क्षमता से ज्यादा भरी हैं देश की जेलें, जानिये क्या कहते हैं आंकड़े
भारत की जेलों में क्षमता से अधिक कैदी भरे हुए हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़े भी इसकी पुष्टि करते हैं। NCRB के मुताबिक, 2016 के बाद भारत में जेलों की क्षमता में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन यह कैदियों की संख्या में हुई बढ़ोतरी की तुलना में काफी कम है। इसके चलते देशभर की जेलों में दबाव काफी बढ़ गया है। इस मामले में उत्तर प्रदेश की जेलों के हालात देश में सबसे खराब है।
इस दर से बढ़ी जेल की क्षमता और कैदियों की संख्या
बतौर NCRB, 2016 की तुलना में दिसंबर, 2018 तक जेलों की क्षमता 3 लाख 80 हजार 876 से बढ़कर 3 लाख 96 हजार 223 हो गई। यानी जेलों की क्षमता में 4.03 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। इसी दौरान इन जेलों में बंद कैदियों की संख्या 4 लाख 33 हजार 3 से 7.64 फीसदी बढ़कर 4 लाख 66 हजार 84 हो गई। पहले जहां जेलों में क्षमता से 13.7 फीसदी ज्यादा कैदी बंंद थे, वही अब बढ़कर 17.6 फीसदी हो गया।
उत्तर प्रदेश की जेलों में सबसे ज्यादा भीड़
देश की सबसे भीड़भाड़ वाली जेलों की बात करें तो उत्तर प्रदेश की जेलें पहले स्थान पर हैं। यहां जेलों में क्षमता से 76.5 फीसदी अधिक कैदी बंद है। इसके बाद सिक्किम (57.3 फीसदी) और दिल्ली (54.3 फीसदी) का नंबर आता है।
देश में घटी है जेलों की संख्या
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में जेलों की क्षमता में इजाफा हुआ है, लेकिन इसी दौरान जेलों की संख्या घटी है। 2016 में देशभर में 1,412 जेलें थीं, जो 2018 में घटकर 1,339 हो गई। इनमें से 628 उप-जेल, 404 जिला जेल, 144 सेंट्रल जेल, 77 ओपन जेल, 41 स्पेशल जेल, 24 महिला जेल, 19 बोस्टर्ल स्कूल हैं। वहीं दो जेल ऐसी हैं, जो ऊपर लिखी किसी भी कैटेगरी में शामिल नहीं होती।
जेलों में मांओं के साथ रह रहे हैं 1,999 बच्चे
31 दिसंबर, 2018 तक जेलों में लगभग 2,000 बच्चे अपनी सजा पाई मांओं के साथ रह रहे हैं। 1,732 महिला कैदियों के 1,999 बच्चों में से सर्वाधिक 509 बच्चे उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद हैं। देशभर में कुल महिला कैदियों की बात करें तो यह संख्या 19,242 है। इनमें से 3,243 महिलाओं के लिए बने 24 जेलों और बाकी 15,999 अन्य दूसरी जेलों में बंद है। महिला जेलों में कैदियों की संख्या उनकी क्षमता 5,593 का 58 फीसदी है।
जेल में बंद कैदियों में से कितने दोषी करार?
दिसंबर, 2018 तक जेलों में बंद 4 लाख 66 हजार 84 कैदियों में से 1 लाख 39 हजार 488 दोषी करार दिए जा चुके हैं और 3 लाख 23 हजार 53 का ट्रायल चल रहा है। दोषी करार दिए कैदियों की सबसे ज्यादा संख्या उत्तर प्रदेश में है। यहां 2018 तक ऐसे 28,660 कैदी बंद है। यह कुल कैदियों का 20.5 फीसदी हिस्सा है। दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश और तीसरे पर महाराष्ट्र है।
किस अपराध के कितने दोषी?
दोषी करार दिए गए कैदियों में 1 लाख 22 हजार 441 को भारतीय दंड संहिता के तहत सजा मिली है। इनमें से 1 लाख 4 हजार 17 (85 फीसदी) दूसरे व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने और 12,939 संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की सजा भुगत रहे हैं।