बसवराज बोम्मई होंगे कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री, विधायक दल की बैठक में हुआ फैसला
बसवराज बोम्मई कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री होंगे। भाजपा विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर मुहर लग गई है। उनके बुधवार दोपहर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने की संभावना है। इससे पहले मंगलवार शाम को उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया और बाद में मुख्यमंत्री के तौर पर उनके नाम का ऐलान कर दिया गया। 61 वर्षीय बोम्मई अब तक गृह मंत्री के रूप में कार्य कर रहे थे। अब उन्हें राज्य की कमान सौंपी गई है।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और जी किशन रेड्डी की मौजूदगी में हुआ निर्णय
इससे पहले भाजपा आलाकमान ने नए मुख्यमंत्री के चयन के लिए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और जी किशन रेड्डी को पर्यवेक्षक नियुक्त किया था। दोनों पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में शाम को एक निजी होटल में आयोजित बैठक में बोम्मई के नाम पर सर्वसम्मति से मुहर लगा दी गई। बैठक में हाल ही में इस्तीफा देने वाले बीएस येदियुरप्पा और राज्य प्रभारी अरुण सिंह भी शामिल हुए थे। बैठक के बाद सभी ने बोम्मई को शुभकामनाएं दी।
पर्यवेक्षकों ने बैठक से पहले की थी येदियुरप्पा से मुलाकात
विधायक दल की बैठक से पहले पर्यवेक्षकों ने येदियुरप्पा से उनके आवास पर मुलाकात की थी। इससे पहले भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरूण सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील के साथ येदियुरप्पा से मुलाकात कर मुख्यमंत्री के नाम पर चर्चा की थी।
बोम्मई के पिता भी रहे हैं कर्नाटक के मुख्यमंत्री
बता दें कि बोम्मई के पिता एसआर बोम्मई भी कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। बोम्मई सादर लिंगायत समुदाय से आते हैं। उनका जन्म 28 जनवरी, 1960 को हुआ। वह पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के करीबी माने जाते हैं। बसवराज बोम्मई ने साल 2008 में भाजपा का दामन थामा था। उसके बाद से ही पार्टी में उनका कद लगातार बढ़ता जा रहा है। इससे पहले वह राज्य सरकार में जल संसाधन मंत्री के पद पर भी काम कर चुके हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा के साथ भी काम कर चुके है बोम्मई
बोम्मई पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर हैं और उन्होंने करियर की शुरुआत टाटा समूह से की थी। वह दो बार MLC और तीन बार विधायक रहे हैं। वह 1998 और 2004 में धारवाड़ स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्र से कर्नाटक विधानपरिषद के सदस्य चुने गए थे। साल 2008 में भाजपा में शामिल होने से पहले उन्होंने जनता दल यूनाइटेड (JDU) पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा और रामकृष्ण हेगड़े के साथ काम किया था। वह सबसे पहले शिवगंगा सीट से विधायक बने थे।
भाजपा पर था लिंगायत समुदाय का भारी दबाव
बता दें कि येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद भाजपा पर लिंगायत समुदाय का भारी दबाव आ गया था। लिंगायत संत डिंगलेश्वर ने यहां तक कह दिया था कि "येदियुरप्पा के आंसू से भाजपा कर्नाटक में बह जाएगी"। ऐसे में भाजपा के लिए गैर लिंगायत मुख्यमंत्री का चुनाव करना काफी मुश्किल होता। अब बोम्मई को चुनकर भाजपा ने जहां लिंगायत समुदाय को भी खुश किया है वही येदियुरप्पा की तरह अनुभवी चेहरे को राज्य की कमान सौंपी है।
मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में थे ये नाम
येदियुरप्पा के इस्तीफा देने के बाद अगले मुख्यमंत्री के लिए कई शीर्ष नेताओं के नाम पर चर्चा हो रही थी। इनमें कर्नाटक के खान और भूविज्ञान मंत्री मुरुगेश आर निरानी, भाजपा नेता चंद्रकांत बेलाड के पुत्र अरविंद बेलाड़, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष, सीटी रवि और अश्वथ नारायण का प्रमुख था। हालांकि, विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति के निर्णय से बसवराज बोम्मई ने बाजी मार ली।
येदियुरप्पा ने बोम्मई को दी बधाई
विधायक दल की बैठक में बोम्मई को मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद येदियुरप्पा ने ट्वीट कर उन्हें बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट किया,'मुझे भरोसा है कि आप कर्नाटक को विकास के पथ पर ले जाएंगे और राज्य के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेंगे।'