वायुसेना वीरता पुरस्कार पाने पहली महिला अधिकारी दीपिका मिश्रा कौन हैं?
भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर दीपिका मिश्रा को वीरता पुरस्कार पाने वाली पहली महिला अधिकारी होने का गौरव प्राप्त हुआ है। वायुसेना के प्रवक्ता के मुताबिक, विंग कमांडर दीपिका को मध्य प्रदेश में बाढ़ राहत अभियान के दौरान दिखाए गए 'असाधारण साहस' के लिए वायुसेना पदक (वीरता) से सम्मानित किया गया है। गुरुवार को एक समारोह में वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी ने उन्हें सम्मानित किया है। आइए विंग कमांडर दीपिका के बारे में जानते हैं?
कौन हैं विंग कमांडर दीपिका मिश्रा?
राजस्थान के कोटा की रहने वाली दीपिका ने साल 2006 में वायुसेना में बतौर पायलट ज्वॉइन किया था। उस वक्त वायुसेना में महिला पालयट को सिंगल इंजन वाले हल्के हेलीकॉप्टर ही उड़ानें की इजाजत थी। 2010 में वायुसेना के नियमों में बदलाव हुआ, जिसके बाद साल 2014 में वो सारंग के लिए पहली महिला स्क्वाड्रन लीडर के रूप में चुनी गईं। वह तब 1,700 घंटे से अधिक चीता और चेतक जैसे हेलीकॉप्टर में सुरक्षित उड़ानें भर चुकी थीं।
इस कार्य के लिए मिला वीरता पुरस्कार
विंग कमांडर दीपिका को मध्य प्रदेश में 2 अगस्त, 2021 को आई बाढ़ के बाद मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान चलाने का काम सौंपा गया था। इस दौरान बिगड़ते मौसम, तेज हवाओं और रात होने के बावजूद दीपिका ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का मुकाबला किया। उस वक्त वह आपदा प्रभावित क्षेत्र में पहुंचने वाली पहली अधिकारी थीं। ये राहत और बचाव अभियान 8 दिनों तक चला और उन्होंने महिलाओं और बच्चों सहित 47 लोगों की जान बचाई थी।
वीरता पुरस्कार पाने वालीं पहली महिला अधिकारी
वायुसेना के प्रवक्ता ने बताया कि सेवा के प्रति समर्पण के लिए वायुसेना की महिलाओं को अतीत में कई पुरस्कार मिले हैं, लेकिन ये पहली बार है कि भारतीय वायुसेना की महिला अधिकारी को वीरता पुरस्कार दिया गया है। दरअसल, 2021 में मध्य प्रदेश में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में वायुसेना पायलट दीपिका ने कई उड़ानें भरी। उनकी मदद से अन्य टीमों को राहत और बचाव कार्य की योजना बनाने में काफी मदद मिली थी।
वायु सेना प्रमुख ने अलंकरण समारोह में किया सम्मानित
वायुसेना प्रमुख चौधरी ने सुब्रत पार्क में वायुसेना के सभागार में आयोजित अलंकरण समारोह में वायुसेना के विभिन्न अधिकारियों को युद्ध सेवा पदक और पुरस्कार प्रदान किए। समारोह में वायुसेना के दो अधिकारियों को युद्ध सेवा मेडल, 13 अधिकारियों और वायु योद्धाओं को वायुसेना मेडल (वीरता), 13 अधिकारियों को वायुसेना मेडल और 30 को विशिष्ट सेवा मेडल से अलंकृत किया गया। इस दौरान कुल 58 पुरस्कार दिये गए, जिनमें 57 वायुसेना और एक थल सेना कर्मी को प्रदान किया गया।