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निधन के बाद भी संगीत बना रहा अमेरिकी संगीतकार का मस्तिष्क, वैज्ञानिकों की बड़ी उपलब्धि 
दिवंगत अमेरिकी संगीतकार का कृत्रिक मस्तिष्क मरने म्यूजिक तैयार कर रहा है

निधन के बाद भी संगीत बना रहा अमेरिकी संगीतकार का मस्तिष्क, वैज्ञानिकों की बड़ी उपलब्धि 

Apr 21, 2025
12:51 pm

क्या है खबर?

4 साल पहले 2021 में दिवंगत हो चुके अमेरिका के प्रसिद्ध संगीतकार एल्विन लूसियर का दिमाग आज भी नया संगीत पैदा कर रहा है। यह सुनकर थोड़ा अजीब लगेगा, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों के समूह ने इसे सच साबित कर दिखाया है। उनकी खुद की कोशिकाओं से विकसित एक कृत्रिम मस्तिष्क, ध्वनि-उत्तेजक विद्युत संकेतों का उत्सर्जन करता है। इस कृत्रिम मस्तिष्क को रिवाइविफिकेशन प्रोजेक्ट के तहत उन्नत तंत्रिका विज्ञान तकनीकों का उपयोग कर पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया की आर्ट गैलरी में किया है।

शुरुआत 

ऐसे हुई प्रोजेक्ट की शुरुआत 

रिवाइविफिकेशन प्रोजेक्ट कलाकार नाथन थॉम्पसन, गाइ बेन-एरी, मैट गिंगोल्ड और न्यूरोसाइंटिस्ट स्टुअर्ट हॉजेट्स के बीच एक सहयोग है। लूसियर 1965 में म्यूजिक फोर सोलो परफॉर्मर में लाइव म्यूजिक निर्माण के लिए मस्तिष्क तरंगों का उपयोग करने वाले पहले कलाकार थे। रिवाइविफिकेशन टीम ने 2018 में लूसियर के साथ इस प्रोजेक्ट को लेकर चर्चा की और 2020 में वे (89 वर्ष) पार्किंसंस रोग से लड़ते हुए इस परियोजना के लिए रक्तदान करने के लिए सहमत हो गए।

सहयोग 

लूसियर ने भी किया प्राेजेक्ट टीम का सहयोग

लूसियर की श्वेत रक्त कोशिकाओं को स्टेम कोशिकाओं में पुनः प्रोग्राम किया गया और मानव मस्तिष्क गतिविधि की नकल करने वाले सेरेब्रल ऑर्गेनोइड में परिवर्तित किया गया। अपनी मृत्यु से पहले भी लूसियर महामारी के दौरान जूम मीटिंग के माध्यम से रिवाइविफिकेशन टीम के लिए मार्गदर्शक बने रहे। स्वास्थ्य खराब होने के बावजूद उन्होंने अपने सहायक के माध्यम से टीम के साथ संवाद किया है। टीम ने उनके साथ अपने रिश्ते को कला के छात्रों के रूप में वर्णित किया।

कृत्रिम मस्तिष्क

इस तरह बनाया है कृत्रिम मस्तिष्क

रिवाइविफिकेशन इंस्टॉलेशन में ध्वनि और मूर्तिकला का संयोजन किया गया है, जिसमें 20 विशाल अणुवृत्त आकार वाली पीतल की प्लेटें हैं, जो सुनहरे सैटेलाइट डिश की तरह दिखती हैं। प्रत्येक प्लेट में एक ट्रांसड्यूसर और एक मैलेट छिपा होता है, जो मिनी-ब्रेन से तंत्रिका संकेतों का जवाब देता है, जिससे अंतरिक्ष में एक अलौकिक साउंडट्रैक बनता है। टीम ने 64 इलेक्ट्रोड के एक महीन जाल पर लूसियर के ऑर्गेनोइड्स को विकसित करने के लिए कस्टम तकनीक का इस्तेमाल किया।

न्यूजबाइट्स प्लस 

भारत में AI ने जिंदा की दिवगंत गायक की आवाज

भारत में भी पिछले दिनों एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें एक दिवंगत गायक की आवाज को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के माध्यम से फिर से जिंदा कर दिया है। तेलुगु फिल्म अभिनेता रवि तेजा की आगामी फिल्म मास जथारा का गाना 'तू मेरा लवर...' AI के माध्यम से बनाया गया है। इसमें दिवंगत संगीत निर्देशक चकरी की आवाज सुनने को मिल रही है। बताया जा रहा है कि इस आवाज से गाने को काफी सराहना मिल रही है।