Page Loader
कर्नाटक सरकार ने रद्द कीं प्रवासी मजदूरों के लिए चलने वाली ट्रेनें, कांग्रेस ने साधा निशाना

कर्नाटक सरकार ने रद्द कीं प्रवासी मजदूरों के लिए चलने वाली ट्रेनें, कांग्रेस ने साधा निशाना

May 06, 2020
05:27 pm

क्या है खबर?

कर्नाटक ने प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य पहुंचाने के लिए चलाई जा रहीं सभी 10 ट्रेनों को बंद कर दिया है। राज्य की भाजपा सरकार का कहना है कि राज्य में कंस्ट्रक्शन का काम शुरू हो गया है और मजदूरों का राज्य में बने रहना जरूरी है। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने उनसे राज्य में बने रहने की अपील की है। वहीं विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने कहा कि मजदूरों को इस तरीके से बंधक बनाकर नहीं रखा जा सकता।

पृष्ठभूमि

क्या है पूरा मामला?

पिछले हफ्ते 29 अप्रैल को केंद्र सरकार ने अपनी गाइडलाइंस में बदलाव करते हुए राज्यों को लॉकडाउन के कारण उनके यहां फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य पहुंचाने की अनुमति दी थी। हालांकि, राज्यों को इसके लिए केवल बसों के प्रयोग की अनुमति दी गई थी। राज्यों के बसों के जरिए ऐसा करने में कई परेशानियों का जिक्र करने के बाद केंद्र सरकार ने 'श्रमिक एक्सप्रेस' के नाम से विशेष ट्रेनें चलाने का आदेश दिया था।

विशेष ट्रेनें

कर्नाटक ने की थी 10 ट्रेनें चलाने का अनुरोध

कर्नाटक ने अपने राज्य में फंसे प्रवासी मजदूरों को वापस उनके गृह राज्य पहुंचाने के लिए 10 ट्रेनें चलाने का अनुरोध किया था, जिसे अब वापस ले लिया गया है। मामले के नोडल अधिकारी एन मंजूनाथ प्रसाद ने दक्षिण-पश्चिम रेलवे को पत्र लिखते हुए कहा, "हमने आपसे पांच दिन के लिए प्रतिदिन दो ट्रेनों का इंतजाम करने को अनुरोध किया था... चूंकि कल से इन ट्रेन सेवाओं की जरूरत नहीं है, इसलिए इस अनुरोध को वापस लिया जाता है।"

कारण

मजदूरों की कमी होने की आशंका के कारण लिया गया फैसला

कर्नाटक की भाजपा सरकार के इस फैसले के पीछे लॉकडाउन खत्म होने के बाद औद्योगिक गतिविधियों शुरू होने पर मजदूरों की कमी की आशंका को कारण माना जा रहा है। आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में येदियुरप्पा ने कहा, "हम 3,500 बसों और ट्रेनों में लगभग एक लाख लोगों को उनके घर पहुंचा चुके हैं। मैंने प्रवासी मजदूरों से रुकने की अपील भी की है क्योंकि अब कंस्ट्रक्शन का काम शुरू हो चुका है।"

बयानबाजी

कांग्रेस ने कहा- मजदूरों को बंधक बनाकर नहीं रख सकते

विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इस फैसले के लिए येदियुरप्पा सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार ने कहा, "हम उन्हें (प्रवासी मजदूरों) को बंधक बनाकर नहीं रख सकते। हमें उन्हें भरोसे में लेना होगा। सरकार और बिल्डरों को उन्हें प्रोत्साहन राशि देनी चाहिए।" वहीं भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने ट्वीट कर कहा कि ये एक साहसिक और जरूरी कदम है और इससे कर्नाटक मजबूत बनकर उभरेगा।

राहत पैकेज

लॉकडाउन से प्रभावित वर्गो के लिए 1,610 करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान

बता दें कि आज ही कर्नाटक सरकार ने लॉकडाउन से सबसे अधिक प्रभावित हुए वर्गों के लिए 1,610 करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया है। इसके तहत फूल उगाने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर 25,000 रुपये की राहत दी जाएगी। वहीं धोबियों और नाइयों को मुआवजे के तौर पर 5,000 रुपये दिए जाएंगे। इसी तरह ऑटो और टैक्सी ड्राइवरों को भी 5,000 रुपये दिए जाएंगे। कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों को भी 3,000 रुपये दिए जाएंगे।