तमिलनाडु: सर्वसम्मति से दूसरी बार DMK के अध्यक्ष चुने गए एमके स्टालिन
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के वरिष्ठ नेता एमके स्टालिन को निर्विरोध पार्टी का अध्यक्ष चुना गया है। रविवार को हुई पार्टी की आम परिषद बैठक में पार्टी पदाधिकारियों ने दूसरे कार्यकाल के लिए स्टालिन के नाम पर सहमति जताई। 2018 में करुणानिधि की मौत के बाद एमके स्टालिन को सर्वसम्मति से पार्टी की कमान सौंपी गई थी। अध्यक्ष बनने से पहले वो कोषाध्यक्ष समेत पार्टी के कई पदों पर रह चुके हैं।
कनिमोझी बनीं उप महासचिव
आज की बैठक में दुरई मुरुगन को पार्टी महासचिव और टीआर बालू को कोषाध्यक्ष चुना गया है। ये सभी दूसरी बार इन पदों पर चुने गए हैं। इनके अलावा पार्टी सांसद कनिमोझी करुणानिधि का प्रमोशन कर उप महासचिव बनाया गया है। वो आई पेरियासामी, के पोनमुडी, ए राजा और अंथियुर सेल्वाराज चार अन्य उप महासचिव चुने गए हैं। बता दें कि पार्टी के 15वें संगठनात्मक चुनाव के तहत पार्टी प्रमुख, महासचिव, कोषाध्यक्ष चुने गए हैं।
14 साल की उम्र से राजनीति में सक्रिय हैं स्टालिन
एमके स्टालिन का पूरा नाम मुथुवेल करुणानिधि स्टालिन है। सोवियत संघ के नेता जोसेफ स्टालिन के नाम पर उनका नाम रखा गया है। 14 साल की उम्र में स्टालिन ने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। उस समय वो अपने चाचा के लिए चुनाव प्रचार करते थे। 1984 में स्टालिन अपना पहला चुनाव हार गए थे, लेकिन पांच साल बाद 1989 में उन्होंने जोरदार जीत हासिल की। 1996 में वे चेन्नई के निर्वाचित मेयर बने।
जेल में भी रहे हैं स्टालिन
2001 में विधानसभा चुनाव में हुई हार के बाद करुणानिधि और स्टालिन समेतDMK के कई नेताओं को भ्रष्टाचार के आरोप में जेल भेजा गया था। जेल से बाहर आने के बाद स्टालिन ने पार्टी के कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। 2006 में बनीDMK की सरकार में वो उपमुख्यमंत्री रहे थे। यह भी जानना रोचक है कि स्टालिन फिल्मों और धारावाहिकों में काम किया है। उन्होंने पत्रिकाओं के लिए लेख भी लिखे हैं।
NDA और UPA के साथ रह चुकी है DMK
DMK के पूर्व प्रमुख दिवंगत के करुणानिधि ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) दोनों के साथ गठबंधन किया था। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में DMK NDA में शामिल थी और अब यह कांग्रेस के नेतृत्व वाले UPA का हिस्सा है।
1949 में हुई थी DMK की स्थापना
सीएन अन्नादुरई ने 1949 मेंDMK की स्थापना की थी। वो दो दशक तक पार्टी के महासचिव रहे। उनके निधन के बाद 1969 में करुणानिधि पहली बार पार्टी के प्रमुख बने थे। उसी साल पार्टी में अध्यक्ष पद सृजित किया गया था। पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे करुणानिधि करीब 50 साल तक पार्टी के प्रमुख रहे थे। इस पार्टी का मुख्य जनाधार तमिनलाडु और पुदुचेरी में है और चुनाव चिन्ह उगता हुआ सूरज है।