दिल्ली: शराब खरीदने के लिए मिलेंगे ई-टोकन, ऐसे करें अप्लाई
क्या है खबर?
लॉकडाउन में शराब के ठेकों के बाहर उमड़ रही भीड़ को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने ई-टोकन सर्विस शुरू की है।
इसके तहत लोगों को अपने नजदीकी ठेके से शराब खरीदने के लिए टाइम स्लॉट दिया जाएगा। लोग उसी टाइम जाकर शराब खरीद सकेंगे। इससे भीड़ को कम करने में मदद मिलेगी।
सरकार ने कहा कि इस सर्विस से ठेके के बाहर लगने वाले वाली लाइनें कम होंगी और लोग ई-टोकन के जरिये शराब खरीद सकेंगे।
अप्लाई करने का तरीका
ई-टोकन के लिए कैसे अप्लाई करें?
दिल्ली में रहने वाले शराब खरीदने के इच्छुक लोग यहां टैप कर ई-टोकन के लिए अप्लाई कर सकते हैं। टोकन अप्लाई करने के लिए लोगों को नाम और फोन नंबर बताना होगा, जिसके बाद उनके फोन पर ई-टोकन भेज दिया जाएगा।
आदेश के मुताबिक, लाइन में खड़े लोगों को भी टोकन जारी किये जा सकते हैं।
टोकन की मदद से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित हो सकेगा और लोगों को भी घंटों तक लाइन में इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
जानकारी
कुछ ही घंटों में क्रैश हुई साइट
ई-टोकन अप्लाई करते समय लोगों को अपने इलाके के ठेेकों का पता देना होगा। सरकार की तरफ से इस सर्विस के ऐलान के बड़ी संख्या में लोग टोकन अप्लाई करने लगे, जिससे कुछ घंटों के भीतर ही यह साइट क्रैश हो गई।
लॉकडाउन
दिल्ली में खुले हैं शराब के 160 ठेके
केंद्र सरकार की तरफ से लॉकडाउन 3.0 की गाइडलाइंस आने के बाद दिल्ली सरकार ने राजधानी में लगभग 200 ठेकों को खुलने की अनुमति दी थी, लेकिन भीड़ को देखते हुए करीब 160 ठेके ही खोले जा रहे हैं।
सरकार ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए ठेकों को भी लाइन में खड़े लोगों को टोकन बांटने का आदेश दिया है।
साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए मार्शल तैनात करने का भी विचार किया जा रहा है।
जानकारी
दिल्ली में शराब की कुल 864 दुकानें
राष्ट्रीय राजधानी में शराब के कुल 864 ठेके हैं। इनमें से 475 पर अलग-अलग सरकारी विभागों का नियंत्रण है वहीं 389 प्राइवेट कंपनियों या लोगों के पास है। लॉकडाउन के पहले दो चरणों में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध था।
टैक्स
दिल्ली में शराब पर लग रहा 70 प्रतिशत कोरोना टैक्स
दिल्ली सरकार ने शराब पर 70 प्रतिशत विशेष कोरोना वायरस टैक्स लगाया है।
सरकार की ओर से लगाए गए टैक्स को 'स्पेशल कोरोना फीस' नाम दिया गया है और यह बोतल पर लिखे MRP पर लागू होगा।
यानी यदि किसी बोलत की MRP 1,000 रुपये हैं तो उसके लिए लोगों को 1,700 रुपये चुकाने होंगे। इसके बावजूद ठेकों पर भीड़ कम नहीं हुई।
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार राजस्व जुटाने के लिए टैक्स बढ़ा रही है।