लखनऊ: ऑक्सीजन की कमी का नोटिस लगाने पर FIR, हाई कोर्ट जाएगा अस्पताल
बुधवार रात को लखनऊ प्रशासन ने शहर के गोमती नगर इलाके में स्थित सन अस्पताल के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी। प्रशासन का आरोप है कि अस्पताल ऑक्सीजन कमी की अफवाह फैला रहा है। दरअसल, 3 मई को सन अस्पताल ने नोटिस लगाकर कहा था कि उसके पास मेडिकल ऑक्सीजन की कमी है और यहां भर्ती मरीजों को दूसरे अस्पतालों में ले जाया जाए। अब अस्पताल ने FIR के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने का फैसला किया है।
ऑक्सीजन की कमी को लेकर क्या है अस्पताल का दावा?
45 बिस्तरों वाले सन अस्पताल को महीनेभर पहले कोरोना के लिए समर्पित अस्पताल घोषित किया गया था। 3 मई को यहां 38 कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती थे और अस्पताल का दावा है कि सभी को उस वक्त ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत थी।
अस्पताल ने किया अफवाह फैलाने के आरोप का खंडन
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अस्पताल के खिलाफ FIR बुधवार रात लगभग 11:30 बजे दर्ज हुई थी। यह FIR इलाहाबाद हाई कोर्ट में हुई उस सुनवाई के बाद हुई थी, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतें नरसंहार से कम नहीं है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सन अस्पताल के नोटिस का भी जिक्र किया था। दूसरी तरफ अस्पताल ने प्रशासन द्वारा अफवाह फैलाने के आरोप का खंडन किया है।
अस्पताल ने कहा- SDM ने बनाया दबाव
सन अस्पताल से जुड़े अखिलेश पांडे ने कहा, "मैं चाहता हूं कि प्रशासन यहां आए और मरीजों के तीमारदारों से बात करे कि 3 मई को क्या हुआ था। मैं इस FIR को हाई कोर्ट में चुनौती दूंगा।" उन्होंने यह भी दावा किया कि SDM ने उन पर दबाव बनाया था। पांडे ने खुद को अस्पताल का मैनेजर बताया है तो वहीं पुलिस का कहना है कि वो अस्पताल के निदेशकों में से एक हैं।
SDM ने की थी प्राथमिक जांच
पांडे के बयान पर SDM की प्रतिक्रिया नहीं मिली है, लेकिन दावा किया जा रहा है कि उन्होंने इस मामले में प्राथमिक जांच की थी। जांच में सामने आया कि अस्पताल में ऑक्सीजन सपोर्ट पर 20 मरीज थे और उस वक्त अस्पताल के पास भरे हुए आठ जंबो सिलेंडर, दो B टाइप सिलेंडर और कंसंट्रेटर्स उपलब्ध थे। प्रशासन का कहना है कि ऑक्सीन की यह मात्रा पर्याप्त है और अस्पताल कमी को लेकर अफवाह फैला रहा है।
जांच के नतीजों पर अस्पताल ने क्या कहा?
दूसरी तरफ अखिलेश पांडे का कहना है कि अस्पताल को बैक-अप रखने की जरूरत होती है। उन्होंने कहा, "बार-बार निवेदन करने पर भी किसी ने मुझे ऑक्सीजन आपूर्ति का आश्वासन नहीं दिया था। ड्रग इंस्पेक्टर ने मुझे बताया कि जब लखनऊ में ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं है तो वो कहां से लाकर देंगे। मुझे इसलिए नोटिस दिया गया है क्योंकि मैं चाहता था कि मेरे अस्पताल में किसी मरीज की मौत न हो।"