अखिलेश ने उठाए चुनाव आयोग पर सवाल, मायावती की तरह मोदी पर कार्रवाई की मांग
क्या है खबर?
मायावती और योगी आदित्यनाथ समेत चार नेताओं के प्रचार करने पर अस्थाई प्रतिबंध लगाने के चुनाव आयोग के आदेश के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी कार्रवाई की मांग उठ रही है।
मायावती के गठबंधन के साथी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आयोग की ईमानदारी पर सवाल उठाए और पूछा कि क्या वो मायावती की तरह प्रधानमंत्री मोदी पर सख्त कार्रवाई करने की ताकत रखता है।
आइए जानते हैं मोदी पर कार्रवाई की मांग क्यों हो रही है।
कारण
इसलिए हो रही कार्रवाई की मांग
दरअसल, चुनाव आयोग ने पार्टियों और नेताओं को प्रचार में सेना का इस्तेमाल न करने की हिदायत दी थी।
लेकिन इस आदेश का उल्लंघन करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने 9 अप्रैल को महाराष्ट्र के लातूर में पहली बार वोट डाल रहे मतदाताओं से बालाकोट एयर स्ट्राइक और पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों के नाम पर वोट मांगे थे।
उनके इसी बयान के कारण उन पर कार्रवाई की मांग हो रही है।
सवाल
अखिलेश ने पूछा, मोदी को सेना के नाम पर वोट मांगने से रोक सकता है आयोग?
अखिलेश यादव ने सोमवार को ट्वीट करते हुए कहा, "मायावती पर चुनाव आयोग का प्रतिबंध एक सवाल उठता है- क्या आयोग में प्रधानमंत्री मोदी को सेना के नाम पर वोट मांगने से रोकने लायक ईमानदारी मौजूद है?"
इसके बाद उन्होंने मोदी का भाषण का वह हिस्सा डाला जिस पर सवाल उठ रहे हैं।
उन्होंने लिखा, "मैं फर्स्ट टाइम वोटर से कहना चाहता हूँ कि आपका पहला वोट पुलवामा में जो वीर शहीद हुए उनके नाम समर्पित हो सकता है क्या?"
ट्विटर पोस्ट
अखिलेश यादव का चुनाव आयोग की ईमानदारी पर सवाल
EC directive against @mayawati ji begs the question: do they have integrity to stop PM from asking for votes in name of the army?
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 15, 2019
Here’s the quote @ECISVEEP: “मैं फ़र्स्ट टाइम वोटर से कहना चाहता हूँ कि आपका पहला वोट पुलवामा में जो वीर शहीद हुए उनके नाम समर्पित हो सकता है क्या?”
चुनाव आयोग
सख्त नजर आ रहा है चुनाव आयोग
बता दें कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद चुनाव आयोग सख्त नजर आ रहा है।
आयोग ने योगी आदित्यनाथ, मायावती, मेनक गांधी और आजम खान के विवादित बयानों के कारण उनके प्रचार करने पर अस्थाई प्रतिबंध लगाया था।
जहां योगी और आजम पर तीन दिन का प्रतिबंध लगाया गया है, वहीं मायावती और मेनका के प्रचार करने पर दो दिन का प्रतिबंध लगाया गया है।
इन चारों नेताओं ने धर्म के आधार पर वोट मांगे थे।
जानकारी
बैन के दौरान ये काम नहीं कर पाएंगे नेता
बैन के दौरान यें नेता किसी रैली को संबोधित नहीं कर सकते। उनके सोशल मीडिया का प्रयोग करने और इंटरव्यू देने पर भी पाबंदी होगी। हालांकि, इस बैन से उनके चुनाव पर कोई खास असर पड़ने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।