लोकसभा चुनाव के समय बेंगलुरू पुलिस ने अवैध तरीके से टेप किए 30 लोगों के फोन
क्या है खबर?
लोकसभा चुनावों के बाद बेंगलुरू पुलिस ने लाल चंदन की तस्करी पर लगाम लगाकर इसे अपनी बड़ी उपलब्धि बताया था।
पुलिस ने इस मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया और लगभग चार करोड़ रुपये की कीमत का 4,000 किलो चंदन बरामद किया था।
अब पता चला है कि उस मामले की जांच की आड़ में बेंगलुरू पुलिस ने अवैध तरीके से राज्य में कई लोगों के फोन टेप किए थे।
आइये, यह पूरी खबर जानते हैं।
फोन टेपिंग
लोकसभा चुनाव के आसपास हुई फोन टेपिंग
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, लोकसभा चुनाव के आसपास बेंगलुरू पुलिस ने लगभग 30 लोगों के फोन टेप किए थे।
इनमें से चंदन तस्करों के फोन टेप करने की अनुमति थी, लेकिन कुछ अन्य लोगों को इस सूची में डालकर अवैध तरीके से उनके फोन टेप किए गए।
कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिरने के समय भी अवैध फोन टेपिंग जारी रही।
जिन लोगों के फोन टेप किए गए, उनमें वोक्कालिगा समुदाय के निर्मलानंद स्वामी और एक लोकसभा उम्मीदवार शामिल हैं।
जानकारी
लगभग एक साल तक चली थी टेपिंग
बताया जा रहा है अवैध तरीके से लोगों की फोन टेपिंग अगस्त, 2018 से शुरू होकर अगस्त, 2019 तक चली। राज्य की भाजपा सरकार ने इस मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी CBI को सौंपी है।
मामला
सिस्टम से बाहर डायवर्ट की गई टेप की गई कॉल्स
बेंगलुरू पुलिस ने कई महीनों तक चंदन तस्करों को सर्विलांस पर रखा था।
इस दौरान पुलिस को पता चला कि कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल और महाराष्ट्र से चीन तक चंदन तस्करी का खेल चल रहा है।
सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने चंदन तस्करों पर अपनी इस सबसे बड़ी जांच के दौरान कई जाने-माने लोगों के फोन टेप किए।
सिर्फ इतना ही नहीं पुलिस ने टेप की गई कॉल्स को फोन इंटरसेप्शन सिस्टम से बाहर भी डायवर्ट किया था।
जांच
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से पूछताछ कर चुकी है CBI
एजेंसी ने इस मामले को लेकर बेंगलुरू पुलिस के तत्कालीन कमिश्नर आलोक कुमार समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ की है।
एजेंसी ने उन पुलिसकर्मियों के बयान भी दर्ज किए हैं जो टेपिंग के मामले से सीधे तौर पर जुड़े हैं।
उनमें से कइयों ने बताया है कि उन्होंने ऊपर से मिले आदेशों के आधार पर फोन टेप किए थे। सूत्रों ने कहा कि कई लोगों की टेपिंग की अनुमति बेंगलुरू पुलिस कमिश्नर के स्तर पर ली गई थी।
जानकारी
आलोक कुमार के घर हुई छापेमारी
पिछले महीने CBI ने जांच के सिलसिले में आलोक कुमार के दफ्तर और घर पर छापेमारी की थी। कुमार के कार्यकाल के दौरान ही अधिकर टेपिंग हुई थी। कुमारस्वामी के मुख्यमंत्री रहते हुए कुमार को इस साल जून में बेंगलुरू पुलिस कमिश्नर बनाया गया था।