प्रधानमंत्री मोदी के कार्य माफी योग्य नहीं, कोरोना वायरस पर अपनी गलती माने सरकार- द लैंसेट
प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय मेडिकल पत्रिका 'द लैंसेट' ने कोरोना वायरस महामारी को संभालने के तरीके को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की है। अपने संपादकीय में पत्रिका ने कहा है कि महामारी के बीच आलोचना के दबाने के प्रधानमंत्री मोदी के प्रयास माफ करने योग्य नहीं हैं और सरकार को अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए। इसमें कहा गया है कि भारत ने महामारी के खिलाफ अपनी शुरूआती सफलता को गंवा दिया।
सरकार ने नजरअंदाज की दूसरी लहर और नए स्ट्रेन की चेतावनियां- लैंसेट
सरकार की गलतियां गिनाते हुए लैंसेट ने अपने संपादकीय में लिखा है, "कुछ महीनों तक मामलों में कमी आने के बाद सरकार ने यह दिखाने की कोशिश की कि भारत ने कोविड को हरा दिया है। सरकार ने दूसरी लहर के खतरों और नए स्ट्रेन से जुड़ी चेतावनियों को नजरअंदाज कर दिया।" संपादकीय के अनुसार, "चेतावनी के बावजूद सरकार ने धार्मिक आयोजन होने दिए जिनमें लाखों लोग जुटे। इसके अलावा चुनावी रैलियां भी हुईं।"
हर्षवर्धन के बयान और वैक्सीन नीति की भी की गई आलोचना
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के बयान की आलोचना करते हुए पत्रिका ने लिखा है, "मार्च की शुरूआत में दूसरी लहर में मामले बढ़ने से पहले भारतीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने घोषणा कर दी थी कि भारत महामारी को खत्म करने की कगार पर है।" संपादकीय में सरकार की वैक्सीन नीति की भी आलोचना की गई है और कहा गया है कि बिना राज्यों से सलाह लिए बना नीतियां बदली गईं जिससे सप्लाई में कमी हुई और अव्यवस्था फैली।
"1 अगस्त तक हो सकती हैं 10 लाख मौतें, मोदी सरकार होगी तबाही के लिए जिम्मेदार"
पत्रिका ने कहा है, "भारत ने कोविड-19 को नियंत्रित करने में अपनी शुरूआती सफलता गंवा दी। सरकार की कोविड-19 टास्क फोर्स ने अप्रैल से पहले महीनों तक नहीं बैठक नहीं की। इस फैसले का नतीजा हमारे सामने है। अब महामारी बढ़ रही है और भारत को नए सिरे से कदम उठाने होंगे... IHME के अनुमान के मुताबिक, भारत में 1 अगस्त तक 10 लाख मौतें हो सकती हैं और मोदी सरकार इस खुद लाई गई तबाही के लिए जिम्मेदारी होगी।"
सरकार ने ट्विटर पर आलोचना रोकने पर ज्यादा जोर दिया- पत्रिका
प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना करते हुए पत्रिका ने कहा, "कई मौकों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार महामारी को नियंत्रित करने से ज्यादा ट्विटर पर आलोचना को रोकने पर ज्यादा जोर देती दिखी। कुछ राज्यों ने बेड और ऑक्सीजन की डिमांड कर रहे लोगों के खिलाफ देश की सुरक्षा से जुड़े कानूनों का इस्तेमाल किया। संकट के समय आलोचना और खुली चर्चा का गला घोंटने के मोदी के प्रयास माफी योग्य नहीं है।"
पत्रिका ने कहा- अपनी गलती माने सरकार
संपादकीय में भारत को महामारी को नियंत्रण में करने के तरीके भी सुझाए गए हैं, लेकिन साथ ही कहा है कि इन प्रयासों के सफल होने की जिम्मेदारी इस बात पर निर्भर करेगी कि सरकार अपनी गलतियां मानती है या नहीं।
भारत में क्या है महामारी की स्थिति?
भारत में बीते दिन कोरोना वायरस से संक्रमण के 4,03,738 नए मामले सामने आए और 4,092 मरीजों की मौत हुई। देश में कुछ दिनों से रोजाना चार लाख से अधिक लोग संक्रमित पाए जा रहे हैं। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 2,22,96,414 हो गई है। इनमें से 2,42,362 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 37,36,648 हो गई है।