अरविंद केजरीवाल का मुख्यमंत्री के रूप में कैसा रहा सफर और क्या रहीं उपलब्धियां?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा है कि वे 2 दिन बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ देंगे और विधायक दल की बैठक में नया मुख्यमंत्री चुना जाएगा। जेल में रहते हुए इस्तीफा न देने वाले केजरीवाल ने जेल से बाहर आते ही ये कदम उठाकर सबको चौंका दिया है। आइए आज बतौर मुख्यमंत्री केजरीवाल के सफर पर नजर डालते हैं।
पहली बार 49 दिन के लिए बने मुख्यमंत्री
केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी (AAP) 2013 से दिल्ली की सत्ता में हैं। दिसंबर, 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा 32 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। AAP को 28 और कांग्रेस को 8 सीटें मिलीं। किसी को भी बहुमत नहीं मिला। इसके बाद कांग्रेस के समर्थन से 28 दिसंबर, 2013 को पहली बार केजरीवाल मुख्यमंत्री बने। हालांकि, 49 दिन बाद 14 फरवरी, 2014 को उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
बतौर मुख्यमंत्री कैसा रहा केजरीवाल का पहला कार्यकाल?
केजरीवाल विधानसभा में जन लोकपाल विधेयक पेश करना चाहते थे, लेकिन गठबंधन सरकार होने की वजह से ऐसा नहीं हो सका। इसके बाद उन्होंने विधानसभा भंग करने की सिफारिश की। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि विधेयक को रोकने के लिए कांग्रेस और भाजपा ने सांठगांठ कर ली थी, क्योंकि उन्होंने उद्योगपति मुकेश अंबानी और पेट्रोलियम मंत्री एम वीरप्पा मोइली के खिलाफ FIR दर्ज कराने के आदेश दिए थे। ये मामला गैस की कीमतों से जुड़ा हुआ था।
दूसरी बार कब मुख्यमंत्री बने केजरीवाल?
केजरीवाल के इस्तीफा देने के बाद 2015 में दिल्ली में विधानसभा चुनाव हुए। इसमें AAP ने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की। पार्टी ने दिल्ली की 70 में से 67 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की। भाजपा को 3 सीटें मिलीं और कांग्रेस अपना खाता तक नहीं खोल सकी। किरण बेदी और अजय माकन जैसे बड़े नाम भी हार गए। इसके बाद 14 फरवरी, 2015 को केजरीवाल ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
केजरीवाल का दूसरा कार्यकाल कैसा रहा?
केजरीवाल के दूसरे कार्यकाल में दिल्ली के उपराज्यपाल और केंद्र सरकार से विवाद का मुद्दा गर्म रहा। ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया, जहां AAP की जीत हुई। 5 साल के दौरान केजरीवाल दिल्ली की स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य सार्वजनिक सेवाओं पर काम करते रहे। मुफ्त बिजली और पानी जैसी लोकलुभावन योजनाएं लागू कीं। इस दौरान मोहल्ला क्लीनिक खोल गए और महिलाओं के लिए बसों में मुफ्त यात्रा का ऐलान भी हुआ।
तीसरी बार मुख्यमंत्री बनते ही केजरीवाल के नाम हुआ ये रिकॉर्ड
2020 के विधानसभा चुनाव में AAP को 62 सीटें मिली थीं और भाजपा के खाते में 8 सीटें आईं। 2015 की तरह 2020 में भी कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला। 16 फरवरी, 2020 को केजरीवाल ने तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। मनीष सिसोदिया समेत पिछली सरकार में मंत्री रहे 6 अन्य लोगों ने भी केजरीवाल के साथ शपथ ली। इसी के साथ केजरीवाल लगातार तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने वाले दूसरे नेता बन गए।
कैसा रहा तीसरा कार्यकाल?
केजरीवाल का तीसरा कार्यकाल भी उथल-पुथल भरा ही रहा। 2021 में उन पर कोरोनाकाल के दौरान ऑक्सीजन घोटाले के आरोप लगे। उनके बंगले की मरम्मत को लेकर भी खूब विवाद हुआ। राज्यपाल की शक्तियों और हस्तक्षेप के मामले पर भी वे केंद्र सरकार को निशाने पर लेते रहे। इस दौरान शराब नीति मामले को लेकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। 176 दिन जेल में रहने के बाद वे रिहा हुए।