गुजरात और हिमाचल प्रदेश में केवल कांग्रेस दे सकती है भाजपा को चुनौती- गुलाम नबी आजाद
कुछ समय पहले ही कांग्रेस से नाता तोड़ने वाले वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने गुजरात और हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले उसके समर्थन में बयान दिया है। अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि इन दोनों राज्यों में केवल कांग्रेस ही भाजपा को चुनौती दे सकती है। आम आदमी पार्टी (AAP) की संभावनाओं पर उन्होंने कहा कि AAP पंजाब को ही ठीक से नहीं चला पा रही है।
मैं चाहूंगा कि गुजरात और हिमाचल में कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन करे- आजाद
समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए आजाद ने कहा, "मैं कांग्रेस से अलग हो चुका हूं, लेकिन मैं उसकी धर्म निरपेक्षता की नीति के खिलाफ नहीं था। इसका कारण पार्टी की व्यवस्था का कमजोर होना था। मैं फिर भी चाहूंगा कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन करे। AAP ऐसा करने में सक्षम नहीं है। AAP महज दिल्ली की पार्टी है। वह पंजाब को ही अच्छे से नहीं चला पा रही।"
"कांग्रेस के पास समावेशी नीति"
कांग्रेस को भाजपा का असली प्रतियोगी बताते हुए आजाद ने आगे कहा कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश में केवल कांग्रेस ही भाजपा को चुनौती दे सकती है क्योंकि उसके पास एक समावेशी नीति है।
गुलाम नबी ने अगस्त में दिया था कांग्रेस से इस्तीफा
बता दें कि शीर्ष नेतृत्व से नाराज चल रहे गुलाम नबी ने 26 अगस्त को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। सोनिया गांधी को भेजे गए अपने इस्तीफे में उन्होंने राहुल गांधी के कामकाज करने के तरीके पर गंभीर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि राहुल ने पार्टी का खाका नष्ट कर दिया और अनुभवी नेताओं का साइडलाइन कर बिना अनुभव वाले नेताओं को तवज्जो दी गई। विधेयक फाड़ने के राहुल के व्यवहार को उन्होंने बचकाना बताया था।
कांग्रेस से अलग होने के बाद आजाद ने बनाई नई पार्टी
कांग्रेस से इस्तीफे के बाद गुलाम नबी ने 4 सितंबर को जम्मू-कश्मीर में अपनी नई पार्टी बनाने का ऐलान किया था। 26 सितंबर को उन्होंने पार्टी के नाम का ऐलान किया और इसे 'डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी' नाम दिया गया। इसी दिन पार्टी के झंडे का भी अनावरण किया गया जो पीले, सफेद और नीले रंग का है। उनकी पार्टी का मुख्य उद्देश्य जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाना और स्थानीय लोगों के विशेष अधिकारों की रक्षा करना है।
जम्मू-कश्मीर चुनाव पर हैं आजाद की नजरें
आजाद का नई पार्टी बनाने के पीछे का उद्देश्य विधानसभा चुनाव से पहले जम्मू-कश्मीर में अपने पैर मजबूत करना है। जम्मू-कश्मीर में अगले साल की शुरूआत में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर में ये पहले विधानसभा चुनाव होंगे। आजाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। अगर चुनाव में उनकी पार्टी अकेले दम पर कुछ सीटें जीतने में सफल रहती है तो वह चुनाव के बाद किंगमेकर की भूमिका में आ सकते हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस
चुनाव आयोग ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश और गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान किया है। हिमाचल की सभी 68 सीटों पर 12 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होगा, वहीं गुजरात में दो चरण में मतदान होना है। पहले चरण का मतदान 1 दिसंबर को और दूसरे चरण का मतदान 5 दिसंबर को होगा। दोनों राज्यों के नतीजे एक साथ 8 दिसंबर को जारी किए जाएंगे।