ISRO और ऑस्ट्रेलियाई सरकार के बीच हुआ समझौता, लॉन्च किया जाएगा वाणिज्यिक सैटेलाइट
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के साथ ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने 1.8 करोड़ डॉलर (लगभग 150 करोड़ रुपये) के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस साझेदारी के तहत ऑस्ट्रेलियाई फर्म स्पेस मशीन 2026 में ISRO के स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) पर एक सैटेलाइट निरीक्षण और अवलोकन पेलोड लॉन्च करेगी। स्पेस मिशन के सह-संस्थापक रजत कुलश्रेष्ठ ने कहा कि पेलोड अब तक लॉन्च किया गया सबसे बड़ा ऑस्ट्रेलियाई सैटेलाइट होगा।
इतने SSLV हर साल होंगे लॉन्च
ISRO के चेयरमैन एस सोमनाथ ने कहा कि SSLV रॉकेट की मांग के आधार पर प्रति वर्ष 20-30 SSLV लॉन्च करने का लक्ष्य है। ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन ने ISRO के साथ हुए इस समझौते को लेकर कहा, "ऑस्ट्रेलिया ने अंतरिक्ष उपक्रमों के लिए कई देशों के साथ साझेदारी की है, हम भारत के साथ अपने जुड़ाव को अगले स्तर पर ले जा रहे हैं। इस साझेदारी के कारण ऑस्ट्रेलियाई सैटेलाइट्स को भारतीय धरती से कक्षा में प्रक्षेपित किया जाएगा।"
SSLV का किया जा रहा निजीकरण
भारत सरकार से संबद्ध अंतरिक्ष प्रचार एजेंसी, भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) के अध्यक्ष पवन गोयनका ने पुष्टि की कि SSLV का निजीकरण किया जा रहा है और बोली प्रक्रिया अभी भी जारी है। SSLV का निर्माण और संचालन सौंपने के लिए निजी क्षेत्र की 6 कंपनियों की पहचान की गई है, लेकिन अभी इसे लेकर अंतिम फैसला नहीं हुआ है। फैसला लिए जाने के बाद SSLV का निर्माण और संचालन निजी क्षेत्र द्वारा किया जाएगा।