एयर इंडिया किराया निर्धारित करने के लिए ChatGPT का करेगी इस्तेमाल, सॉफ्टवेयर की टेस्टिंग जारी
क्या है खबर?
एयर इंडिया अपने कई पुराने सिस्टम को सुधारने और मुनाफा कमाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित OpenAI के लोकप्रिय चैटबॉट ChatGPT का परीक्षण कर रही है।
ChatGPT के जरिए एयर इंडिया एल्गोरिदम-आधारित ऐसा सॉफ्टवेयर चाहती है जिसके जरिए हवाई किराया निर्धारित किया जा सके।
हवाई जहाज का किराया निर्धारित करने के लिए एयर इंडिया अभी पुराने मैनुअल आधारित सिस्टम का इस्तेमाल करती है। नए सिस्टम के जरिए एयर इंडिया प्रत्येक उड़ान में ज्यादा से ज्यादा मुनाफा पाना चाहती है।
एयर इंडिया
ग्राहकों की पसंदीदा सीट के हिसाब से पैसा लेना चाहती है एयर इंडिया
सरकारी दखल से बाहर आने के बाद एयर इंडिया दुबई की एमिरेट्स और घरेलू प्रतिद्वंदी इंडिगो के ग्राहकों को अपने पाले में लाने का प्रयास कर रही है।
इसके लिए एयर इंडिया सीट के प्रत्येक ब्लॉक के लिए एक समान किराया रखने के पुराने तरीके को बदलना चाहती है।
नए "रेवेन्यू मैनेजमेंट" सॉफ्टवेयर के जरिए एयर इंडिया यह अनुमान लगाना चाहती है कि लोग किस सीट पर बैठना चाहते हैं और उसके लिए कितना पैसा खर्च करना चाहते हैं।
किराया
ChatGPT के जरिए प्रति उड़ान अधिक से अधिक राजस्व चाहती है एयर इंडिया
रिपोर्ट के मुताबिक, हवाई किराए के अलावा एयर इंडिया ChatGPT के जरिए पेपर-आधारित कई नियमों को बदलने पर विचार कर रही है।
नए बदलावों के जरिए एयर इंडिया प्रति उड़ान अधिक से अधिक राजस्व पैदा करना चाहती है।
भारतीय एविएशन बाजार के अनुभवी और ब्रिटेन स्थित कंसल्टेंसी एविएशन स्ट्रैटेजी के पार्टनर कीथ मैकमुलेन ने कहा कि जटिलता एयरलाइंस का अभिशाप है।
ऐसे में एयर इंडिया अब अपनी जटिलताओं को हल करने के लिए ChatGPT के इस्तेमाल की तैयारी में है।
चैटबॉट
ChatGPT की मदद से अपने प्रोडक्ट्स को बेहतर बना रही हैं कंपनियां
ChatGPT की बात करें तो यह OpenAI द्वारा बनाया गया जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट है। टेक कंपनियों और टेक से जुड़े लोगों के बीच यह छाया हुआ है।
कंपनी ने हाल ही में इसका GPT-4 मॉडल आधारित ChatGPT लॉन्च किया है।
ये अपने पुराने GPT-3 और GPT-3.5 मॉडल से काफी तेज और सटीक जानकारी देने में सक्षम है।
कई कंपनियां अपने सॉफ्टवेयर और ऐप में इसको इंटीग्रेट कर अपने प्रोडक्ट्स की क्षमता और परफॉर्मेंस को बेहतर बना रही हैं।
प्रोडक्टिविटी
अपने पुराने डाटा से सीखता है ChatGPT
हाल ही में बेंगलुरू की एक इंवेस्ट फर्म के CEO ने ट्वीट कर बताया कि ChatGPT के इस्तेमाल से उनकी कंपनी की प्रोडक्टिविटी लगभग 5 गुना बढ़ गई है। इसको देखते हुए कंपनी ने ChatGPT प्लस इस्तेमाल करने वाले अपने कर्मचारियों को उसका प्रति महीने आने वाले चार्ज की भरपाई करने का भी वादा किया है।
ChatGPT अपने पुराने डाटा से सीखता है और दिए गए इनपुट के आधार पर जानकारी प्रदान करता है।