चुनाव आयोग ने क्यों नहीं किया गुजरात विधानसभा चुनाव की तरीखों का ऐलान?
क्या है खबर?
चुनाव आयोग ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का तो ऐलान कर दिया, लेकिन गुजरात के चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की।
इसकी सियासी गलियारों में खासी चर्चा है। दरअसल, सभी को यह उम्मीद थी कि आयोग दोनों राज्यों के चुनावों की तारीखों का ऐलान करेगा, लेकिन आयोग ने ऐसा न करते हुए सभी को झटका दे दिया।
अब आयोग ने बताया है कि उसने ऐसा क्यों किया।
सवाल
आयोग को क्यों घोषित करनी चाहिए थी दोनों राज्यों के लिए तारीखें?
कई राजनीतिज्ञों का मानना है कि हिमाचल विधानसभा का कार्यकाल 8 जनवरी, 2023 तो गुजरात विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी, 2023 को खत्म होगा। ऐसे में दोनों विधानसभाओं के कार्यकाल की समय सीमा छह महीने के अंदर समाप्त हो रही हैं।
परंपरागत तौर पर ऐसे मामलों में आयोग संबंधित राज्यों में चुनाव की तारीखों की घोषणा एकसाथ करता है और परिणाम भी एक ही तारीख पर घोषित किए जाते हैं, लेकिन इस बार आयोग ने ऐसा नहीं किया।
कारण
आयोग ने क्यों नहीं किया गुजरात चुनाव की तारीखों का ऐलान?
गुजरात के चुनावों की तारीखों की घोषणा नहीं किए जाने को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि परंपरा, मतदान की तारीखों में अंतर और मौसम सहित विभिन्न कारकों पर विचार के बाद यह ही यह फैसला लिया गया है।
उन्होंने कहा कि कई राज्यों में एकसाथ चुनाव की तारीखों की घोषणा करने से कुछ राज्यों के परिणामों के लिए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। इसी तरह आचार संहिता की अवधि भी लंबी हो जाती है।
नियम
"दोनों विधानसभाओं का कार्यकाल खत्म होने में 30 दिन से कम का अंतर जरूरी"
राजीव कुमार ने कहा, "दोनों राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल खत्म होने के बीच 40 दिन का अंतर है। नियमों के अनुसार, यह 30 दिन या उससे कम होना चाहिए ताकि एक परिणाम दूसरे को प्रभावित न करे।"
उन्होंने कहा, "मौसम जैसे कई कारक हैं। हम बर्फबारी शुरू होने से पहले हिमाचल में चुनाव कराना चाहते हैं। आयोग ने सभी से चर्चा की है और आचार संहिता की अवधि भी 70 दिनों से घटाकर 57 दिन कर दी गई है।"
पिछला चुनाव
साल 2017 में एक ही दिन आए थे दोनों राज्यों के परिणाम
बता दें कि साल 2017 में गुजरात और हिमाचल प्रदेश के लिए चुनावों की घोषणा अलग-अलग की गई थी, लेकिन परिणाम दिसंबर में एक ही दिन जारी किए गए थे।
हिमाचल में नवंबर में एक चरण में मतदान हुआ था, जबकि गुजरात में दो चरणों में मतदान हुआ था।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार भी हिमाचल में परिणाम करीब एक महीने बाद दिसंबर में घोषित किए जाएंगे। ऐसे में तब तक गुजरात के चुनाव भी हो सकते हैं।
चुनाव
क्या है हिमाचल प्रदेश का चुनाव कार्यक्रम?
आयोग की घोषणा के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के सभी 12 जिलों की सभी 68 सीटों पर एक ही चरण में 12 नवंबर को मतदान होगा और 8 दिसंबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे।
चुनाव की अधिसूचना 17 अक्टूबर को जारी की जाएगी और नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 25 अक्टूबर होगी। उम्मीदवार 29 अक्टूबर तक अपना नामांकन वापस ले सकेंगे।
राज्य में इस बार 55 लाख से अधिक वोटर पार्टियों और उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे।