महिला आरक्षण: राहुल गांधी ने OBC को लेकर कांग्रेस सरकार के किस फैसले पर जताया अफसोस?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार महिला आरक्षण विधेयक को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि इस विधेयक में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण होना चाहिए, लेकिन सरकार इसे नजरअंदाज कर रही है। कांग्रेस सरकार के 2010 के विधेयक में OBC महिलाओं को आरक्षण नहीं देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का अफसोस है और उस समय ही OBC को आरक्षण में शामिल करना चाहिए था।
सरकार की जातिगत जनगणना से ध्यान भटकाने की कोशिश- राहुल
राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषण में खुद के OBC हितैषी होने का दावा करते हैं, लेकिन ये सच है कि वह OBC को आगे नहीं आने देना चाहते हैं। उन्होंने कहा, "महिला आरक्षण आज लागू किया जा सकता है, लेकिन सरकार यह करना नहीं चाहती है। सच्चाई ये है कि महिला आरक्षण OBC को भी दिया जा सकता है। ये केवल सरकार की जातिगत जनगणना से ध्यान भटकाने की कोशिश है।"
राहुल बोले- सरकार को जातिगत जनगणना करानी चाहिए
राहुल ने कहा, "मैंने संसद में कहा था कि आजादी का आंदोलन हिंदुस्तान के लोगों के हाथ में शक्ति सौंपने का एक तरीका था। जातिगत जनगणना से जो आंकड़े निकलेंगे, वह हिन्दुस्तान की जनता को और शक्ति सौंपने का एक प्रभावी तरीका होगा। हमें OBC, दलित, आदिवासियों और महिलाओं को शक्ति देनी है।" उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार को जातिगत जनगणना करानी चाहिए और हमारी सरकार आएगी तो सबसे पहले जातिगत जनगणना कराई जाएगी।"
राहुल ने पूछा- क्या देश में OBC की आबादी केवल 5 प्रतिशत है?
राहुल ने कहा, "मैंने संसद में पूछा था कि सरकार के 90 सचिवों में से केवल 3 OBC समुदाय से क्यों हैं? ये देश का कितना बजट कंट्रोल कर रहे हैं? मैं रिसर्च में पाया कि ये OBC अधिकारी केवल 5 प्रतिशत बजट ही कंट्रोल करते हैं।" उन्होंने कहा, "क्या देश में OBC की आबादी केवल 5 प्रतिशत है? मुझे ये पता लगाना है कि हिंदुस्तान में OBC कितने हैं और जितने हैं, उतनी भागीदारी उन्हें मिलनी चाहिए।"
लोकसभा में OBC सांसदों के पास कोई शक्ति नहीं- राहुल
राहुल ने कहा, "लोकसभा को लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है। आप किसी भी OBC सांसद से पूछ लीजिए कि वो कोई निर्णय लेते हैं। कौन कानून बनाता है या उसे बनाने की प्रक्रिया में भाग लेता है?" उन्होंने कहा, "जैसे मंदिर में मूर्तियां होती हैं, वैसे ही लोकसभा में OBC सांसदों को मूर्ति की तरह सजाया गया है। उनके पास कोई शक्ति नहीं है और देश चलाने में उनकी कोई भागेदारी नहीं है।"
विधेयक में OBC के लिए आरक्षण न होने का मुद्दा क्या है?
विधेयक में राज्य विधानसभाओं, दिल्ली की विधानसभा और लोकसभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गई हैं। इन 33 प्रतिशत में से एक तिहाई सीटें SC/ST महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी, यानी SC/ST महिलाओं को आरक्षण के भीतर ही आरक्षण मिलेगा। OBC महिलाओं को ऐसा कोई लाभ नहीं मिलेगा। इसी के कारण विपक्ष ने इस पर सवाल उठाए हैं और इसके समर्थन में वोट देने के बावजूद सरकार से इसमें सुधार करने को कहा है।
विपक्ष ने दोनों सदनों में भी उठाया था OBC आरक्षण का मुद्दा
लोकसभा और राज्यसभा में विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों ने OBC का मुद्दा उठाया था। विपक्ष ने मांग की थी कि विधेयक में OBC को भी आरक्षण दिया जाना चाहिए। इसके अलावा विपक्ष ने कहा कि विधेयक को जनगणना और परिसीमन तक न रोककर तुरंत प्रभाव से लागू किया जाए, ताकि आगामी चुनाव में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिल सके। हालांकि, सरकार ने विपक्ष की मांगों को खारिज कर दिया।