धरती की ओर बढ़ते उल्का-पिंडों से टकराएगा NASA का DART सिस्टम, अगले महीने टेस्टिंग
क्या है खबर?
अंतरिक्ष में धरती किसी छोटी सी गेंद की तरह है, जो इसके लिए अच्छा और बुरा दोनों है।
आकार के चलते पृथ्वी अंतरिक्ष में होने वाली ज्यादातर हलचलों से बची रहती है, लेकिन साफ नहीं कहा जा सकता कि उल्का-पिंड जैसे खतरों से यह पूरी तरह सुरक्षित है।
ऐसे खतरों से बचाने के लिए NASA ने एक खास सिस्टम तैयार किया है, जो उल्का-पिंडों की दिशा बदलेगा।
अगले महीने एजेंसी 26 सितंबर को इसका पहला टेस्ट करने जा रही है।
टेस्ट
अगले महीने ग्रह के सुरक्षा सिस्टम का पहला टेस्ट
NASA के वैज्ञानिक ग्रह के सुरक्षा सिस्टम को टेस्ट करने वाले दुनिया के पहले मिशन की तैयारी कर रहे हैं।
अंतरिक्ष एजेंसी अपने डबल एस्ट्रॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट (DART) के साथ आने वाले दिनों में धरती की ओर बढ़ रहे उल्का-पिंडों सुरक्षा देने से जुड़ी टेक्नोलॉजी की जांच करेगी।
यह टेस्ट धरती के करीब से गुजरने वाले उल्का-पिंड से जानबूझकर एक टक्कर करवाते हुए किया जाएगा।
इसमें टारगेट डाइमॉर्फस नाम के उल्का-पिंड को बनाया गया है, जो 525 फीट चौड़ा है।
मकसद
इसलिए महत्वपूर्ण है NASA का टेस्ट
अगले महीने होने जा रहे टेस्ट का मकसद यह पता लगाना है कि DART के साथ स्पेसक्राफ्ट को ऑटोनॉमस तरीके से नेविगेट करते हुए उल्का-पिंड के साथ जानबूझकर टकराया जा सकता है या नहीं।
साथ ही इस टक्कर के असर, उल्का-पिंड की दिशा और रफ्तार पर इसके प्रभाव को समझने की कोशिश भी की जाएगी।
1,500mph रफ्तार से होने वाली टक्कर के बाद हुए बदलावों का पता धरती पर मौजूद टेलीस्कोप्स की मदद से लगाया जाएगा।
लाइव
26 सितंबर को देख पाएंगे टेस्ट का लाइवस्ट्रीम
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी की योजना इस पूरे इवेंट की 26 सितंबर को लाइवस्ट्रीमिंग करने की है।
NASA की आधिकारिक वेबसाइट के अलावा फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब चैनल्स पर भी यह लाइव देखा जा सकेगा।
लॉरेल, मेरीलैंड स्थित DART एयरक्राफ्ट्स बनाने वाली जॉन्स हॉपकिन्स अप्लाइड फिजिक्स लैबोरेटरी की ओर से 'इंपैक्ट डे' पर एक लाइव ब्रीफिंग भी आयोजित की जाएगी।
टक्कर का समय 26 सितंबर को शाम 7:14 ईस्टर्न टाइम (भारत में 27 सितंबर तड़के 4:44 बजे) तय किया गया है।
डाटा
डाटा जुटाने के लिए छोटे स्पेसक्राफ्ट का इस्तेमाल
एजेंसी की ओर से पिछले साल 33 करोड़ डॉलर कीमत वाला एक छोटा प्रोब लॉन्च किया गया था, जो धरती से करीब सात अरब मील दूर जा रहा है।
इसके साथ LICIACube नाम का छोटा स्पेसक्राफ्ट भी भेजा गया है, जो DART से 10 दिन पहले रिलीज किया जाएगा।
इसकी मदद से इंपैक्ट के दिन टक्कर की फोटोग्राफ्ट और इमेजरी डाटा जुटाया जाएगा।
नए डाटा का फायदा मौजूदा सिस्टम में सुधार करते वक्त मिलेगा।
खतरा
धरती के करीब मौजूद हैं हजारों उल्का-पिंड
अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का मानना है कि धरती के करीब लगभग 25,000 उल्का-पिंड मौजूज हैं, जो आकार में 500 फीट या इससे ज्यादा के हैं।
ऐसे विशाल उल्का-पिंड का धरती से टकराना बड़ी तबाही की वजह बन सकता है।
उम्मीद है कि DART के साथ वैज्ञानिकों को महत्वपूर्ण डाटा मिलेगा, जिसकी मदद से धरती को नुकसान पहुंचाने बढ़ रहे उल्का-पिंडों से सुरक्षा मिल सकेगी।
हालांकि, अब तक ऐसा उल्का-पिंड सामने नहीं आया है, जो सीधे धरती की ओर बढ़ रहा हो।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
संभवनाओं पर बात करें तो वैज्ञानिकों का कहना है हर 20,000 साल में औसत 460 फीट का एक उल्कापिंड धरती से टकराता है। 1908 में साइबेरिया में 40 मीटर का उल्कापिंड गिरा था, जिससे लंदन शहर के बराबर जंगल को तबाह कर दिया था।