मध्य प्रदेश: कांग्रेस सरकार की बढ़ी मुश्किलें, एक विधायक ने दिया इस्तीफा
क्या है खबर?
मध्य प्रदेश में पिछले चार दिनों से चल रहा सियासी ड्रामा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।
मामले में बुधवार को कांग्रेस के चार विधायकों के फिर से भोपाल पहुंचने के बाद थोड़ी राहत मिली थी, लेकिन गुरुवार को कांग्रेस पर उस समय फिर से संकट के बादल मंडराने लग गए जब विधायक हरदीप सिंह डांग ने इस्तीफा दे दिया।
उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को अपना इस्तीफा भेजा है। उन्होंने कांग्रेस द्वारा अनदेखी का आरोप लगाया है।
असंतोष
हरदीप सिंह ने इस्तीफे में सरकार को बताया भ्रष्ट
विधानसभा अध्यक्ष को भेजे गए इस्तीफे में उन्होंने लिखा है कि पार्टी को दूसरी बार लोगों का जनादेश मिलने के बाद भी पार्टी द्वारा उनकी लगातार अनदेखी की जा रही है। सरकार को कोई भी मंत्री काम करने के लिए तैयार नहीं है, क्योंकि वह सब एक भ्रष्ट सरकार का हिस्सा हैं।
हालांकि, इस्तीफे को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें विधायक डांग के इस्तीफा देने की खबर मिली है, लेकिन वह उनसे प्रत्यक्ष रूप से नहीं मिले हैं।
जानकारी
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिया इस्तीफे पर बयान
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि हरदीप डांग उनकी पार्टी के विधायक हैं। इस्तीफा देने की खबर मिली है, लेकिन उन्हें अभी तक इस संबंध में उनका कोई पत्र नहीं मिला है और उन्होंने इस सबंध में अभी तक उनसे कोई चर्चा भी नहीं की है।
खारिज
निर्दलीय विधायकों ने भाजपा पर अगवा करने के लगाए गए आरोपों को किया खारिज
बता दें कि कांग्रेस के लापता चार विधायकों में से एक हरदीप सिंह डांग ने अपना इस्तीफा दे दिया, वहीं शेष तीन निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस द्वारा भाजपा पर लगाए गए उन्हें अगवा करने के आरोपों को खारिज कर दिया है।
इन विधायकों में बसपा विधायक रामबाई, संजीव सिंह और सपा विधायक राजेश शुक्ला है। विधायकों के आरोपों को खारिज करने के बाद अब कांग्रेस खुद सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है।
बयान
बसपा विधायकों ने यह दिया बयान
बसपा विधायक रामबाई ने कहा कि उनका दिल्ली जाने का कार्यक्रम पहले से तय था। दिग्विजय सिंह का भूपेंद्र सिंह के साथ जाने का आरोप गलत है। उनके साथ किसी ने मारपीट नहीं की है। दोनों पार्टीयों में मारपीट की हिम्मत नहीं है। खरीद-फरोख्त के आरोप गलत हैं।
बसपा विधायक संजीव सिंह ने कहा कि सरकार के मंत्री जो कह रहे हैं वह ठीक नहीं है। उन्होंने मंत्रियों को उनके कंधे पर रखकर बंदूक नहीं चलाने की चेतावनी दी है।
परिवार सक्षम
सपा विधायक ने कही परिवार के सक्षम होने की बात
समाजवादी पार्टी के विधायक राजेश शुक्ला ने कहा, "हमें शर्म आ रही है, क्यों बदनामी कर रहे हो। छह फीट का शरीर है, परिवार भी सक्षम है। हमारे क्षेत्र की जनता में संदेश जा रहा है, हम बंधक बने थे! दाल रोटी ठीक से चलती है भैया, 35 करोड़ की जरूरत नहीं है। कभी देखे भी नहीं हैं। देख लें तो हार्ट की बीमारी ना हो जाए।"
इस बयान से कांग्रेस के सभी आरोपों की पोल खुल गई।
आरोप
नौ विधायकों के लापता होने पर कांग्रेस ने भाजपा पर लगाया था हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप
मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार के नौ विधायक मंगलवार को अचानक लापता हो गए थे। इस पर कांग्रेस ने भाजपा पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाते हुए कहा था कि भाजपा उनके विधायकों की खरीद-फरोख्त कर सरकार गिराने की कोशिश में जुटी है।
इसी कड़ी में कांग्रेस के साथ-साथ सपा-बसपा और निर्दलीय विधायकों को गुड़गांव के एक होटल में ले जाने की बात कही गई। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने करोड़ों रुपये का प्रलोभन देने का आरोप लगाया था।
विशेष विमान
चार विधायकों को विशेष विमान से भोपाल लाया गया
विधायकों के लापता होते ही कांग्रेस ने उनकी तलाश शुरू कर दी और उन्होंने पांच विधायकों के गुड़गांव की होटल में होने का पता लगा दिया। इस पर कांग्रेस नेता वहां पहुंचकर बुधवार को पांचों विधायकों को विशेष विमान से दिल्ली से भोपाल ले गए।
इसके बाद चार अन्य लापता विधायकों में से हरदीप डांग ने इस्तीफा दे दिया और अभी कांग्रेस के विधायक बिसाहूलाल, रघुराज कंसाना और निर्दलीय सुरेंद्र सिंह शेरा की लोकेशन नहीं मिली।
जानकारी
भाजपा ने कांग्रेस की कार्यशैली पर उठाए सवाल
मामले में मध्य प्रदेश भाजपा प्रमुख वीडी शर्मा ने कहा कि डांग का इस्तीफा यह दर्शाता है कि कांग्रेस की वर्तमान राज्य सरकार में उनकी अपनी पार्टी के नेताओं को परेशान किया जा रहा है। यह भ्रष्ट कांग्रेस सरकार की दयनीय स्थिति को दर्शाता है।
संकट
कांग्रेस सरकार पर बढ़ा सत्ता बनाए रखने का संकट
इस सियासी घटनाक्रम के बाद कांग्रेस पर सत्ता बनाए रखने का संकट खड़ा हो गया है।
दो विधायकों का निधन होने के कारण प्रदेश में वर्तमान में विधानसभा के 228 सदस्य हैं। कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं। इसके अलावा चार निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा विधायक का भी समर्थन है।
इस तरह कांग्रेस को फिलहाल 121 विधायकों का साथ है। वहीं बीजेपी के पास 107 विधायक हैं। बहुमत का आंकड़ा 116 है।