अनुच्छेद 370 पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में फिर हंगामा, विधायकों में हाथापाई के बाद सदन स्थगित
जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में अनुच्छेद 370 को लेकर हंगामा थम नहीं रहा है। आज लगातार तीसरे दिन सदन में विधायकों के बीच हाथापाई और धक्का-मुक्की हुई। स्थिति इतनी ज्यादा बिगड़ गई कि मार्शलों को बुलाना पड़ा। मार्शल विधायक खुर्शीद शेख को खींचकर बाहर ले गए। इसके अलावा हंगामा करने वाले करीब 12 विपक्षी विधायकों को भी सदन से बाहर निकाल दिया गया। इसके बाद भाजपा विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
कैसे हुई झड़प की शुरुआत?
दरअसल, सदन में अनुच्छेद 370 की बहाली को लेकर प्रस्ताव लाया गया है, जिसका भाजपा विरोध कर रही है। आज सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायक नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के खिलाफ नारे लगाने लगे। विधायकों ने 'पाकिस्तानी एजेंडा नहीं चलेगा' जैसे नारे लगाए। इसके बाद हंगामा बढ़ता गया और स्पीकर ने स्थिति संभालने के लिए मार्शल बुला लिए। मार्शलों ने विधायकों को बाहर कर दिया, लेकिन हंगामा नहीं थमा, जिसके चलते सदन को स्थगित कर दिया गया।
अनुच्छेद 370 को लेकर लाए गए प्रस्ताव में क्या है?
6 अक्टूबर को विधानसभा से अनुच्छेद 370 की बहाली को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया था। इसमें केंद्र सरकार से अपील की गई कि वे चुने हुए जनप्रतिनिधियों से इसको लेकर बातचीत करें। इसमें कहा गया था, "यह विधानसभा विशेष दर्जे और संवैधानिक गारंटी के महत्व की पुष्टि करती है, जिसने जम्मू-कश्मीर के लोगों की पहचान, संस्कृति और अधिकारों की रक्षा की है और उन्हें एकतरफा तरीके से हटाए जाने पर चिंता व्यक्त करती है।"
भाजपा क्यों कर रही है विरोध?
विधानसभा में विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने आरोप लगाया कि स्पीकर ने मंत्रियों की बैठक बुलाई और खुद ही प्रस्ताव का मसौदा तैयार किया। उन्होंने कहा, "स्पीकर ने खुद इसका मसौदा तैयार किया है। हम चाहते हैं कि अनुच्छेद 370 एक इतिहास है, इस पर अब बहस नहीं की जा सकती। अनुच्छेद 370 की वापसी का जो प्रस्ताव लाया गया है, वह भारतीय संविधान और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है।"
NC ने किया था अनुच्छेद 370 की बहाली का वादा
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया था। इसके बाद जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा छीन लिया गया था और इसे 2 केंद्र शासित प्रदेश- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया था। हालिया विधानसभा चुनाव में NC ने अपने घोषणा पत्र में अनुच्छेद 370 की बहाली के प्रयास करने का वादा किया था। इसी संबंध में विधानसभा में प्रस्ताव लाया गया है।
न्यूजबाइट्स प्लस
17 अक्टूबर, 1949 को अनुच्छेद 370 एक अस्थायी व्यवस्था के तौर पर संविधान में शामिल हुआ था। इससे जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा मिला। इसके तहत जम्मू-कश्मीर का अपना अलग झंडा और प्रतीक चिन्ह मिला। यहां के नागरिकों के पास जम्मू-कश्मीर और भारत दोनों की नागरिकता होती थी। दूसरे राज्यों के लोग यहां जमीन नहीं खरीद सकते थे। रक्षा, विदेश और संचार को छोड़कर अन्य विषय में कानून बनाने के लिए केंद्र को राज्य की अनुमति लेनी होती थी।