राज्यसभा में हंगामे को लेकर विपक्ष पर बरसी सरकार, कहा- विपक्ष को मांगनी चाहिए माफी

राज्यसभा में लगातार कई दिनों तक चले हंगामे के बाद सरकार और विपक्ष की लड़ाई अब सड़क पर आ गई है। विपक्ष नेताओं ने गुरुवार को संसद के मानसून सत्र के समय से पहले समाप्त होने को लेकर संसद के बाद मार्च निकाला तो वहीं केंद्र सरकार के सात मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विपक्ष पर हमला बोला है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने तो विपक्ष से देश की जनता से माफी मांगने की मांग की है।
बुधवार सुबह विपक्ष द्वारा लगातार हंगामा करने के बाद अध्यक्ष ओम बिरला ने निधार्रित समय यानी 13 अगस्त से दो दिन पहले ही लोकसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। उसके बाद शाम को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई और सरकार ने हंगामे के बीच अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से संबंधित संविधान (127वां संशोधन) विधेयक को पारित किया। हालांकि, इसके बाद हंगामे को देखते हुए सभापति वेंकैया नायडू ने कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।
राज्यसभा में बुधवार को जमकर घमासान देखने को मिला। सरकार ने एक बीमा विधेयक से संबंधित एक संशोधन पारित करने का प्रयास किया तो कई महिला कांग्रेस सांसदों ने वेल पर पहंचकर इसका विरोध किया। उन्होंने जमकर नारे भी लगाए। इसी दौरान कुछ मार्शलों ने उन्हें अपनी सीट पर जाने के लिए खींचा तो विपक्ष ने महिला सांसदों पर हमले का आरोप लगा दिया। हालातों को बिगड़ता देखकर सभापति नायडू ने कार्यवाही को स्थगित कर दिया।
मानसून सत्र के समय से पहले स्थगित किए जाने का विपक्षी दलों ने गुरुवार को संसद के बाहर मार्च निकालकर विरोध जताया। इसमें राहुल गांधी, अधीर रंजन चौधरी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार सहित कई नेता शामिल थे। राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष को संसद में बोलने का मौका नहीं दिया गया। यह लोकतंत्र की 'हत्या' है। सरकार ने देश के 60 प्रतिशत आवाज को कुचला दिया, अपमानित किया और राज्यसभा में पीटा है।
सरकार ने कहा कि मानसून सत्र में अपेक्षा के अनुसार काम नहीं हुआ। हंगामे के कारण लोकसभा में महज 22 प्रतिशत और राज्यसभा में 28 प्रतिशत काम हुआ है। हंगामे के कारण लोकसभा में 74 घंटे और राज्यसभा में 76 घंटे कामकाज बाधित हुआ है।
सरकार के सात मंत्रियों की ओर से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, "देश के लोगों ने सरकार को अपनी चिंताओं के समाधान की जिम्मेदारी दी है, लेकिन हम सभी ने देखा कि विपक्ष ने संसद को कार्य नहीं करने देने के लिए अराजकता जारी रखी।" उन्होंने कहा, "विपक्ष को आम लोगों की कोई चिंता नहीं है। जो कुछ हुआ, वह निंदाजनक है। विपक्ष को मगरमच्छ के आंसू बहाने की बजाय देश से माफी मांगनी चाहिए।"
संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा, "विपक्ष का बर्ताव मानसून सत्र के पहले दिन से ही सही नहीं था। वो संसद को चलने ही नहीं देना चाहते थे। कांग्रेस और TMC सांसदों ने इसका खुलासा भी कर दिया।" उन्होंने कहा, "विपक्ष ने नए मंत्रियों का परिचय नहीं कराने दिया। कल वह राज्यसभा में महासचिव की मेज पर चढ़ गए। इसके बाद भी उन्हें अच्छा लग रहा है और उन्हें लगता है कि उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों जैसा काम किया है।"
जोशी ने कहा कि हंगामे के दौरान विपक्ष के सांसदों ने बिना अनुमति के कार्यवाही का वीडियो बनाया। इसके अलावा जब OBC से संबंधित विधेयक पेश किया तो उन्होंने उसके बाद अन्य बिल पेश करने को लेकर बहुत बुरा होने की धमकी भी दी थी।
जोशी ने कहा, "विपक्ष के सांसदों ने शीशा और फर्नीचर तोड़ने का प्रयास किया। इससे पता चलता है कि आखिर उनकी सोच क्या है। हम चेयरमैन से उपद्रव करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं।" उन्होंने कहा, "विपक्ष के सांसदों का व्यवहार पूरी तरह अशोभनीय रहा है। हम सोमवार तक सदन चलाने को भी तत्पर थे, लेकिन उनके बर्ताव से ऐसा नहीं हो सका। इसके लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भी माफी मांगनी चाहिए।"
राज्यसभा में हंगामे पर सरकार और विपक्ष में चल रही रार के बीच राज्यसभा का एक CCTV फुटेज जारी हुआ है। जिसमें विपक्ष के सदस्य मार्शलों से जूझते दिखाई दे रहे हैं। इतना ही नहीं वह कागजों के टुकड़े-टुकड़े करके फेंकते भी दिख रहे हैं।
#WATCH CCTV footage shows Opposition MPs jostling with marshals in Parliament yesterday pic.twitter.com/y7ufJOQGvT
— ANI (@ANI) August 12, 2021
राज्यसभा के नेता पीयूष गोयल ने कहा, "कुछ सांसदों ने मंत्री के हाथों से पर्चे छीन लिए और उन्हें निलंबित किया तो हमने माफी मांगने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।" उन्होंने आगे कहा, "विपक्ष के सांसदों ने बेंचों पर खड़े होकर हंगामा किया। रूल बुक चेयर पर फेंक दी। फर्नीचर और दरवाजे तोड़ दिए। इतना ही नहीं मार्शल से मारपीट कर उसे घायल कर दिया। यह अस्वीकार्य व्यवहार है। उन्होंने पूरे देश को शर्मसार किया है।"
गोयल ने कहा छह सांसद शीशा तोड़कर जबरन सदन में घुसे थे। विपक्ष की मंशा सदन की गरिमा गिराने की रही है। अब विपक्ष नाटक कर रहा है और उलटे प्रदर्शन कर रहा है। जनता पहले की तरह एक बार फिर विपक्ष को सबक सिखाएगी।