राज्यसभा सभापति ने 12 विपक्षी सांसदों का निलंबन वापस लेने से इनकार किया
उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने आज कहा कि मानसून सत्र के आखिरी दिन "हिंसक व्यवहार"के लिए पूरे शीतकालीन सत्र के लिए राज्यसभा से निलंबित किए गए 12 विपक्षी सांसदों का निलंबन वापस नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन सांसदों ने अपने किए पर पछतावा व्यक्त नहीं किया है। सांसदों के निलंबन को वापस लेने के विपक्ष के प्रस्ताव को खारिज करते हुए उन्होंने ये बात कही।
पिछले सत्र का कड़वा अनुभव अभी भी हमें परेशान करता है- उपराष्ट्रपति
विपक्ष के प्रस्ताव को खारिज करते हुए नायडू ने कहा, "पिछले मानसून सत्र का कड़वा अनुभव अभी भी हमें परेशान करता है। मैं उम्मीद और इंतजार कर रहा था कि सदन के बड़े नेता पिछले सत्र में जो कुछ हुआ, उस पर रोष व्यक्त करेंगे।" उन्होंने कहा कि अगर निलंबित किए गए सांसद अपने किए पर पछतावा व्यक्त करते तो इससे उन्हें मामले को सही तरीके से संभालने में मदद मिलती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
विपक्ष ने किया राज्यसभा से वॉकआउट
उपराष्ट्रपति के निलंबन वापस लेने से इनकार करने के बाद विपक्ष के सांसद राज्यसभा से वॉकआउट कर गए हैं। कांग्रेस, DMK और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने लोकसभा से भी वॉकआउट किया है जिसके बाद इसे दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दिया गया है।
सरकार ने रखा था माफी मांगने पर निलंबन वापस लेने का प्रस्ताव
बता दें कि सरकार ने आज निलंबन वापस लेने के लिए सांसदों के सामने माफी मांगने का प्रस्ताव रखा था। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा था, "सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए सरकार को मजबूरी में निलंबन का यह प्रस्ताव रखना पड़ा। लेकिन यदि ये 12 सांसद अभी भी अपने दुर्व्यवहार के लिए सभापति और सदन से माफी मांग लें तो सरकार उनके प्रस्ताव पर खुले दिल से सकारात्मक रूप से विचार करने को तैयार है।"
विपक्ष ने की थी मुद्दे पर बैठक, 16 पार्टियां हुई थीं शामिल
दूसरी तरफ विपक्ष ने इस मुद्दे पर आज सुबह बैठक की थी जिसमें कुल 16 पार्टियां शामिल हुई थीं। कांग्रेस के नेतृत्व में हुई इस बैठक में राहुल गांधी भी शामिल हुए थे। इस बैठक के बाद ही राज्यसभा के नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उपराष्ट्रपति के सामने निलंबन वापस लेने का प्रस्ताव रखा था। इससे पहले कल विपक्ष ने सरकार के इस कदम को अलोकतांत्रिक बताया था और इसे नियमों के खिलाफ बताया था।
किन सांसदों को किया गया है निलंबित?
जिन सांसदों को निलंबित किया गया है, उनमें कांग्रेस के अखिलेश प्रसाद सिंह, रिपुन बोरा, फूलो देवी नेताम, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन और छाया वर्मा शामिल हैं। इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस (TMC) के डोला सेन और शांत छेत्री, शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई, माओवादी कम्युनिस्ट पार्टी के एल्मारम करीम और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बिनाय विस्वाम शामिल हैं। प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने निलंबन को कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है।
मानसून सत्र के आखिरी दिन क्या हुआ था?
मानसून सत्र के आखिरी दिन 11 अगस्त को चर्चा के दौरान राज्यसभा में जबरदस्त हंगामा हुआ था। हंगामे के दौरान विपक्षी सांसद मेजों पर चढ़ गए थे और उन्होंने कागजों और फाइलों को तितर-बितर कर दिया था। उनका मार्शलों से भिडंत भी हुई थी। सरकार ने विपक्ष पर महिला मार्शलों के साथ धक्का-मुक्की करने का आरोप लगाया था, वहीं विपक्ष ने सरकार पर बाहरी लोगों को बुलाकर महिला सांसदों के साथ धक्का-मुक्की करने का आरोप लगाया था।