कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सरकार की मदद के लिए आगे आए ये स्टार्टअप्स
पूरी दुनिया खतरनाक कोरोना वायरस (COVID-19) के खिलाफ जंग लड़ रही है। भारत में भी 30,000 से ज्यादा लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं। भारत सरकार पूरे दमखम के साथ इस लड़ाई में लगी हुई है। इस लड़ाई को धार देने के लिए कई कंपनियां और स्टार्टअप्स भी सरकार के साथ कंधे से कंधे मिलाकर काम कर रहे हैं। आज हम आपको ऐसे ही कुछ स्टार्टअप्स के बारे में बताएंगे।
Haptik- सरकार के लिए व्हाट्सऐप चैटबॉट तैयार किया
सरकार ने कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच लोगों के सवालों के जवाब देने के लिए व्हाट्सऐप चैटबॉट लॉन्च किया था। यह चैटबॉट Haptik ने तैयार किया है। यह कोरोना वायरस को लेकर आमतौर पर पूछे जाने वाले सवालों का जवाब देता है। इसमें लोगों को ऐहतियाती उपाय, महामारी के लक्षण, सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों का सच, हेल्पलाइन नंबर, आसपास के इलाके में आए संक्रमित मामले और सरकारी की एडवायजरी के बारे में बताया जाता है।
Aiisma ने बनाई कोरोना वायरस ट्रेकिंग फीचर वाली ऐप
Aiisma ने AiiHealth नाम से एक ऐप तैयार की है, जिसका इस्तेमाल कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए किया जा सकता है। भारत के अंकित चौधरी ने स्विट्जरलैंड के निकोलस बोहेनलैंड के साथ मिलकर इस स्टार्टअप की शुरुआत की थी।
Staqu ने बनाया AI पावर्ड थर्मल कैमरा
गुड़गांव स्थित स्टार्टअप Staqu ने नया थर्मल कैमरा तैयार किया है। इसमें इस्तेमाल हुई टेक्नोलॉजी हर उस शख्स के बारे में सिस्टम को अलर्ट कर देगी, जिसका बॉडी टेंपरेचर 37° C से ज्यादा होगा। इससे प्रशासन के लिए उन लोगों की पहचान करना आसान हो जाएगा, जो कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीज हो सकते हैं। यह कैमरा 100 मीटर की रेंज तक काम कर सकता है और एक साथ ऐसे कई लोगों की पहचान करने में सक्षम है।
कोरोना वॉरियर्स के ला-ले जा रही Zoomcar
Zoomcar लॉकडाउन के दौरान आपातकालीन परिवहन के लिए आगे आया है। लॉकडाउन के कारण कंपनी ने अपने वाहनों का परिवहन रोक दिया था, जिसे लॉकडाउन के दौरान अग्रिम मोर्चे पर कोरोना वायरस से लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मी, डिलीवरी एग्जीक्यूटिव और बैंक कर्मियों को लाने-ले जाने के लिए प्रयोग किया जा रहा है। इसके लिए Zoomcar ने कई संगठनों के साथ साझेदारी की है ताकि उनके लोगों को सुरक्षित एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाया जा सके।
Trell पर डॉक्टर कर रहे लोगों को जागरूक
बेंगलुरू स्थित स्टार्टअप Trell एक कम्युनिटी बेस्ड प्लेटफॉर्म है। इस पर स्थानीय भाषाओं में यूजर जनरेटेड कंटेट मिलता है। कोरोना वायरस के प्रकोप के दौरान कुछ डॉक्टर्स Trell के माध्यम से लोगों को महामारी के बारे में जागरूक कर रहे हैं। Trell के ज्यादातर यूजर्स छोटे शहरों में रहने वाले लोग हैं। 2017 में IIT के पूर्व छात्रों द्वारा शुरू किए गए इस प्लेटफॉर्म पर तमिल, तेलुगू, मलयालम, इंग्लिश और हिंदी में कंटेट उपलब्ध है।
दृष्टिबाधित लोगों के लिए हेल्पाइन चला रहा Khabri
स्थानीय भाषाओं में देश के पहले डिजिटल ऑडियो कंटेट प्लेटफॉर्म Khabri ने दृष्टिबाधित लोगों के लिए कोरोना वायरस हेल्पलाइन शुरू की है। इसके तहत मेडिकल, मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और आर्थिक जगत के विशेषज्ञ कोरोना वायरस संकट के बीच लोगों के सवालों के जवाब देते हैं।