मध्य प्रदेशः आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में भाजपा विधायक गिरफ्तार
मध्य प्रदेश के नीमच से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दिलीप सिंह परिहार को आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। मंदसौर से मौजूदा सांसद सुधीर गुप्ता को फिर से उम्मीदवार बनाए जाने की खुशी में परिहार ने बाइक रैली और जूलूस निकाला था। इसके लिए उन्होंने चुनाव आयोग से इजाजत नहीं ली थी। रैली का वीडियो वायरल होने के बाद आयोग ने पुलिस में इसकी शिकायत दी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया।
5 अप्रैल तक जेल भेजे गए विधायक
पुलिस ने परिहार के अलावा नीमच नगर पालिका प्रमुख राकेश जैन और भाजपा नेता संतोष चोपड़ा समेत 20 से अधिक लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। गिरफ्तार विधायक समेत इन सभी लोगों को 28 मार्च को सत्र एवं जिला न्यायालय के सामने पेश किया गया। यहां से कोर्ट ने परिहार को 5 अप्रैल तक के लिए कनावटी जेल भेज दिया है। उनके साथ गिरफ्तार किए गए तीन अन्य लोगों को कोर्ट ने चेतावनी देकर छोड़ दिया है।
पुलिस के साथ विधायक
चुनावों की घोषणा के साथ ही लागू हुई आचार संहिता
चुनाव आयोग ने 10 मार्च को लोकसभा चुनावों की घोषणा की थी। इसके साथ ही देशभर में आचार संहिता लागू हो गई है। बता दें, चुनाव आयोग ने निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने के लिए कुछ नियम बनाए हैं, इन्हें नियमों को आचार संहिता कहा जाता है। आचार संहिता के तहत सरकारी कर्मचारी, राजनेता, राजनीतिक दलों से जुड़े लोग और मतदाता आते हैं। यानी चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने वाला हर व्यक्ति आचार संहिता के दायरे में आता है।
राजनेताओं के लिए क्या है आचार संंहिता के नियम
आचार संहिता लागू होने के बाद राजनीतिक पार्टियों, उनके उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं को किसी भी प्रकार की रैली या जुलूस निकालने से पहले स्थानीय प्रशासन से इजाजत लेनी होती है। नेता अपने भाषणों में जाति, धर्म के आधार पर वोट की अपील नहीं कर सकता और न ही वह ऐसी कोई बात कर सकता है जिससे समाज में नफरत फैलने की संभावना हो। यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि राजनीतिक दल मतदाताओं को किसी प्रकार का लालच न दे।
अगर ऐसा न हो तो?
इन नियमों के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है। अगर कोई उम्मीदवार इन नियमों का पालन नहीं करता है तो उसका नामांकन रद्द किया जा सकता है। कई मामलों तो नियमों के उल्लंघन करने वालों को जेल भी हो सकती है।