#NewsBytesExplainer: कौन हैं कथावाचक ऋचा गोस्वामी, जो मध्य प्रदेश में कांग्रेस की हिंदू विरोधी छवि बदलेंगी?
मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। राज्य की सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस अपनी हिंदू विरोधी छवि को बदलना चाहती है। इसके लिए राज्य प्रमुख कमलनाथ ने एक धर्म और उत्सव प्रकोष्ठ का गठन किया है, जिसकी कमान कथावाचक ऋचा गोस्वामी को सौंपी गई है। आइए जानते हैं कि ऋचा गोस्वामी कौन हैं और वो चुनाव से पहले कांग्रेस की हिंदू विरोधी छवि को बदलने के लिए क्या कर रही हैं।
कौन हैं ऋचा गोस्वामी?
32 वर्षीय ऋचा गोस्वामी एक कथावाचक हैं। मूल रूप से इंदौर की रहने वालीं ऋचा का पालन-पोषण अमरकंटक स्थित एक आश्रम में हुआ, जिसका संचालन उनका परिवार करता है। उनके पिता संस्कृत के शिक्षक हैं और माता एक वकील हैं। ऋचा का परिचय छोटी उम्र में ही कथावाचकों से हो गया था। उनके पिता ने अमरेश्वर महादेव मंदिर में उन्हें कथावाचन के लिए प्रशिक्षण दिलाया है। ये मंदिर अपने 11 फीट ऊंचे शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है।
इंजीनियर बनाना चाहती थीं ऋषा
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ऋचा ने बताया कि उन्होंने 5 साल की उम्र में कथा पाठ सीखना शुरू किया था और 10 साल की होने तक उन्हें कम से कम 100 कथाएं कंठस्थ थीं। ऋचा ने बताया कि वह एक इंजीनियर बनना चाहती थीं और 12वीं तक वह विज्ञान की छात्रा रहीं, लेकिन परिवार की इच्छानुसार उन्होंने कथावाचन के क्षेत्र में आगे बढ़ने का फैसला किया।
भागवत महापुराण का 108 घंटे पाठ कर रिकॉर्ड बना चुकी हैं रिकॉर्ड ऋचा
ऋचा का दावा है कि वह 650 से अधिक कथावाचन कार्यक्रम कर चुकी हैं। उन्होंने पिछले साल 108 घंटे तक श्रीमद देवी भागवत महापुराण का मूल पाठ करने का रिकॉर्ड भी बनाया था। उनका 2014 से एक यूट्यूब चैनल भी है। ऋचा को अब मध्य प्रदेश कांग्रेस ने धार्मिक और उत्सव प्रकोष्ठ का अध्यक्ष बनाया है और उन्हें चुनाव से पहले पूरे राज्य में धार्मिक आयोजनों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
ऋचा बोलीं- महात्मा गांधी की विचारधारा में विश्वास करती हूं
कांग्रेस की सदस्यता को लेकर ऋषा ने कहा, "हिंदू धर्म का मतलब यह नहीं है कि आपसे जो सहमत नहीं है, वो आपका दुश्मन है। हिंदू धर्म से पहले वैदिक सनातन धर्म था। हम सभी धर्मों को स्वीकार करते हैं।" उन्होंने कहा, "हम हिंदू और मुसलमानों के बीच भेदभाव नहीं करते हैं। मैं महात्मा गांधी की विचारधारा में विश्वास करती हूं और लोगों को यह संदेश देना चाहता हूं कि यह कांग्रेस की विचारधारा है।"
क्या काम करेगा कांग्रेस का धर्म और उत्सव प्रष्कोठ?
ऋचा ने बताया कि कांग्रेस का धर्म और उत्सव प्रष्कोठ चुनाव से पहले सभी 230 विधानसभाओं में 108 सुंदरकांड के पाठ का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा बड़े स्थानों पर श्रीमद भगवत कथा का आयोजन होगा, जबकि कुछ स्थानों पर शिवपुराण का आयोजन भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का लक्ष्य धर्म के नाम पर नफरत फैलाने वाली भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के पाखंडियों को बेनकाब करना है, जो धर्म के नाम पर लोगों को बरगलाते हैं।
क्यों हिंदू विरोधी छवि बदलना चाहती है कांग्रेस?
2018 मध्य प्रदेश चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की धार्मिक यात्राओं को भाजपा ने चुनावी हिंदुत्व करार दिया था। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कमलनाथ पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगाते रहे हैं। इस छवि से निपटने के लिए कांग्रेस ने राज्य में धर्म और उत्सव प्रकोष्ठ का गठन किया है। इससे पहले पार्टी प्रदेश में सुंदरकांड और हनुमान चालीसा समेत कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन भी कर चुकी है।
न्यूजबाइट्स प्लस
2018 मध्य प्रदेश चुनाव में कांग्रेस ने 230 सीटों में 114 पर जीत हासिल की थी, जबकि भाजपा के हिस्से 109 सीटें आई थीं। इसके बाद मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी थी। हालांकि, 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए, जिससे कांग्रेस की सरकार गिर गई। इसके बाद भाजपा ने मध्य प्रदेश में सरकार बना ली और शिवराज चौथी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।