हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, जांच की मांग करने वाली याचिका अयोग्य करार
क्या है खबर?
झारखंड के मुख्यंमत्री हेमंत सोरेन को बड़ी राहत प्रदान करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज तथाकथित खनन घोटाले में उनके खिलाफ जांच की मांग करने वाली जनहित याचिका को अयोग्य करार दे दिया।
कोर्ट ने मामले में झारखंड हाई कोर्ट का आदेश पलट दिया जिसने याचिका को सुनवाई योग्य करार दिया था। याचिका में सोरेन पर खनन पट्टे में अनियमितता और मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप लगाया गया था।
सोरेन ने 'सत्यमेव जयते' लिखकर फैसले का स्वागत किया है।
पृष्ठभूमि
क्या है पूरा मामला?
RTI कार्यकर्ता शिव शंकर शर्मा ने झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करते हुए आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री सोरेन और उनके भाई बसंत सोरेन ने अपने रिश्तेदारों के नाम पर दर्जनों कंपनियों का निर्माण कर बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग की है।
उन्होंने सोरेन पर खदानों के पट्टे जारी करने में अनियमितता करने का आरोप भी लगाया था।
याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को सोरेन के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे।
चुनौती
झारखंड सरकार ने सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट में दी थी चुनौती
झारखंड सरकार ने हाई कोर्ट में इस सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। अपनी याचिका में उसने कहा था कि जब मामले में कोई केस दर्ज न हुआ हो, तब जनहित याचिका के जरिए ED जांच कराना अनुचित है। उसने ED के सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को रिपोर्ट सौंपने पर भी सवाल खड़े किए थे।
उसकी दलीलें सुनने के बाद 24 मई को सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को याचिका की योग्यता पर सुनवाई करने का निर्देश दिया।
टाइमलाइन
हाई कोर्ट के याचिका को योग्य करार देने के बाद फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी सरकार
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने जांच की मांग करने वाली जनहित याचिका को सुनवाई योग्य करार दिया था, जिसके बाद राज्य सरकार एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी।
अगस्त में सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश (CJI) यूयू ललित, जस्टिस रविंद्र भट और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। उसने जनहित याचिका के जरिए ED जांच पर असहमति जताई थी।
सियासी संकट
खनन घोटाले में घिरे हुए हैं हेमंत सोरेन
बता दें कि हेमंत सोरेन इन दिनों खनन घोटाले में घिरे हुए हैं। मामले में उन पर खुद के नाम पर ही खनन का पट्टा जारी करके पद का दुरुपयोग करने का आरोप है।
मामले में उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द होने का खतरा भी बना हुआ है और चुनाव आयोग इस पर एक बंद लिफाफे में राज्यपाल रमेश बैस को रिपोर्ट सौंप चुका है।
हालांकि अभी तक इस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है।
गिरफ्तारी
मामले में गिरफ्तार किए जा चुके हैं सोरेन के करीबी सहयोगी
मामले में सोरेन के करीबी सहयोगी रहे पंकज मिश्रा को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। जुलाई में मिश्रा के घर पर छापा मारा गया था और उनके बैंक अकाउंट से 11.88 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे।
इसके अलावा ED ने उनके घर से 5.34 करोड़ रुपये मिलने का दावा भी किया था। एजेंसी को उनके घर से सोरेन की बैंक पासबुक और चेक बुक भी मिली थी और इसी कारण ED ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था।
आरोप
मिश्रा पर अवैध खनन में हिस्सेदारी लेने का आरोप
मामले में पंकज मिश्रा पर कई गंभीर आरोप हैं। ED ने आरोप लगाया है कि वह अपने सहयोगियों के जरिए सोरेन के विधानसभा क्षेत्र बोरहाट में अवैध खनन के कारोबार को संभालता था। आरोप है कि लगभग सभी खदानों में मिश्रा का तय हिस्सा था।
ED मामले में कुल 47 जगहों पर छापा मार चुकी है और करोड़ों रुपये बरामद किए जा चुके हैं। सोरेन के मीडिया सलाहकार अभिषेक प्रसाद से भी मामले में पूछताछ की गई है।