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लोकसभा में हिंदी को लेकर हंगामा, शिक्षा मंत्री ने DMK पर लगाया गुमराह करने का आरोप
लोकसभा में हिंदी थोपे जाने को लेकर DMK सांसदों ने किया हंगामा

लोकसभा में हिंदी को लेकर हंगामा, शिक्षा मंत्री ने DMK पर लगाया गुमराह करने का आरोप

Mar 10, 2025
02:45 pm

क्या है खबर?

संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार (10 मार्च) से शुरू हुआ, लेकिन इसकी शुरुआत ही काफी हंगामेदार रही। सत्र की शुरुआत के साथ ही तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी DMK के सांसदों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के जरिए कथित तौर पर हिंदी भाषा को थोपे जाने का आरोप लगाकर विरोध शुरू कर दिया। इस दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विरोध को गलत ठहराया और DMK पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया।

हंगामा

DMK सांसदों ने नारेबाजी कर जताया विरोध

सत्र की शुरुआत के साथ ही कन्‍नीमोझी सहित DMK सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी और केंद्र सरकार पर NEP के जरिए हिंदी भाषा को थोपने का आरोप लगाया। इस दौरान सांसदों ने वेल में पहुंचकर हंगामा करना शुरू कर दिया। सांसदों ने केंद्र पर शिक्षा निधि रोकने का आरोप लगाया और राजनीतिक प्रतिशोध के लिए स्कूल फंड का इस्तेमाल करने को अनुचित ठहराया। इस दौरान उन्होंने न्याय देने की मांग की।

स्थगन

लोकसभा अध्यक्ष को स्थगित करनी पड़ी सदन की कार्यवाही

DMK ने एक ही नंबर के दो मतदाता पहचान पत्र होने पर भी हंगामा किया और सरकार से अपने निर्णयों को वापस लेने की मांग की। सांसदों ने सरकार विरोधी नारे भी लगाए। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सांसदों को शांति बनाए रखने और सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ने के लिए समझाया, लेकिन वह नहीं माने। ऐसे में अध्यक्ष को मजबूरन सदन की कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा।

आरोप

शिक्षा मंत्री ने DMK पर लगाया आरोप 

शिक्षा मंत्री प्रधान ने विरोध करने वाले DMK सदस्यों पर NEP पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और DMK सांसदों द्वारा लगाया गया हिंदी थोपे जाने का आरोप पूरी तरह गलत है। तमिलनाडु सरकार इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है। उन्होंने तमिलनाडु सरकार के रुख को असभ्य और अलोकतांत्रिक बताते हुए दावा किया कि वे तमिलनाडु के छात्रों के भविष्य को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

स्वीकार

अन्य राज्यों ने NEP को किया स्वीकार- प्रधान

शिक्षा मंत्री प्रधान ने कहा, "तमिलनाडु सरकार राज्य के छात्रों के प्रति प्रतिबद्ध नहीं हैं। वह तमिलनाडु के लोगों के प्रति बेईमानी का रुख अपना रही हैं। भाजपा शासित राज्य न होने के बावजूद कर्नाटक ने कई अन्य गैर-भाजपा राज्यों के साथ मिलकर इस नीति को स्वीकार कर लिया है।" उन्होंने कहा, "तमिलनाडु सरकार बिना किसी तथ्य के NEP का विरोध कर रही है और राज्य के लोगों सहित देश को भ्रमित करने का प्रयास कर रही है।"

जानकारी

कन्‍नीमोझी के विरोध जताने पर शिक्षा मंत्री ने जताया खेद

DMK सांसद कन्नीमोझी के शिक्षा मंत्री प्रधान की ओर से 'असभ्य' कहे जाने पर विरोध जताया। इसके बाद शिक्षा मंत्री ने अपने शब्दों को वापस लेते हुए उस पर खेद प्रकट किया। ऐसे में उस शब्द को सदन की कार्यवाही से भी हटाया गया।