राजस्थान सियासी संकट: विधायक दल की बैठक के बाद होटल भेजे गए कांग्रेस विधायक
उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की बगावत के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर हुई विधायक दल की बैठक में कांग्रेस के कम से कम 100 विधायक शामिल हुए। बैठक में विधायकों ने प्रस्ताव पारित करते हुए गहलोत के नेतृत्व पर भरोसा जताया और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल पार्टी नेताओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। बैठक के बाद विधायकों को जयपुर स्थित फेयरमॉन्ट होटल भेज दिया गया है और उन्हें यही रखा जाएगा।
कहां से शुरू हुआ ये सियासी संकट?
अशोक गहलोत और सचिन पायलट के रिश्ते 2018 में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने से ही सहज नहीं हैं और पायलट अपनी अनदेखी का आरोप लगाते रहे हैं। दोनों के बीच ये टकराव पिछले हफ्ते तब चरम पर पहुंच गया, जब राज्य सरकार गिराने की साजिश के एक मामले में पायलट को गहलोत के अंतर्गत काम करने वाले स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) से समन मिला। तभी से पायलट अपने समर्थक विधायकों के साथ दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं।
100 विधायकों को इकट्ठा कर गहलोत ने किया शक्ति प्रदर्शन
पायलट अपने साथ 30 विधायक होने का दावा कर रहे थे, लेकिन गहलोत ने आज विधायक दल की बैठक में लगभग 100 विधायकों को इकट्ठा कर उनके इस दावे की हवा निकाल दी और अपना शक्ति प्रदर्शन किया। बैठक में विधायक दल ने प्रस्ताव पारित करते हुए कहा कि वे अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का एकमत से संपूर्ण समर्थन करते हैं। इसमें लिखा है कि कांग्रेस विधायक दल एकमत से जनता की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रजातंत्र का चीरहरण कर रही भाजपा- कांग्रेस
कांग्रेस विधायक दल के प्रस्ताव में भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा गया है कि वह धनबल और सत्ताबल का प्रयोग कर प्रजातंत्र की हत्या करने का षडयंत्र कर रही है। इसमें लिखा है कि भाजपा द्वारा प्रजातंत्र का ये चीरहरण राजस्थान की आठ करोड़ जनता के जनमत का अपमान है। प्रस्ताव में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से सरकार या पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल कांग्रेस के पदाधिकारियों के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग भी की गई है।
कांग्रेस ने किया साफ- पायलट के लिए दरवाजे हमेशा खुले
इस बीच कांग्रेस अभी भी सचिन पायलट को वापस लाने की कोशिश में जुटी हुई है। विधायक दल की बैठक से पहले कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पायलट के लिए कांग्रेस आलाकमान के दरवाजे सदैव खुले थे, खुले हैं और सदैव खुले रहेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले 48 घंटे में पार्टी नेतृत्व ने कई बार पायलट से बात की है और परिवार में जब कोई नाराज होता है तो बैठकर इसका समाधान निकाला जाता है।
अपने रुख पर अड़े हुए हैं सचिन पायलट
कांग्रेस के इस रुख के बावजूद पायलट अपने रुख पर अड़े हुए हैं। समाचार एजेंसी PTI के अनुसार, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं पायलट के करीबी सूत्रों ने कहा है कि उनकी आज राहुल गांधी से मिलने की कोई योजना नहीं है। उनका कहना है कि पायलट ने सभी विकल्प खुले रखे हैं, हालांकि उन्होंने भाजपा में जाने की संभावना से इनकार किया है।