जम्मू-कश्मीर चुनाव: भाजपा ने घोषणा पत्र में किए ये वादे, शाह बोले- अनुच्छेद 370 अब इतिहास
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद होने जा रहे विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा ने घोषणा पत्र जारी कर दिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने खुद जम्मू पहुंचकर पार्टी का संकल्प पत्र जारी किया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि अनुच्छेद-370 इतिहास बन चुका है और अब ये कभी भी लौटकर नहीं आएगा।
उन्होंने कहा कि धारा 370 और 35 (A) बीते दौरे की बात बन गई है और अब ये हमारे संविधान का हिस्सा नहीं है।
जम्मू-कश्मीर
जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा था, है और रहेगा- शाह
शाह ने कहा, "एक जमाने में अनुच्छेद 370 की परछाई में अलगाववाद, हुर्रियत जैसे संगठन और उनके लिए नतमस्तक होती सरकारें रही हैं। आप सभी जानते हैं कि आजादी के समय से हमारी पार्टी के लिए जम्मू-कश्मीर बहुत महत्वपूर्ण रहा है। हमने इस भूभाग को भारत के साथ जोड़े रखने के लिए बहुत प्रयास किए हैं। हमारी पार्टी मानती है कि जम्मू-कश्मीर हमेशा से भारत का हिस्सा था और रहेगा। 2014 तक यहां अलगाववाद, आतंकवाद की परछाई रही।"
बयान
शाह बोले- आरक्षण को छूने नहीं देंगे
शाह ने कहा, "नेशनल कॉन्फ्रेंस का एजेंडा मैंने पढ़ा है। इसे कांग्रेस ने मूक समर्थन दिया है। उमर अब्दुल्ला को बताना चाहता हूं कि हम गुज्जर बकरवाल और पहाड़ियों के आरक्षण को आपको छूने नहीं देंगे। जम्मू-कश्मीर को सरप्लस देने वाला राज्य बनाएंगे। कश्मीर में 370 के कारण आरक्षण संभव नहीं था। मोदी सरकार ने 370 को हटाया और आरक्षण संभव हुआ। पहले गुज्जर बकरवाल को जो आरक्षण नहीं मिलता था, वो अब मिलता है।"
घोषणा पत्र
ये हैं घोषणा पत्र की बड़ी बातें
भाजपा ने 25 संकल्पों का वादा किया है।
इसमें जम्मू में तवी रिवर फ्रंट, डल झील का विकास और श्रीनगर में मनोरंजन पार्क बनाना शामिल है।
मां सम्मान योजना के तहत हर घर की वरिष्ठ महिला को हर साल 18,000 रुपये दिए जाएंगे। उज्ज्वला योजना के तहत 2 सिलेंडर मुफ्त दिए जाएंगे।
छात्रों को 10,000 रुपये कोचिंग फीस दी जाएगी। पंंडित प्रेम नाथ डोगरा रोजगाार योजना के माध्यम से रोजगार के 5 लाख अवसर पैदा किए जाएंगे।
मतदान
जम्मू-कश्मीर में कब होगा मतदान?
जम्मू-कश्मीर में 3 चरणों में विधानसभा चुनाव होना है।
पहले चरण में 18 सिंतबर को मतदान होगा। दूसरे चरण में 25 सितंबर और तीसरे चरण में 1 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी।
2014 के बाद से परिसीमन और अनुच्छेद 370 हटने के बाद से पहला विधानसभा चुनाव है। 2014 के चुनावों में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था, जिसके बाद भाजपा ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के साथ सरकार बनाई थी।