#NewsBytesExplainer: सजा पर रोक का क्या असर पड़ेगा और राहुल गांधी के पास आगे क्या विकल्प?
क्या है खबर?
गुजरात के सूरत की सेशन कोर्ट ने मानहानि मामले में दोषी कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाते हुए उनकी जमानत को 13 अप्रैल तक बढ़ा दिया है। हालांकि, कोर्ट ने फैसले पर कोई रोक नहीं लगाई है।
उसने शिकायत दर्ज करवाने वाले भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी को 10 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।
आइए समझते हैं कि कोर्ट के आज के फैसले का क्या असर पड़ेगा।
याचिका
पहले जानें राहुल ने अपनी याचिका में क्या-क्या मांगें की थीं
कांग्रेस नेता राहुल ने सोमवार को याचिका दाखिल कर सेशन कोर्ट से मानहानि मामले में उन्हें दोषी ठहराने वाले मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश को रद्द करने की मांग की।
इसके साथ उन्होंने दो आवेदन दिए हैं। पहले आवेदन में 2 साल की सजा पर रोक लगाने की मांग की गई है, जिसे सामान्य जमानत का आवेदन भी माना जा सकता है।
दूसरे आवेदन में उन्होंने मामले के निपटारे तक दोषसिद्धि पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की है।
फैसला
सेशन कोर्ट के फैसले का क्या असर होगा?
सूरत की सेशन कोर्ट ने राहुल के पहले आवेदन को स्वीकार कर लिया है और उनकी 2 साल की सजा पर अंतरिम रोक लगाते हुए उन्हें जमानत दे दी है। इस फैसले के बाद राहुल पर हाल-फिलहाल जेल जाने का खतरा नहीं है।
हालांकि, अभी कोर्ट ने दोषसिद्धि पर रोक की मांग करने वाले दूसरे आवेदन को स्वीकार नहीं किया है। अगर राहुल को अपनी सांसदी वापस पानी है तो उन्हें सजा पर नहीं, बल्कि दोषसिद्धि पर रोक लगवानी होगी।
रास्ता
राहुल के पास सदस्यता बहाल करवाने के लिए आगे क्या रास्ते हैं?
राहुल को मामले की सुनवाई के दौरान सजा के साथ ही दोषसिद्धि के कोर्ट के फैसले पर भी रोक लगवानी होगी, तभी उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल हो सकती है।
सेशन कोर्ट से राहत न मिलने पर राहुल फैसले को चुनौती देते हुए गुजरात हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर सकते हैं।
हाई कोर्ट से भी राहत नहीं मिलने पर राहुल अंतिम विकल्प के तौर पर सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं।
मामला
क्या फैसले पर रोक के बाद बहाल हो सकती है राहुल की सदस्यता?
कानून के मुतबिक, अगर सूरत कोर्ट, गुजरात हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट दोषसिद्धि के फैसले पर रोक लगा देती है तो राहुल की सांसदी बहाल हो जाएगी।
हाल ही में केरल हाई कोर्ट से राहत मिलने के बाद लक्षद्वीप के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के सांसद मोहम्मद फैजल की लोकसभा सदस्यता बहाल कर दी गई थी।
एक कोर्ट द्वारा हत्या के प्रयास मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद फैजल की सदस्यता जनवरी में रद्द की गई थी।
सजा
राहुल को किन धाराओं के तहत पाया गया था दोषी?
कोर्ट ने राहुल को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 499 और 500 के तहत दोषी पाया था।
धारा 499 में मानहानि के प्रावधानों का जिक्र है, जबकि धारा 500 में मानहानि के लिए सजा का प्रावधान है।
मानहानि का दोषी साबित होने पर धारा 500 के तहत अधिकतम 2 वर्ष जेल की सजा और जुर्माना लगाया जा सकता है। राहुल को इसी धारा के तहत 2 साल जेल की सजा और 15,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई थी।
कानून
किस कानून के तहत गई थी राहुल की लोकसभा सदस्यता?
राहुल की संसद सदस्यता लोक प्रतिनिधित्व कानून, 1951 के तहत रद्द की गई है।
इस कानून की धारा 8(3) के मुताबिक, यदि किसी जन प्रतिनिधि को किसी भी मामले में 2 या इससे अधिक साल की सजा होती है तो उसकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी।
पहले इस कानून की धारा 8(4) के तहत सजा होने के 3 महीने बाद सदस्यता रद्द होने का फैसला लागू होता था, लेकिन 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया था।
रोक
सजा बरकरार रहने पर राहुल के चुनाव लड़ने पर लग सकती है रोक
लोक प्रतिनिधित्व कानून के मुताबिक, दोषी सांसद या विधायक सजा पूरी होने के 6 साल बाद तक चुनाव नहीं लड़ सकता है।
अगर राहुल की सजा बरकारार रहती है तो राहुल 2 वर्ष जेल की सजा पूरी होने के 6 साल बाद तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इसका मतलब राहुल 2031 तक चुनावी मैदान में नहीं उतर पाएंगे।
इस बीच 2024 और 2029 में 2 लोकसभा चुनाव भी आयोजित होंगे।
मामला
क्या है मानहानि का पूरा मामला?
सूरत की कोर्ट ने राहुल को मोदी सरनेम से जुड़े मानहानि मामले में दोषी करार देते हुए 2 साल की कैद और 15,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। इसके बाद लोकसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता को रद्द कर दिया था।
राहुल ने 2019 लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी होता है। इस बयान के खिलाफ सूरत में मानहानि का केस दर्ज हुआ था।