन ब्राउजर को लेटेस्ट वर्जन पर अपडेट करने के लिए भी कहा है।
सामने आया है कि मौजूदा खामियों के चलते यूजर्स पर रिमोट अटैक किया जा सकता है।
रिमोट अटैकर ब्राउजर में मिली खामी की वजह से टारगेट सिस्टम पर आर्बिटरेरी कोड रन कर सकते हैं और उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं।
इसके बाद अटैकर पर्सनल डाटा चोरी कर सकता है और डिवाइस में मालवेयर इंस्टॉल कर जासूसी भी कर सकता है।
न्यूजबाइट्स प्लस
क्रोम में बेहतर प्राइवेसी के लिए ऐसा करें
क्रोम फ्लेक्सिबल और ओपेन-सोर्स ब्राउजर है, यानी कि गूगल ने इंडिपेंडेंट डिवेलपर्स को प्राइवेसी-फोक्स्ड अनुभव देने की अनुमति दे रखी है।
अगर आप क्रोम में बेहतर प्राइवेसी चाहते हैं तो क्रोम वेब स्टोर पर जाकर ऐसे एक्सटेंशंस डाउनलोड कर सकते हैं।
इन एक्सटेंशंस के साथ आपको अलग-अलग प्राइवेसी फंक्शंस मिल जाते हैं।
कुछ एक्सटेंशंस अपने आप ब्राउजर कैश और टेंपरेरी वेबसाइट डाटा डिलीट करने का काम भी कर देते हैं।