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मिनी बस के आकार का क्षुद्रग्रह धरती के करीब से गुजरा, टल गया संकट
2023 BU क्षुद्रग्रह के आकार को अलग-अलग तरह से बताया जा रहा है, इसे मिनी बस, ट्रक, हाथी के आकार का कहा जा रहा है (तस्वीर:NASA/JPL-Caltech)

मिनी बस के आकार का क्षुद्रग्रह धरती के करीब से गुजरा, टल गया संकट

लेखन रजनीश
Jan 28, 2023
02:15 pm

क्या है खबर?

अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का कहना है कि मिनी बस के आकार का एक क्षुद्रग्रह (स्पेस रॉक) धरती के पास से गुजर गया। 2023 BU नाम का ये स्पेस रॉक 00:30 बजे से ठीक पहले दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी छोर के काफी करीब से निकल गया। धरती और उसके बीच सिर्फ 3,600 किलोमीटर की दूरी थी। यह उस दूरी के सिर्फ एक चौथाई के बराबर है, जितनी दूरी पर हमारे टेलीफोन और गाड़ियों के नेविगेशन सिस्टम को चलाने वाले सैटलाइट रहते हैं।

क्षुद्रग्रह हैं मौजूद

क्षुद्रग्रह की नहीं थी कोई जानकारी

अंतरिक्ष के गुणा-गणित में इस दूरी को दूरी नहीं बल्कि करीब माना जाता है। मतलब पृथ्वी के पास अभी भी बड़े आकार के क्षुद्रग्रह हैं, जिनका पता लगाया जाना बाकी है। इस क्षुद्रग्रह के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। ये अचानक अंतरिक्ष से निकल कर आया। खगोल विज्ञानियों को जब इसके बारे में पता चला तो वो चिंता में आ गए क्योंकि ये सीधा धरती की तरफ बढ़ रहा था और काफी करीब आने की आशंका भी थी।

शौकिया खगोलविद ने दी जानकारी 

स्पेस रॉक का नाम: 2023 BU

2023 BU नाम के इस क्षुद्रग्रह को पहली बार क्रीमिया में शौकिया खगोलविद गेन्नडी बोरिसोव ने 21 जनवरी को देखा था। इस बात की जानकारी उन्होंने दूसरे अंतरिक्ष जानकारों को दी। गेन्नडी, क्रीमिया के नोचनी से ऑपरेट कर रहे थे, जिसे रूस ने 2014 में यूक्रेन से जब्त कर लिया था। जानकारी मिलते ही दुनियाभर के वैज्ञानिक इस बात का पता लगाने में जुट गए थे कि ये क्षुद्रग्रह किस तरफ बढ़ रहा है।

निकास की योजना

धरती से टकराने का नहीं था डर

वैज्ञानिक सबसे पहले इस काम में लगे कि क्या धरती पर इस क्षुद्रग्रह के निकास के लिए तुरंत कोई योजना बनाने की जरूरत तो नहीं है। समय रहते ही नासा की इम्पैक्ट मूल्यांकन प्रणाली स्काउट का इस्तेमाल करके जल्द ही पता लगा लिया गया था कि ये धरती से नहीं टकराएगा। अगर 2023 BU सीधी टक्कर की राह पर होता तो इससे ज्यादा नुकसान नहीं होता। धरती के वायुमंडल से गुजरते हुए ये लगभग जलकर खत्म ही हो जाता।

बड़े आकार के पिंड से होता है नुकसान

पहुंचाते हैं बड़ा नुकसान

2013 में दिक्षिणी रूस में पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने वाले चेल्याबिंस्क उल्का की बात करें तो इसने कंपन पैदा कर दिया था, जिससे घरों की खिड़कियां टूट गई थीं। इसका साइज 20 मीटर (66 फीट) था और 2023 BU का साइज 3.5 मीटर से 8.5 मीटर (11.5 फीट से 28 फीट) था। अगर कुछ उल्कापिंड धरती तक पहुंच भी जाते तो वो काफी छोटे होते हैं। इनसे शहरों को बर्बाद करने और सुनामी जैसा कुछ खतरा नहीं होता।

खोजने का प्रयास जारी

गुरुत्वाकर्षण ने खींचा

विशेषज्ञों का कहना था कि धरती के इतने करीब आने का उस क्षुद्रग्रह पर ही असर होगा। धरती का गुरुत्वाकर्षण उस क्षुद्रग्रह की कक्षा को प्रभावित करेगा और सूर्य का चक्कर लगाने की उसकी अवधि को 359 दिनों से बढ़ा कर 425 दिन कर देगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि धरती के गुरुत्वाकर्षण ने 2023 BU को खींचा और अंतरिक्ष के जरिए इसने अपना रास्ता बनाया।

क्षुद्रग्रहों की तलाश जारी

मचा सकते हैं तबाही

बड़े क्षुद्रग्रहों को खोजने के लिए एक बड़ा प्रयास चल रहा है जो यदि पृथ्वी से टकराते हैं तो वास्तव में नुकसान पहुंचा सकते हैं। जैसे 12 किलोमीटर चौड़ी चट्टान, जिसने डायनासोरों का सफाया कर दिया था। आंकड़े बताते हैं कि इन क्षुदग्रहों में से लगभग 40 प्रतिशत को ही देखा गया है और खतरे के स्तर को आंकने के लिए मूल्यांकन किया जा सकता है। यदि ऐसे स्पेस रॉक जमीन से टकराते हैं तो वो तबाही मचा सकते हैं।