उत्तर प्रदेश: सदस्यता अभियान में भाजपा को लगा झटका, लक्ष्य हासिल करने में पिछड़े
क्या है खबर?
भाजपा की ओर से देशभर में चलाए जा रहे सदस्यता अभियान को उत्तर प्रदेश में झटका लगा है। यह अभियान अभी तक अपने लक्ष्य को पाने में पिछड़ता दिख रहा है।
अभियान का पहला चरण समाप्त हो चुका है। इस बीच पार्टी के कई सांसद और विधायक सदस्य बनाने के अपने लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाए हैं।
पार्टी का दूसरा चरण 1 अक्टूबर से शुरू हो गया है, जो 15 अक्टूबर तक चलेगा। इसमें जोर-आजमाइश की जाएगी।
सदस्यता अभियान
5 सांसद और 22 विधायकों का सामने आया खराब प्रदर्शन
इंडिया टुडे के मुताबिक, 25 सितंबर को पहला चरण संपन्न हुआ, जिसमें भाजपा नेताओं को 10,000 नए सदस्य बनाने का निर्देश दिया गया था।
इस हफ्ते हुई एक आंतरिक बैठक में खुलासा हुआ कि 5 सांसदों और 22 विधायकों ने खराब प्रदर्शन किया है, जिनमें कई ने 500 से भी कम सदस्य बनाए हैं।
पार्टी ने खराब प्रदर्शन करने वाले प्रतिनिधियों के नाम का खुलासा नहीं किया। हालांकि, इनको दूसरे चरण में लक्ष्य पूरा करने के सख्त आदेश दिए हैं।
अभियान
कितने प्रतिनिधियों ने बनाए कितने सदस्य?
रिपोर्ट के मुताबिक, 15 विधायकों ने 500 से कम सदस्य बनाए हैं और 7 विधायकों ने 1,000 से कम सदस्य बनाए हैं।
इसके अलावा, 35 विधायकों को अभी 5,000 सदस्यों को जोड़ना है, वहीं सांसदों में देखें तो 2 सांसदों ने 500 से कुछ ज्यादा सदस्य बनाए हैं, जबकि 5 ने 1,000 से कम सदस्य बनाए हैं।
इसके बाद भी पार्टी ने 2 करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले 1.70 करोड़ सदस्य बनाए हैं। दूसरे चरण में बाकी कमी पूरी होगी।
पार्टी
क्या है जिलों में हाल?
भाजपा ने प्रदेश के 75 जिलों में से 35 में 1.5 लाख सदस्य बना लिए हैं, जबकि 10 जिलों में 1 लाख से ज्यादा सदस्य बनाए हैं। अन्य जिलों में सदस्यों की संख्या बढ़ाई जा रही है।
विधानसभा क्षेत्रों के आंकडे़ देखें तो कई क्षेत्रों में अभी 10,000 सदस्य नहीं बन पाए और कई बूथ 200 सदस्य बनाने के लक्ष्य में विफल रहे।
भाजपा के कई नेता बाढ़ और अन्य को लक्ष्य पूरा न होने का कारण मान रहे हैं।
जानकारी
10 करोड़ सदस्यों का लक्ष्य
भाजपा ने इस बार सदस्यता अभियान में 10 करोड़ सदस्यों को जोड़ने का लक्ष्य रखा है। पहले चरण में देश में 4 करोड़ से अधिक लोग भाजपा से जुड़ चुके हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश अब भी आगे है। हर प्रदेश को लक्ष्य दिया गया है।