कांग्रेस संकट: इस्तीफों के बीच आज कांग्रेस मुख्यमंत्रियों से मिलेंगे राहुल गांधी
क्या है खबर?
पार्टी नेताओं के लगातार इस्तीफों के बीच सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सभी 5 कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से बैठक करेंगे।
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद ये पहली बार है जब वह मुख्यमंत्रियों से मुलाकात कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री राहुल से इस्तीफा वापस लेने की मांग कर सकते हैं।
इससे पहले राहुल ने जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, उनके नेताओं से भी मुलाकात की थी।
मुद्दा
लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन पर हो सकती है चर्चा
खबरों के अनुसार, मुख्यमंत्रियों ने राहुल के साथ मुलाकात के लिए वक्त मांगा था, जिसके बाद राहुल ने ये बैठक बुलाई है।
पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पुडुचेरी में कांग्रेस की सरकार है।
बैठक का एजेंडा तय नहीं है लेकिन कांग्रेस शासित प्रदेशों में खराब प्रदर्शन और इस्तीफों पर चर्चा हो सकती है।
बता दें कि पंजाब को छोड़कर बाकी सभी कांग्रेस शासित हिंदी भाषी राज्यों में पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था।
जानकारी
प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे सकते हैं कमल नाथ
बैठक में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ प्रदेश पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं। उनके उत्तराधिकारी के तौर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत अन्य नामों पर चर्चा हो सकती है। सिंधिया के नाम पर कमल नाथ लाल झंडी दिखा सकते हैं।
हार की जिम्मेदारी
पार्टी नेताओं के रवैये से नाराज हैं राहुल
इससे पहले इस्तीफा देने पर अड़े राहुल गांधी ने प्रदेश इकाईयों के साथ बैठकों में नेताओं के रवैये से नाराजगी जताई थी।
उन्होंने कहा था कि लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद राज्यों के कांग्रेस नेताओं ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली।
जब कुछ वरिष्ठ नेताओं ने उनसे इस्तीफा लेने की मांग करते हुए कहा था कि वह उनके साथ है, तो उन्होंने कहा था कि जब वह अकेले लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे, तब वो सभी कहां थे।
इस्तीफों का दौर
सैकड़ों पदाधिकारियों ने इस्तीफा दे बनाया बड़े नेताओं पर दवाब
राहुल की इस नाराजगी के बाद कांग्रेस में इस्तीफों की बाढ़ आ गई, जो अभी तक नहीं थमी है।
पार्टी के सैंकड़ों युवा पदाधिकारियों ने राहुल के समर्थन मेंं इस्तीफे सौंपकर बड़े नेताओं पर दवाब बना दिया है।
इन युवा नेताओं ने यह भी कहा है कि वो बड़े नेताओं से इस्तीफा मांगने उनके घर जाएंगे।
इससे कांग्रेस में युवा बनाम अनुभव की खाई एक बार फिर बढ़ सकती है।
उन्होंने राहुल से अध्यक्ष बने रहने की अपील की है।
मांग
राज्यसभा सांसद की मांग, राहुल की तरह इस्तीफा दें बाकी वरिष्ठ नेता
वहीं, राज्यसभा सांसद और पूर्व पंजाब कांग्रेस प्रमुख प्रताप सिंह बाजवा ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल को पत्र लिखते हुए कहा है कि राहुल के इस्तीफे का अन्य नेताओं पर असर नहीं हुआ है और उनकी तरह अन्य नेताओं को भी इस्तीफा देना चाहिए।
उन्होंने लिखा है, "सभी वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारियों को राहुल का अनुकरण करते हुए अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। इसमें कांग्रेस कार्यकारिणी समिति के सभी सदस्य, सभी मुख्यमंत्री और प्रदेश प्रमुख शामिल हैं।"
बयान
युवा नेतृत्व को आगे बढ़ाना चाहते हैं बाजवा
बाजवा ने कहा था, "मेरी नए नेतृत्व की मांग कर रहा हूं, जो हतोत्साहित पार्टी कार्यकर्ताओं में उद्देश्य की एक नई भावना जागृत करे।" उन्होंने कहा था कि इसके बाद राहुल ने संगठन में जिन बदलावों की कल्पना की है, वह कर सकेंगे।
लोकसभा चुनाव
लोकसभा चुनाव में हार के बाद आया था कांग्रेस में भूचाल
कांग्रेस के इस संकट की शुरूआत लोकसभा चुनाव में करारी हार से हुई है।
कांग्रेस मात्र 52 सीट जीत पाई और जिन राज्यों में उसकी सरकार है, वहां भी उसका प्रदर्शन बेहद खराब रहा।
पार्टी मध्य प्रदेश की 29 में से 1 और छत्तीसगढ़ की 11 में से 2 जीत पाई।
राजस्थान की 25 सीटों पर तो उसका सूपड़ा साफ हो गया।
हालांकि पंजाब में पार्टी का प्रदर्शन थोड़ा बेहतर रहा और उसने 13 में से 8 सीटें जीतीं।