सुप्रीम कोर्ट पहुंचा महाराष्ट्र की नई सरकार का मामला, रविवार सुबह होगी सुनवाई
महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फड़णवीस को शपथ लेने के लिए बुलाने के आदेश को चुनौती दी थी। इस पर रविवार सुबह 11:30 बजे सुनवाई होगी। तीनों पार्टियों ने अपने बहुमत का दावा किया है और मांग की है कि रविवार को महाराष्ट्र विधानसभा को फ्लोर टेस्ट होना चाहिए।
NCP की बैठक खत्म
दूसरी तरफ NCP प्रमुख शरद पवार की अपने विधायकों के साथ बैठक खत्म हो गई है। शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले विक्टरी का साइन बनाते हुए बैठक से बाहर आईं। इससे पहले शिवसेना के विधायकों की बैठक हुई थी।
अजित पवार को विधायक दल के नेता के पद से हटाया गया
NCP ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए अजित पवार को विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया है। उनकी जगह जयंत पाटिल को विधायक दल का नेता बनाया गया है। बताया जा रहा है कि NCP के 54 विधायकों में से 48 विधायकों ने इस बैठक में भाग लिया था। गौरतलब है कि शनिवार सुबह अजित पवार ने भाजपा को समर्थन दिया था। इसके बाद राज्यपाल ने उन्हें मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई।
बैठक से बाहर आते हुए शरद पवार
अजित पवार का निजी फैसला- शरद पवार
शनिवार को शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि भाजपा को समर्थन देने का फैसला अजित पवार का निजी फैसला है। यह पार्टी की विचारधारा के खिलाफ है। NCP का कोई भी कार्यकर्ता भाजपा के पास नहीं जाएगा। शरद पवार ने कहा कि विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 30 नवंबर तक का समय है, लेकिन उनके पास बहुमत नहीं है। उन्होंने कहा कि अजित के पास विधायकों के हस्ताक्षर वाली चिट्ठी है, जिसका दुरुपयोग किया गया।
तेजी से बदला था महाराष्ट्र का सियासी घटनाक्रम
शनिवार सुबह नाटकीय सियासी घटनाक्रम के बीच देवेंद्र फड़णवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उनके साथ अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल बीएस कोशियारी ने दोनों को शपथ दिलाई। शुक्रवार शाम तक कांग्रेस, शिवसेना और NCP के बीच सरकार गठन को लेकर बैठक हुई थी। इस बैठक के बाद शरद पवार ने कहा था कि तीनों पार्टियां मिलकर सरकार बनाएगी, लेकिन शनिवार को फड़णवीस ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।