राजस्थान: सदस्यता रद्द करने के नोटिस के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचा सचिन पायलट का खेमा
राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के नेतृत्व वाला बागी विधायकों का खेमा उनकी सदस्यता रद्द करने को लेकर जारी नोटिस के खिलाफ राजस्थान हाई कोर्ट पहुंच गया है। पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पायलट और उनके साथी 18 विधायकों की सदस्यता रद्द करने के कांग्रेस के अनुरोध पर राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी ने उन्हें ये नोटिस जारी किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बागी विधायकों की अपील पर आज ही सुनवाई हो सकती है।
भाजपा के करीबी वकील लड़ेंगे सचिन पायलट के खेमे की तरफ से केस
सचिन पायलट के खेमे ने मामले में जो वकील चुना है, वह कांग्रेस और उनमें टकराव का नया कारण बन सकता है। दरअसल, मामले में मुकुल रोहतगी बागी विधायकों का प्रतिनिधित्व करेंगे। रोहतगी भाजपा के करीबी माने जाते हैं और 2014 में सत्ता में आने पर मोदी सरकार ने उन्हें अटॉर्नी जनरल बनाया था। मामले में अभिषेक मनु सिंघवी कांग्रेस का नेतृत्व करेंगे। सिंघवा कांग्रेस नेता हैं और पार्टी के सबसे अच्छे वकीलों में शामिल हैं।
इसलिए विधानसभा स्पीकर ने जारी किया है नोटिस
सचिन पायलट की बगावत के बाद कांग्रेस ने व्हिप जारी कर विधायकों को विधायक दल की बैठक में शामिल होने को कहा था। पायलट और उनका खेमा इन बैठकों में शामिल नहीं हुआ, जिसके बाद कांग्रेस ने विधानसभा स्पीकर से पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पायलट समेत 19 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की। स्पीकर ने बागियों को नोटिस जारी करते हुए शुक्रवार तक का समय दिया है, जिसके बाद उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी।
अगर रद्द नहीं हुई सदस्यता तो बहुमत परीक्षण में गिर जाएगी गहलोत सरकार
बागी विधायकों की सदस्यता रद्द होना सीधे तौर पर गहलोत सरकार के भविष्य से जुड़ा है। अगर विधायकों की सदस्यता रद्द होती है तो विधानसभा का संख्याबल नीचे आ जाएगा और बहुमत परीक्षण की स्थिति में कांग्रेस आसानी से बहुमत साबित कर देगी। लेकिन अगर उनकी सदस्यता बरकरार रहती है और उन्हें बहुमत परीक्षण के दौरान वोट डालने का अधिकार मिलता है तो कांग्रेस के लिए अपनी सरकार बचाना बेहद मुश्किल होगा।
राहुल गांधी नहीं चाहते पार्टी छोड़कर जाएं पायलट
इस पूरे विवाद के बीच कांग्रेस ने अभी भी पायलट के लिए अपने दरवाजे पूरी तरह से बंद नहीं किए हैं। बुधवार को पायलट के ये साफ करने के बाद कि वह भाजपा में नहीं जा रहे और वह अभी भी कांग्रेस के व्यक्ति हैं, पार्टी ने उनके प्रति अपना रुख नरम किया है। खबरों के अनुसार, राहुल गांधी नहीं चाहते कि पायलट पार्टी छोड़कर जाएं और उनकी वापसी की योजना बनाई जा रही है।
कांग्रेस को पायलट की मंशा पर संदेह
हालांकि 'NDTV' की रिपोर्ट में कांग्रेस के सूत्रों ने पायलट की मंशा पर संदेह व्यक्त किया है, खासकर यह देखते हुए कि गुरूग्राम के जिस होटल में वह ठहरे हैं, वहां अतिरिक्त कमरों को बुक किया जा रहा है। पार्टी को संदेह है कि पायलट अपने बागी खेमे को बढ़ाने के प्रयास कर रहे हैं। सूत्रों ने ये भी बताया कि अभी तक पायलट ने गांधी परिवार के किसी सदस्य के साथ बैठक की मांग नहीं की है।